आज का पंचांग दिनांक 22 जून 2021 (Aaj ka panchang date 22 June 2021):-द्वादशी तिथि के स्वामी:-द्वादशी तिथि के स्वामी श्रीविष्णुजी भगवान की पूजा-आराधना करके श्रीविष्णुजी को खुश करना चाहिए।जिससे विष्णुजी भगवान की अनुकृपा बनी रहे और उनका आशीर्वाद मिल सके। जिससे मनुष्य के जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिलकर धन-धान्य से भंडार भर सके।
द्वादशी तिथि के दिन करने काम योग्य :-द्वादशी तिथि के दिन में मनुष्य को समस्त चर एवं स्थिर काम, दान, शांति एवं पौष्टिक काम, यात्रा एवं अन्नग्रहण के अलावा दूसरे काम करना ठीक रहता हैं।
त्रयोदशी तिथि के स्वामी:-त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी की पूजा-अर्चना करके कामदेव जी को खुश करना चाहिए,जिससे कामदेव जी खुश होकर मनुष्य के दाम्पत्य जीवन में प्रेम की भावना बढ़ सके और मनुष्य के जीवन में चारों ओर प्रेम ही प्रेम रह सके। जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और मनुष्य को अपने दाम्पत्य जीवन सुख-शांति एवं प्यार की प्राप्ति हो सके।
त्रयोदशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-त्रयोदशी तिथि के दिन में मनुष्य को अग्न्याधान, प्रतिष्ठा, विवाह, उपनयन, समस्त मांगलिक काम, यात्रा आदि काम करना ठीक रहता है।
विशेष:-आज के दिन भौम व्रतं वट सावित्री व्रतारम्भः राजस्थान आषाढ़ मास प्रारंभ हो गया है।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------22 जून 2021
महीना (अमावस्यांत् )---------ज्येष्ठ
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------ज्येष्ठ
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष
कलियुगाब्द्--------------------5123
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत
शक संवत्----------------------1943 शक संवत
ऋतु-----------------------------ग्रीष्म ऋतु
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे
सूर्य का गोल------------------उत्तर गोले
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद
संवत्सर--------------------------प्लव
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----द्वादशी तिथि प्रातःकाल 10:21:31 तक रहेगी,
उसके बाद त्रयोदशी तिथि शुरू होगी।
वार-------------मंगलवार।
नक्षत्र---विशाखा नक्षत्र दोपहर 14:21:28 तक रहेगा,
उसके बाद अनुराधा नक्षत्र शुरू होगा।
योग....सिद्ध योग दोपहर 13:49:52 तक रहेगा, उसके बाद साध्य योग शुरू होगा।
करण...बालव करण शुरू होकर प्रातःकाल 10:21:31 तक रहेगा। ,उसके बाद
करण...कौलव करण रात्रिकाल 20:41:27 तक रहेगा,
चन्द्रमा की राशि--चन्द्रमा की राशि--तुला राशि में चन्द्रमा प्रातःकाल 08:58:37 तक रहेगा, उसके बाद
वृश्चिक राशि में चन्द्रमा रहेगा।
सूर्य की राशि---------मिथुन राशि में सूर्य रहेगा।।
सौर प्रविष्टे............8, आषाढ़।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:25:27।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 19:20:53।
चन्द्रोदय का समय:-सायंकाल 16:48:52।
चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 27:43:50।
दिनमान का समय:-दोपहर 13:55:26।
रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 10:04:48।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
तीसरे चरण ते अक्षर विशाखा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 08:58:37 तक रहेगा।
चौथे चरण तो अक्षर विशाखा नक्षत्र का समय दोपहर 14:21:28 तक रहेगा।
पहले चरण ना अक्षर अनुराधा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 19:43:37 तक रहेगा।
दूसरे चरण नी अक्षर अनुराधा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 25:05:09 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 22 जून 2021 ईस्वी सन।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:52 से 17:36 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:54 से 10:39 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:23 से 14:08 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:13 से 09:08 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-रात्रिकाल 23:23 से 24:18 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 11:55 से दोपहर 12:51 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो भूमि का दान करके या गुुुड़ खाकर या छाछ पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:25 से 07:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:10 से 08:54 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:54 से 10:39 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:39 से 12:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 12:23 से 14:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-दोपहर 14:08 से 15:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 15:52 से 17:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-सायंकाल 17:36 से 19:21 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:21 से 20:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:36 से 21:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:52 से 23:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 23:08 से 24:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:23 से 25:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:39 से 26:54 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:54 से 28:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:10 से 29:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मिथुन लग्न 6°40' गति 66°40' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र :- मृगशिरा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-विशाखा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-मिथुन राशि मे मृगशिरा नक्षत्र के चौथे चरण के की अक्षर में रहेंगे।
चन्द्रमा ग्रह:-तुला राशि में विशाखा नक्षत्र के तीसरे चरण के ते अक्षर में रहेंगे।
मंगल ग्रह:कर्क राशि में पुष्य नक्षत्र के तीसरे चरण के हो अक्षर में रहेंगे।
बुध ग्रह:वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण के वु अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:कुंभ राशि में शतभिषा नक्षत्र के पहले चरण के गो अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-मिथुन राशि में पुनर्वसु नक्षत्र के तीसरे चरण के हा अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीसरे चरण के खे अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के दूसरे चरण के वा अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के चौथे चरण के ने अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
22 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 04 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 4, 13, 22 और 31 तारीख।
शुभ-वार:-शनिवार, रविवार व सोमवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 4, 13, 22, 31, 40, 49, 58, 67, 76, 85 एवं 94 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-आग्नेय(दक्षिण-पूर्व)।
शुभ-रंग:-नीला, खाकी, मटमैला(सलेटी)।
शुभ-रत्न:-गोमेद।
शुभ-धातु:-मिश्रित धातु।
आराध्य-देव:-गणेश जी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ रां रांहवे नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
13 8 15
14 12 10
9 16 12
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 5, 6 एवं 8 ।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 7 एवं 9।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।