आज का पंचांग दिनांक 13 अप्रैल 202 (Today's almanac dated 13 April 2021):-आज प्रतिपदा तिथि होने से प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव की पूजा-आराधना करनी चाहिए। जिससे अग्नि देव खुश होकर मनुष्य को जीवन में खुशहाली प्रदान करे।
प्रतिपदा तिथि के दिन करने योग्य काम:-प्रतिपदा के दिन मनुष्य को चित्रकारी, आसव विधि, खेती के काम, शैय्या एवं आसन से सम्बंधित काम, वृक्ष काटना, गृह,पत्थर आदि से सम्बंधित काम करना बढ़िया रहता है।
आज के दिन द्वितीया तिथि होने से द्वितीया तिथि के स्वामी ब्रह्माजी को पूजा-अर्चना करके उनको खुश करके उनका आशीर्वाद पाना चाहिए,जिससे मनुष्य को अपने जीवन धन-सम्पति मिल सके।
द्वितीया तिथि के दिन करने योग्य काम:-द्वितीया तिथि के दिन मनुष्य को राजकीय प्रशासनिक काम, विवाह, उपनयन, यात्रा, देवप्रतिष्ठा, आभूषण, गृह,समस्त पौष्टिक एवं शुभ आदि काम करना ठीक रहता है।
आज के दिन से चैत्री नववर्ष शुरू होता है और चैत्रीय नवरात्रे शुरू होकर घटस्थापना करने का दिन हैं।
तिथि विशेष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा:-हिन्दू पंचांग के बारह महीनों के क्रम में पहले चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा वर्ष भर की सभी तिथियों में इसलिए सबसे अधिक महत्व रखती है क्योंकि मान्यता के अनुसार इसी तिथि पर ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की। इस तिथि को प्रथम स्थान मिला, इसलिए इसे प्रतिपदा कहा गया है। जब ब्रह्मा ने सृष्टि का प्रारंभ किया उस समय इसे प्रवरा तिथि सूचित किया था, जिसका अर्थ है सर्वोत्तम। इस अर्थ में यह वर्ष का सर्वोत्तम दिन है जो सिखाता है कि हम अपने जीवन में सभी कामों में, सभी क्षेत्रों में जो भी कर्म करें, उनमें हमारा स्थान और हमारे कर्म लोक कल्याण की दृष्टि से श्रेष्ठ स्थान पर रखे जाने योग्य हों।
इसे संवत्सर प्रतिपदा भी कहते हैं। सिंधी समाज का पर्व चेटीचंड भी वर्ष प्रतिपदा के अगले दिन शुरू होता है। शुक्ल पक्ष में चांद अपने पूरे सौन्दर्य के साथ आकाश में विराजमान होता है। इसलिए चैत्रचंद्र का देशज रूप हुआ चैतीचांद और फिर सिंधी में हुआ चेटीचंड।
महाराष्ट्र में यह पर्व गुड़ी पाड़वा ( गुढी पाड़वा) के नाम से मनाया जाता है। वैसे नवसंवत्सर के लिए गुड़ी पड़वा अब समूचे देश में सामान्य तौर पर जाना जाने लगा है।
महान गणितज्ञ भास्कराचार्य ने प्रतिपादित किया है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से दिन-मास-वर्ष और युगादि का आरंभ हुआ है।
नववर्ष प्रतिपदा मनाने के महत्वपूर्ण पौराणिक तथ्य:-
1. वासंती नवरात्री का प्रारम्भ।
2. नवसंवत्सर आरम्भ।
3. राम राज्याभिषेक।
4. युधिष्ठिर राज्याभिषेक।
5. झुलेलाल जयंती।
6. स्वामी दयानंद जन्मदिवस।
7. गुरु अंगददेव जी का जन्मदिवस।
8. ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना।
9. आद्यासरसंघचालक श्री केशव बलिराम हेडगेवार जी का जन्मदिवस।
10. महाराज विक्रमादित्य द्वारा नूतन संवत्सर प्रारंभ।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक-------------------13 अप्रैल 2021 महीना (अमावस्यांत् )---------चैत्र
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------चैत्र
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष
कलियुगाब्द्--------------------5123
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत
शक संवत्----------------------1943 शक संवत
ऋतु-----------------------------बसंत ऋतु
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे
सूर्य का गोल------------------उत्तर गोले
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद
संवत्सर--------------------------प्लव
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----प्रतिपदा तिथि प्रातःकाल 10:16:01 तक रहेगी,
उसके बाद द्वितीया तिथि प्रातःकाल 10:10:01 शुरू होकर पूरे दिन रहेगी।
वार-------------मंगलवार।
नक्षत्र---अश्विनी नक्षत्र दोपहर 14:18:10 तक रहेगा,
उसके बाद दोपहर 14:18:10 से भरणी नक्षत्र शुरू होगा।
योग....विष्कुम्भ योग दोपहर 15:14:07 तक रहेगा। उसके बाद प्रीति योग शुरू होगा।
करण..बव करण प्रातःकाल 10:16:01 तक रहेगा,उसके बाद
करण--बालव करण शुरू होकर रात्रिकाल 23:30:04 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-- मेष राशि में चन्द्रमा पूरे दिन रहेगा।
सूर्य की राशि--------- सूर्य मीन राशि में प्रातः(कल) 26:31:30 तक रहेगा,
उसके बाद मेष राशि में सूर्य शुरू होकर रहेगा।।
सौर प्रविष्टे............31,चैत्र।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:59:02।
सूर्यास्त का समय:-सायंकाल 18:44:31।
चन्द्रोदय का समय: प्रातःकाल 06:43:58।
