पशु-पक्षियों की सेवा से सुख-समृद्धि:-ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचाव और शुभ फल को बढ़ाने के अनेक उपाय पचलन में हैं। इनमें से पशु-पक्षियों की सेवा भी एक है।
भारतीय परिवारों में भोजन से पहले गाय-कुत्ते के लिए प्रतिदिन रोटी निकालने की परंपरा देखने को मिलती हैं तो विभिन्न अवसरों पर पशुओं की पूजा भी होती है।
विभिन्न ग्रहों के कुप्रभाव से मुक्ति के लिए ग्रह-विशेष से सम्बंधित पशु-पक्षी की सेवा करनी चाहिए-
रवि:-रवि की शांति के लिए लाल गाय या सांड को गेंहू और गुड़ खिलाना,गौरैया को दाना चुगाना आदि उपाय करने चाहिए।
सोम:-सोमवार को गाय को गुलगुले खिलाना, खरगोशों को दूब चराना, चींटियों को मीठा डालना आदि सोम ग्रह के शांति के लिए उपाय करना चाहिए।
भौम:-मंगलवार को बन्दरों को चना खिलाना, लंगूरों को केले खिलाना, मुर्गियों को दाना चुगाना आदि भौम ग्रह की शांति के लिए उपाय करने से फायदा मिलता है।
सौम्य:-बुधवार को गाय को घास या हरी सब्जी खिलाना,तोतों को हरी मिर्च खिलाना या दाना चुगाना आदि सौम्य ग्रह की शांति के लिए उपाय करने से फायदा मिलता है।
जीव:-गुरुवार को गाय को चने की दाल और गुड़ खिलाना,पीली गाय की पूजा करना, बतखों को दान चुगाना आदि जीव ग्रह की शांति के लिए उपाय करने से फायदा मिलता है।
भृगु:-शुक्रवार को कपिला गाय को आटा खिलाना,कबूतरों को दाना चुगाना, कुत्ते को मीठी रोटी खिलाना,मोर को दाना चुगाना आदि भृगु ग्रह की शांति के लिए उपाय करने से फायदा मिलता है।
मन्द:-शनिवार को भैंस या भैंसा को रातब खिलाना, काली बकरी को पत्ते खिलाना, काली बिल्ली को दूध पिलाना आदि मन्द ग्रह की शांति के लिए उपाय करने से फायदा मिलता है।
राहु:-सांप की सेवा,कुत्ते को दूध पिलाना, कछुओं को आटे की गोली खिलाना, कौओं को रोटी डालना आदि राहु ग्रह की शांति के लिए उपाय करने से फायदा मिलता है।
केतु:- मछली को सतंजा की गोली डालना,मछली को रामनाम की गोली डालना,अजगर सेवा,कौवों को चुग्गा डालना आदि केतु ग्रह की शांति के लिए उपाय करने से फायदा मिलता है।
गो-सेवा से धन-वैभव:-भारतीय संस्कृति में पशु-पक्षियों का कितना महत्व है यह इससे ही जाना जा सकता है की प्रत्येक देवी-देवता के साथ कोई न कोई पशु-पक्षी जरूर नजर आता है। देवी दुर्गा की सवारी शेर है तो गणेश जी की चूहा। भगवान शंकर बैल के संग नजर आते हैं तो देवी सरस्वती मयूर के। श्रीकृष्ण का गो-प्रेम तो लोगों को गाय पालने और सेवा करने की प्रेरणा देता हैं। भारतीय समाज में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। इस माना जाता है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता हैं, इसलिए गो-सेवा से सारे ग्रहों को प्रसन्न किया जा सकता है और समस्त प्रकार के भौतिक सुख प्राप्त किए जा सकते है।
आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया:-अधिकतर मनुष्यों की आय तो अच्छी-खासी होती है, लेकिन उनको परेशानी अपने खर्चों को लेकर रहती हैं। पशु-सेवा से बिना मतलब व बढ़ते खर्चों को नियंत्रित कर सकते है। अलग-अलग राशि या लग्न के मनुष्यों को विभिन्न पशु-पेशियों की सेवा करके अनेक फायदा उठा सकते है। कार्य-विशेष के लिए उस घर या भाव से सम्बंधित ग्रह के प्रतिनिधि पशु-पक्षियों की सेवा से फायदा उठाया जा सकता है।
यदि आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया जैसी स्थिति बन रही हो तो पशु-पक्षियों की सेवा से स्थिति को सुधारी जा सकती हैं।
खर्च के भाव से सम्बंधित पशु-पक्षी विभिन्न राशि वालों को खर्च-नियंत्रण में मदद करते है।
पशु-सेवा:-में पशुओं को पालने से लेकर उनके भोजन की व्यवस्था, उनकी देखरेख, उनका रोगोपचार, प्रताड़ना से मुक्ति, जीवन-रक्षा आदि शामिल हैं।
जहां पालतू पशु-पक्षियों की सेवा घर पर कर सकते है, वहिं जंगली पालतू पशुओं व पक्षियों के लिए भोजन,पानी आदि की सुविधा के लिए चिड़ियाघर में उस निमित्त सहायता राशि देकर कर सकते है।
खर्च को काबू में करना:- खर्च को नियंत्रण करने के लिए द्वादश राशि या लग्न वालों निम्नलिखित प्रकार से पशू-पक्षियों की सेवा करनी चाहिए।
मेष राशि या लग्न वालों:-को बब्बर शेर,मुर्गा,गरुड़,मेंढक आदि की सेवा करना चाहिए।
वृषभ राशि या लग्न वालों :-को चिता,शेर आदि की सेवा करना चाहिए।
मिथुन राशि या लग्न वालों :-को गाय, बैल आदि की सेवा करना चाहिए।
कर्क राशि या लग्न वालों :- तोता,भेड़ आदि की सेवा करना चाहिए।
सिंह राशि या लग्न वालों :-को घोड़ा-घोड़ी और सफेद पक्षियों आदि की सेवा करना चाहिए।
कन्या राशि या लग्न वालों :-को बन्दर आदि की सेवा करना चाहिए।
तुला राशि या लग्न वालों :- को बकरी,तोता आदि की सेवा करना चाहिए।
वृश्चिक राशि या लग्न वालों :- को गाय, बैलआदि की सेवा करना चाहिए।
धनु राशि या लग्न वालों :-को चिता,शेर आदि की सेवा करना चाहिए।
मकर राशि या लग्न वालों :-को बब्बर शेर,मुर्गा,गरुड़,मेंढक आदि की सेवा करना चाहिए।
कुम्भ राशि या लग्न वालों :- को भैंस,मगरमच्छ,सांप आदि की सेवा करना चाहिए।
मीन राशि या लग्न वालों :-को भैंस,मगरमच्छ,सांप आदि की सेवा करना चाहिए।
राहु-केतु :-कई बार राहु-केतु के कुप्रभाव से भी बिना मतलब का खर्च होता है।
ऐसे समय में राहु की शांति के लिए:- सपेरे से सर्प को बंधन-मुक्त करवाना बेहतर उपाय होता हैं।
केतु की शांति के लिए:- कुत्ते की सेवा करना या कुत्ता पालना लाभदायक होता हैं।
जिस पशु-पक्षी की सेवा करते है, तो उससे सम्बन्धित भाव का अवश्य फायदा होता हैं।
विभिन्न पवित्र-मास,पवित्र तिथियों, ग्रह-विशेष से सम्बंधित वार-नक्षत्रों आदि में पशु-पक्षी विशेष की सेवा करने पर हालात एकदम बेहतर होकर फायदा जल्दी मिलता हैं।