राशियों के नतीजे नवे भाव में(Results of zodiac signs in the ninth house):-
1. मेष राशि :-मनुष्य की जन्मकुंडली के नवें भाव में पहली राशि मेष होने से मनुष्य पशुओं से उत्पन्न धर्म को करने वाले होते है।
मनुष्य के द्वारा पशुओं को पाल कर उनका पोषण करने वाला होता है।
मनुष्य पशुओं पर पूरी तरह से अपनी सोच से व दया भाव से उनकी देखभाल करने वाले और दान करने वाले होते है।
2. वृषभ राशि :- मनुष्य की जन्मकुंडली में नवें भाव में दूसरी वृषभ राशि होने से मनुष्य रुपये-पैसे को उत्पन्न करने वाले होते है।
मनुष्य के द्वारा अलग तरह के दान जैसे गाय, जेवरात,कपड़े और किसी भी खाना खिलाने के आदि धर्म के काम करने वाले होते है।
मनुष्य के मन में धर्म-कर्म में रुचि होने से मनुष्यों की सेवा करना और उनकी भलाई काम करने वाले होते है।
3. मिथुन राशि :-मनुष्य की जन्मकुंडली के नवें भाव में तीसरी राशि मिथुन होने से मनुष्य धार्मिक सोच को रखने वाला होता है।
मनुष्य हमेशा अपने सरल मिजाज के होने से अपने यहा आने वाले मनुष्यों की सेवा और उनको पूरी श्रद्धा से स्वागत करने वाले होते है।
मनुष्य ब्राह्मणों को खाना खिलाकर खुश होने वाले होते है।
मनुष्य का मिजाज गरीब मनुष्यों की सेवा करना उनका ध्यान रखना और सभी तरह से अपनी सामर्थ्य के अनुकूल मदद करने की सोच वाले होते है।
4. कर्क राशि :- मनुष्य की जन्मकुंडली के नवें भाव में चौथी कर्क राशि होने से मनुष्य अलग-अलग तरह के और कठिन व्रतों को करने वाले होते है।
मनुष्य अपने जीवन में उपवास को ज्यादा महत्त्व देने वाले होते है।
मनुष्य तीर्थो के आश्रय से एवं धर्म की सेवा से धर्मकार्य करने वाला होता है ।
5. सिंह राशि :- मनुष्य की जन्मकुंडली के नवें भाव में पांचवी राशि सिंह होने से मनुष्य दूसरे धर्म को मानते हुए दुसरो के धर्म के काम करने वाला होता है।
मनुष्य अपने धर्म और दुश्मनों के कामों से रहित होने वाले होते होते है।
मनुष्य तीर्थ और विनय से हीन होते है।
6. कन्या राशि :- मनुष्य की जन्मकुंडली के नवें भाव छठी कन्या राशि होने से मनुष्य औरतों के धर्म में उनकी सेवा करने वाले और भक्ति से रहित होते है।
मनुष्य दूसरे धर्म को अपनाने वाले होते और धर्म का बाहरी दिखावा करने वाले होते है।
मनुष्य दूसरे धर्म को अपना कर दुसरो के सामने बड़ी-बड़ी धर्म के सम्बन्धी बाते करते है और उन बातों पर खुद अमल नहीं करने वाले होते है।
7. तुला राशि :- मनुष्य की जन्मकुंडली के नवें भाव में सातवीं तुला राशि होने से मनुष्य ब्राह्मणों और देवी-देवता को मानते हुए उनकी पार्टी पूर्ण लगाव व श्रद्धा रखता है और उनकी सेवा व पूजा से मन को संतुष्ट करने वाले होते है।
मनुष्य अद्भुतजनों के प्रेम(अनुराग) से प्रसिद्ध होने वाला होता है।
8. वृश्चिक राशि :मनुष्य की जन्मकुंडली के नवें भाव में आठवीं वृश्चिक राशि होने से मनुष्य धोखेबाजी से धर्म का कर्म करने वाले होते है।
मनुष्य दूसरों को कष्ट देकर उनको दुःखी करने वाले होते है।
मनुष्य दूसरों के पोषण करने से भक्तिहीन होता है।
9. धनु राशि :- मनुष्य की जन्मकुंडली के नवें भाव में नवी धनु राशि होने से मनुष्य ब्राह्मणों के तर्पण से उत्पन्न धर्म को करने वाले होते है।
मनुष्य शास्त्र से युक्त एवं शास्त्र रचना करने वाले होते है।
मनुष्य अधिक जल से युक्त एवं संसार में प्रसिद्ध होता है।
10. मकर राशि :- जन्म कुंडली के नवम भाव में मकर राशि की स्थिति हो, तो जातक
जन्मकुंडली के नवें भाव में दशवीं राशि मकर होने से मनुष्य धनुष से उत्पन्न धर्म करने वाला होता है।
मनुष्य प्रतापी होने से सब जगह पर अपने पराक्रम के लिए प्रशिद्ध होता है।
मनुष्य समय के अंतर से दो कामुक स्त्रियों की संगति से शाक्त मत को मानने वाला होता है।
11. कुम्भ राशि :- जन्मकुंडली के दशवें भाव में ग्यारहवीं कुंभ राशि होने से मनुष्य देव समुदाय से उत्पन्न धर्म करने वाला होता है।
मनुष्य वृक्षों के आश्रय से उत्पन्न बगीचा को बनवाने में रुचि रखने वाले होते है।
मनुष्य दूसरों की सेवा करने के भाव से बावड़ी बनवाने वाला होता है।
12. मीन राशि :- जन्मकुंडली के बारहवें भाव में बारहवीं मीन राशि होने से मनुष्य संसार में अनेक प्रकार के धर्म -कर्म करने वाला होता है।
मनुष्य यज्ञ, बगीचा एवं तालाब बनवाने की रुचि रखते हुए अपनी तरफ से मनुष्यों की सेवा करने की सोच रखने वाला होता है।
मनुष्य तीर्थ की जगहों पर अलग तरह के यज्ञ करने वाला होता है।