चन्द्रास्त का समय:-रात्रिकाल 19:55:25।
दिनमान का समय:-दोपहर 12:45:29।
रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 11:13:26।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
तीसरे चरण चो अक्षर अश्विनी नक्षत्र का समय प्रातःकाल 07:34:15 तक रहेगा।
चोथे चरण ला अक्षर अश्विनी नक्षत्र का समय दोपहर 14:18:10 तक रहेगा।
पहला चरण ली अक्षर भरणी नक्षत्र का समय रात्रिकाल 21:02:58 तक रहेगा।
दूसरे चरण लू अक्षर भरणी नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 27:48:30 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 13 अप्रैल 2021 ईस्वी सन।।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:33 से 17:09 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:10 से 10:46 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:22 से 13:57 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:32 से 09:23 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।
दूर मुहूर्त का समय:-रात्रिकालीन 23:14 से 24:05 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 05:59 से दोपहर 14:18 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 11:56 से दोपहर 12:47 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो भूमि का दान करके या गुुुड़ खाकर या छाछ पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:59 से 07:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:35 से 09:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:10 से 10:46 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:46 से 12:22 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 12:22 से 13:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-दोपहर 13:57 से 15:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 15:33 से 17:09 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-सायंकाल 17:09 से 18:45 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
काल का चौघड़िया:-सायंकाल 18:45 से 20:09 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-रात्रि 20:09 से 21:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रि 21:33 से 22:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-रात्रि 22:57 से 24:21 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:21 से 25:45 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:45 से 27:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:10 से 28:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:34 से 29:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मीन लग्न 29°10' गति 359°10' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र :- रेवती नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-अश्विनी नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-मीन राशि मे रेवती नक्षत्र के चौथे चरण के ची अक्षर में रहेंगे।
चन्द्रमा ग्रह:-मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र के तीसरे चरण के चो अक्षर में रहेंगे।
मंगल ग्रह:-वृषभ राशि में मृगशिरा नक्षत्र के दूसरे चरण के वो अक्षर में रहेंगे।
बुध ग्रह:-मीन राशि में रेवती नक्षत्र के दूसरे चरण के दो अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीजे चरण के गु अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र के दूसरे चरण के चे अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीसरे चरण के खे अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण के वी अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के नो अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
13 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 04 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 4,13,22 और 31 तारीख।
शुभ-वार:-शनिवार, रविवार व सोमवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 4,13,22,31,40,49,58,67,76,85 एवं 94 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-आग्नेय(दक्षिण-पूर्व)।
शुभ-रंग:-नीला,खाकी,मटमैला(सलेटी)।
शुभ-रत्न:-गोमेद।
शुभ-धातु:-मिश्रित धातु।
आराध्य-देव:-गणेश जी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ रां रांहवे नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
13 8 15
14 12 10
9 16 12
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4,5,6 एवं 8 ।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1,2,7 एवं 9।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।