आज का पंचांग दिनांक 16 अगस्त 2021(Aaj ka panchang date 16 August 2021):-
अष्टमी तिथि के स्वामी:-अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे भगवान भोलेनाथ जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।
अष्टमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-अष्टमी तिथि के दिन मनुष्य को खेती, व्यापार, धान्य, पत्थर, लौह, संग्राम, भूषण, शिवजी की स्थापना, जलाशय या कूप खनन आदि का काम करना ठीक रहता है।
नवमी तिथि के स्वामी:-नवमी तिथि के स्वामी दुर्गा माता जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे माता दुर्गा जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे,जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।
नवमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-नवमी तिथि के दिन मनुष्य को अपने दुश्मन का शमन, अर्थवविद्या (जादू-टोना), अस्त्र-शस्त्र, लौह, अग्नि, बन्धन, उच्चाटन, मारण, उग्र काम, घात, शल्यकाम, सांग्रामिक काम, तीर्थ यात्राएं, मेले आदि के कामों को करना ठीक रहता है।
विशेष:-आज के दिन कर्क राशि में से सूर्य प्रातः(कल) 25:16 को सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करेगा।
आज के दिन से बंगाल में भाद्रपद मास प्रारम्भ मघायां होगा
विशेष:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग हैं। जो कि प्रातःकाल 06:14 से प्रातः(कल) 27:02 तक रहेगा।
सर्वाथ सिद्धि योग:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग होने से जिन मांगलिक कामों कोई मुहूर्त नहीं मिलने पर सर्वाथ सिद्धि मुहूर्त में मांगलिक और दूसरे सभी काम करने से काम में सफलता मिलती हैं।
विशेष:-आज के दिन दुर्वाष्टमी व्रतं शील 7 सिंधु का दिवस है।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------16 अगस्त 2021
महीना (अमावस्यांत् )---------श्रावण
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------श्रावण
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष
कलियुगाब्द्--------------------5123
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत
शक संवत्----------------------1943 शक संवत
ऋतु-----------------------------वर्षा ऋतु
सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे
सूर्य का गोल-----------------उत्तर गोले
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद
संवत्सर--------------------------प्लव
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----अष्ठमी तिथि प्रातःकाल 07:45:03 तक रहेगी,
उसके बाद नवमी क्षय तिथि प्रातः(कल) 29:34:17 तक रहेगी।
वार-------------सोमवार।
नक्षत्र--अनुराधा नक्षत्र प्रातः(कल) 27:01:19 तक रहेगा,
उसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र शुरू होगा।
योग...... ऐन्द्र योग प्रातः(कल) 26:54:35 तक रहेगा।
करण...बव करण शुरू होकर प्रातःकाल 07:45:35 तक रहेगा,उसके बाद में
करण..बालव करण सायंकाल 18:40:12 तक रहेगा।
करण..कौलव करण प्रातः(कल) 29:34:17 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि--वृश्चिक राशि में चन्द्रमा रहेगा।
सूर्य की राशि--------कर्क राशि सूर्य प्रातः(कल) 25:15:27 तक रहेगा, उसके बाद में सिंह राशि मे सूर्य रहेगा।
सौर प्रविष्टे............32, श्रावण
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:52:03।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:58:13।
चन्द्रोदय का समय:-दोपहर 13:31:33।
चन्द्रास्त का समय:-अहोरात्र 24:18:41।
दिनमान का समय:-दोपहर 13:06:09।
रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 10:54:22।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
पहले चरण ना अक्षर अनुराधा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 10:04:21 तक रहेगा।
दूसरे चरण नी अक्षर अनुराधा नक्षत्र का समय दोपहर 15:43:36 तक रहेगा।
तीसरे चरण नू अक्षर अनुराधा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 21:23:35 तक रहेगा।
चतुर्थ चरण ने अक्षर अनुराधा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 27:01:19 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 16 अगस्त 2021 ईस्वी सन।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:59 से दोपहर 12:52 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-पूर्व दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो चन्दन लगाकर या चन्दन का दान करके या दूध पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:52 से 07:30 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:30 से 09:09 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:09 से 10:47 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:47 से 12:25 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 12:25 से 14:03 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-दोपहर 14:03 से 15:42 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 15:42 से 17:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-सायंकाल 17:20 से 18:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:58 से 20:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:20 से 21:42 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:42 से 23:04 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 23:04 से 24:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:25 से 25:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:47 से 27:09 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:09 से 28:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:31 से 29:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-कर्क लग्न 29°13' गति 119°13' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र :- आश्लेषा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-अनुराधा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-कर्क राशि मे आश्लेषा नक्षत्र के चतुर्थ के डो अक्षर में रहेंगे।
चन्द्रमा ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा के पहले चरण ना अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:सिंह राशि में पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे चरण के टा अक्षर में रहेंगे।
बुध ग्रह:-सिंह राशि में मघा नक्षत्र के चतुर्थ चरण के मे अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण के गे अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:कन्या राशि में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के तीसरे चरण के पा अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण के ओ अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण के नू अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
16 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 07 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 7, 16 और 25 तारीख।
शुभ-वार:--बुधवार
शुभ-वर्ष:-उम्र के 7, 16, 25, 34, 43, 52, 61, 70, 79, 88 और 97 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-वायव्य(उत्तर-पश्चिम)
शुभ-रंग:--हल्का रंग।
शुभ-रत्न:-लहसुनिया।
शुभ-धातु:-मिश्रित धातु।
आराध्य-देव:-भगवान नृसिंह जी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ कें केतवे नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
14 9 16
15 13 11
10 17 12
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5, 6,7 और 8।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 4 और 9।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।