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Saturday, May 22, 2021

आज का पंचांग दिनांक 22 मई 2021 (Today's almanac dated 22 may 2021)

               



आज का पंचांग दिनांक 22 मई 2021 (Today's almanac dated 22 may 2021):-दशमी तिथि के स्वामी:-दशमी तिथि के स्वामी काल देव जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे काल देव जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे, जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे, बुरे समय से रक्षा हो सके और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।

दशमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-दशमी तिथि के दिन मनुष्य को अपने मकान की स्थापना, शादी, यात्रा, उपनयन, शांति और पौष्टिक काम करना उत्तम रहता है।


एकादशी तिथि के स्वामी:-एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेवाजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे विश्वदेवाजी की कृपा दृष्टि मनुष्य पर बनी रहे।जिससे मनुष्य के जीवन के सभी निर्माण से सम्बंधित कामों में कामयाबी मिल सके और जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे, बुरे समय से रक्षा हो सके और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।

एकादशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-एकादशी तिथि के दिन मनुष्य को आभूषण, शिल्प, नृत्य, चित्रकारी, गृह, सम्बन्धी काम, शादी, यात्रा, उपनयन, शांति और पौष्टिक काम करना उत्तम रहता है।


विशेष:-आज के दिन मोहिनी एकादशी व्रत का दिवस हैं। इस दिन गौमूत्र का चरणामृत लेना चाहिए।

         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक-------------------22 मई 2021          

महीना (अमावस्यांत् )---------वैशाख

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------वैशाख

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष

कलियुगाब्द्--------------------5123

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत

शक संवत्----------------------1943 शक संवत

ऋतु-----------------------------ग्रीष्म ऋतु

सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे

सूर्य का गोल------------------उत्तर गोले

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद

संवत्सर--------------------------प्लव 



       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----दशमी तिथि प्रातःकाल 09:15:18 तक रहेगी,

उसके बाद एकादशी तिथि शुरू होगी।

वार-------------शनिवार

नक्षत्र---उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र दोपहर 14:04:39 तक रहेगा,

उसके हस्त नक्षत्र शुरू होगा।

योग....वज्र योग सायंकाल 18:16:06 तक  रहेगा।

करण...गर करण प्रातःकाल 09:15:18 तक रहेगा,उसके बाद 

करण...वणिज करण  रात्रिकाल 20:03:10 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि--कन्या राशि में चन्द्रमा शुरू होगा।

सूर्य की राशि---------वृषभ राशि में सूर्य रहेगा।

सौर प्रविष्टे............09,ज्येष्ठ।



सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:28:08।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 19:07:45।

चन्द्रोदय का समय:-दोपहर 14:38:33।

चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 27:08:04।

दिनमान का समय:-दोपहर 13:39:37।

रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 10:19:57। 



आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-

तीसरे चरण पा अक्षर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का समय प्रातःकाल 08:27:31 तक रहेगा।

चौथा चरण पी अक्षर उत्तराफाल्गुनी क्षत्र का समय दोपहर 14:04:39 तक रहेगा।

पहला चरण पू अक्षर हस्त नक्षत्र का समय रात्रिकाल 19:39:28 तक रहेगा।

दूसरे चरण ष अक्षर हस्त नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 25:12:06 तक रहेगा। 



 ।।आंग्ल मतानुसार 22 मई  2021  ईस्वी सन।


   ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।     

शनिवार वार          

राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:53 से 10:35 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:00 से 15:43 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 05:28 से 07:11 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:17 से 08:12 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।



        ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 11:51 से दोपहर 12:45 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।



   ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।

दिशाशूल:-पूर्व दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल या उड़द का दान करके या अदरक खाकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता हैं।



 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ trघंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:28 से 07:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:11 से 08:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:53 से 10:35 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:35 से 12:18 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ  रहेगा।

चर का चौघड़िया:-दोपहर 12:18 से 14:00 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 14:00 से 15:43 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 15:43 से 17:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-सायंकाल 17:25 से 19:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

       


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:08 से 20:25 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:25 से 21:43 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:43 से 23:00 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 23:00 से 24:18 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:18 से 25:35 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:35 से 26:53 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:53 से 28:10 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:10 से 29:28 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


 

।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-वृषभ लग्न 6°59' गति 36°59' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र :- कृत्तिका  नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-उत्तराफाल्गुनी  नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-वृषभ राशि मे कृत्तिका नक्षत्र के चौथे चरण के ए अक्षर में रहेंगे।

चन्द्रमा ग्रह:-कन्या राशि में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के तीसरे चरण के पा अक्षर में रहेंगे।

मंगल ग्रह:-मिथुन राशि में पुनर्वसु नक्षत्र के पहला  चरण के के अक्षर में रहेंगे।

बुध ग्रह:-वृषभ राशि में मृगशिरा नक्षत्र के दूसरा चरण के वो अक्षर में रहेगा।

गुरु ग्रह:-कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण के गे अक्षर में रहेगा। 

शुक्र-ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण के वु अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीसरे चरण के खे अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण के वी अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के नो अक्षर में रहेगा। 


    ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


22 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 04 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 4,13,22 और 31 तारीख।

शुभ-वार:-शनिवार, रविवार व सोमवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 4,13,22,31,40,49,58,67,76,85 एवं 94 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-आग्नेय(दक्षिण-पूर्व)।

शुभ-रंग:-नीला,खाकी,मटमैला(सलेटी)।

शुभ-रत्न:-गोमेद।

शुभ-धातु:-मिश्रित धातु।

आराध्य-देव:-गणेश जी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ रां रांहवे नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                 13    8     15 

                 14   12    10 

                  9     16    12 

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4,5,6 एवं 8 ।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1,2,7 एवं 9।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।