आज का पंचांग दिनांक 03 मार्च 2021(Aaj ka panchaang dinaank 03 maarch 2021):-आज के दिन पंचमी तिथि होने से पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए, जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और सांसारिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त हो सके।
पंचमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-पंचमी तिथि के दिन मनुष्य कोयात्रा,उपनयन,विवाह,ग्रहशांति,पौष्टिक कर्म,चर एवं स्थिर समस्त कार्य,मांगलिक कार्य करना आदि कामों को करना ठीक रहता है।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक-------------------03 मार्च 2021 महीना (अमावस्यांत् )---------माघ
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------फाल्गुन
पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष
कलियुगाब्द्--------------------5122
विक्रम संवत्-------------------2077 विक्रम संवत
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत
शक संवत्----------------------1942 शक संवत
ऋतु-----------------------------शिशिर ऋतु
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे
सूर्य का गोल------------------दक्षिण गोले
संवत्सर(उत्तर)------------------प्रमादी
संवत्सर--------------------------शार्वरी
पंचांग
तिथि-----पंचमी तिथि अधोरात्री 24:21:09 तक रहेगी,
वार--------------बुधवार।
नक्षत्र----स्वाति नक्षत्र अधोरात्री 25:34:42 तक रहेगा,
योग......ध्रुव योग प्रातः(कल) 26:38:43 तक रहेगा।
करण-------कौलव करण दोपहर 13:38:24 तक रहेगा उसके बाद में,
करण------तैतिल करण शुरू होकर अधोरात्री 24:21:09 तक रहेगा,
चन्द्रमा की राशि---तुला राशि का चन्द्रमा पूरे दिन रहेगा।
सूर्य की राशि--------- सूर्य कुंभ राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............20,फाल्गुन।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:45:23।
सूर्यास्त का समय:-सायंकाल 18:21:00।
चन्द्रोदय का समय:-रात्रिकाल 22:46:45।
चन्द्रास्त का समय:-प्रातःकाल 09:27:51।
दिनमान का समय:-प्रातःकाल 11:35:36।
रात्रिमान का समय:-दोपहर 12:23:19।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
पहला चरण रु अक्षर स्वाति नक्षत्र का समय प्रातःकाल 08:58:31 तक रहेगा।
दुसरा चरण रे अक्षर स्वाति नक्षत्र का समय दोपहर 14:29:46 तक रहेगा।
तीसरा चरण रो अक्षर स्वाति नक्षत्र का समय रात्रि 20:01:48 तक रहेगा।
चौथा चरण ता अक्षर स्वाति नक्षत्र का समय अधोरात्री 25:34:42 तक रहेगा।
आंग्ल मतानुसार 03 मार्च 2021 ईस्वी सन
अशुभ मुहूर्त का समय
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:33 से 14:00 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:12 से 09:38 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:06 से 12:33 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:10 से 12:56 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
शुभ मुहूर्त का समय
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:10 से दोपहर 12:56 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
दिशाशूल से बचने का उपाय:-
दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या पुष्प का दान करके या दूध पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:46 से 08:12 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:12 से 09:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:39 से 11:06 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 11:06 से 12:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ समय रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-दोपहर 12:33 से 14:00 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिएअशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 14:00 से 15:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-दोपहर 15:27 से 16:54 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-सायंकाल 16:54 से 18:21 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
उद्वेग का चौघड़िया:-सायंकाल 18:21 से 19:54 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-रात्रि 19:54 से 21:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-रात्रि 21:27 से 22:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-रात्रि 22:59 से 24:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:33 से 26:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:06 से 27:38 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:38 से 29:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:11 से 30:44 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-कुंभ लग्न 18°32' गति 318°32' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र :- शतभिषा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-स्वाति नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-कुंभ राशि में शतभिषा नक्षत्र के चौथे चरण के सू अक्षर में रहेंगे।
चन्द्रमा ग्रह:-तुला राशि स्वाति नक्षत्र के पहला चरण के रु अक्षर में रहेंगे।
मंगल ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के तीजे चरण के उ अक्षर में रहेंगे।
बुध ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण के खो अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण के खो अक्षर में रहेगा।
शुक्र ग्रह:-कुंभ राशि में शतभिषा नक्षत्र के दुजे चरण के सा अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दुजे चरण के खू अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण के वु अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के या अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
03 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 3 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 3,12,21 व 30 तारीख शुभ होती है।
शुभ-वार:-गुरुवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 3,12,21,30,39,48,57,66,75,84 व 93 वें वर्ष ।
शुभ-दिशा:-ईशान कोण की दिशा।
शुभ-रंग:-पिला,सुनहरा।
शुभ-रत्न:-पुखराज।
शुभ-धातु:-सोना।
आराध्य-देव:-विष्णु जी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बृं बृहस्पतये नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
10 5 12
11 9 7
6 13 8
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1,2,3 व 9।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5 व 6।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4,7 व 8।