Breaking

Monday, November 16, 2020

आदमी या लड़को की कुण्डली के योग(नपुंसकता योग) male या boy birth


आदमी या लड़को की कुण्डली के योग(नपुंसकता योग) Male or Boy birth chart factors (Impotence yoga):-प्रत्येक स्त्री-पुरुष को दाम्पत्य जीवन में शारीरिक सुख की चाहत होती हैं, जिससे एक-दूसरे के सहारे पूर्ण कर पाते हैं, लेकिन किन्हीं वजह से जब यह विषय भोग की कामना पुरुष के द्वारा पूर्ण नहीं होने से उस स्त्री का जीवन नरक के समान बन जाता हैं। इस विषय भोग की कामना की पूर्ति के नहीं होने के कई तरह के कारण हो सकते हैं। इन कारणों को निम्नलिखित माध्यम से जाना जा सकता हैं।




Male or Boy birth chart factors (Impotence yoga)





नपुंसकता का अर्थ :-आदमी और लड़कों में वीर्य धातु का नष्ट होना होता है,जिससे वह औरत या लड़की के साथ मैथुन नहीं कर पाता है व औरत या लड़की को सम्भोग क्रिया से संतुष्ट नहीं कर सकता है, उस बीमारी को नपुंसकता कहते है।



मनोवैज्ञानिक नपुंसकता:-आदमी या लड़को में चिंता या आशंका के कारण  यौनक्रिया को सफलतापूर्वक पुुरा न कर पाते है, तो उस तरह की नपुंसकता को मनोवैज्ञानिक नपुंसकता कहते है। जो आदमी या लड़के इरेक्शन प्राप्त करने को लेकर चिंतित होते है वह इस मामले में कभी भी सुकून से नहीं रह सकता और शायद इरेक्शन हासिल भी नहीं कर पाते है।



मनोवैज्ञानिक नपुंसकता के कारण:-आदमी या लड़कों के द्वारा अधिक दारू पीने, शरीर में वसा के अधिक इकट्ठा होने मोटापा का होना, बहुत गुस्सा करने से, मन के अंदर तनाव का होना, चिंता, अपराध बोध से ग्रस्त होने और अन्य कई तरह के भावनात्मक कारणों की वजह से मनोवैज्ञानिक नपुंसकता  होती है।



शारिरिक नपुंसकता:-आदमी या लड़को में जब उनकी माता के गर्भ में उनका निर्माण होता है, तब उनकी माता गर्भ में किसी तरह का गर्भ निर्माण के समय किसी तरह का शरीर का पूर्ण तरह से विकास नहीं हो पाता है जिससे उन आदमी या लड़कों के शरीर के अंग में कमी रह जाती है और वह युवावस्था में नपुंसकता का शिकार हो जाते है।




शारीरिक नपुंसकता के कारण:-आदमी या लड़कों के शरीर में किसी तरह की चोट लगने, बीमारी, हार्मोन के ठीक नहीं होने से, मधुमेह, उच्च रक्तचाप या नशीली दवाओं की वजह से शारिरिक नपुंसकता हो सकती है।



ज्योतिषीय योग के द्वारा नपुंसकता:-आदमी या लड़कों  में नपुंसकता के दोष को जन्मकुंडली को देखकर जान सकते है, की नपुंसकता जन्मजात है या किसी दूसरे शारिरिक या मानसिक वजह से है। नपुंसकता को जानकर विवाह करवाते है तो उन मानवों का वैवाहिक जीवन खुशहाली से बीतता है। कुछ ज्योतिषीय योग निम्न तरह के है, इन योगों से जान सकते कि अमुक आदमी या लड़के में नपुंसकता गुण है।



◆यदि बुध+शनि का सयोंग सातवें व आठवें घर में होनें पर आदमी या लड़के नपुंसक होता हैं।



◆यदि मंगल या शनि या इन दोनों की दृष्टि आठवें घर में स्थित शुक्र पर हो, तो आदमी या लड़के को धातु या वीर्य सम्बन्धी बीमारी या हस्तमैथून खराब रुचि होती हैं।



◆यदि शनि की दृष्टि आठवें घर में स्थित शुक्र+मंगल के सयोंग पर हो, तो आदमी या लड़के को धातु या वीर्य सम्बन्धी बीमारी या हस्तमैथून और अण्डकोषों से सम्बन्धी बीमारी हो सकती है।



◆यदि शनि की दृष्टि सातवें घर में स्थित शुक्र+मंगल के सयोंग पर हो, तो आदमी या लड़के को मैथुन से मैथुन सम्बन्धी बीमारी हो सकती है।



◆यदि जन्मकुंडली के आठवे घर में शुक्र के साथ शनि या राहु स्थित हो, तो आदमी या लड़कों को वीर्य सम्बन्धी बीमारी और हस्तमैथून की खराब रुचि हो सकती हैं।



◆आठवें घर में बुध हो और पहले घर में शनि के साथ राहु का सयोंग हो, तो आदमी या लड़कों में पुरुषत्व से कमजोर या नपुंसक होता हैं।



◆यदि शनि या राहु या केतु में से कोई एक भी ग्रह शुक्र व चन्द्रमा के साथ में हो, तो आदमी या लड़को में पुरुषत्व से कमजोर या नपुंसक होते है।



◆यदि मंगल या राहु या केतु में से कोई एक भी ग्रह चन्द्रमा व शनि के साथ में हो, तो आदमी या लड़को में पुरुषत्व से कमजोर या नपुंसक होते है।



◆आठवें घर में शनि के साथ में राहु या केतु वृश्चिक या कुम्भ लग्न की कुंडली में हो, तो आदमी या लड़कों में पुरुषत्व से कमजोर या नपुंसक होते है।



◆यदि शुक्र अस्त हो या नीच राशिगत हो और पहले घर में शनि+राहु का सयोंग होनें पर भी आदमी या लड़कों में पुरुषत्व से कमजोर या नपुंसक होते है।



◆यदि बुध एवं शनि का सयोंग किसी भी घर में हो और शुक्र अस्त होकर साथ में हो, तो आदमी या लड़कों को पुरुषत्व की कमी या नपुंसकता बीमारी होती हैं।



◆आठवें घर में पापग्रह बैठे हो और उन पर पापग्रहों की दृष्टी होने पर भी आदमी या लड़कों में पुरुषत्व से कमजोर या नपुंसकता या गुप्त बीमारी हो सकती हैं।



आठवें घर और आठवें घर के स्वामी पर पापग्रह और शनि के द्वारा देखा जाये सिंह या कन्या लग्न की कुंडली में हो, तो आदमी या लड़कों में पुरुषत्व से कमजोर या नपुंसक होते है।


यदि गुरु छठवें घर में स्थित हो वृषभ या सिंह लग्न की कुण्डली में तो आदमी या लड़को को कोई गुप्तांग बीमारी हो सकती हैं।