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Sunday, August 22, 2021

आज का पंचांग दिनांक 22 अगस्त 2021(Aaj ka panchang date 22 August 2021)

                  


आज का पंचांग दिनांक 22 अगस्त 2021(Aaj ka panchang date 22 August 2021):-पूर्णिमा तिथि के स्वामी:-पूर्णिमा तिथि के स्वामी को चंद्रदेवजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करके उनकी कृपा दृष्टि की प्राप्ति करनी चाहिए, जिससे मनुष्य के जीवन सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति हो सके।

पूर्णिमा तिथि के दिन करने योग्य काम:-पूर्णिमा तिथि के दिन मनुष्य को तेल कर्म, स्त्री संगम, दन्तधावन, काष्ठ, उपनयन एवं क्षौर कर्म आदि कामों को छोड़कर दूसरे सभी काम करना ठीक रहता हैं।

प्रतिपदा तिथि के स्वामी:-प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव की पूजा-आराधना करनी चाहिए। जिससे अग्नि देव खुश होकर मनुष्य को जीवन में खुशहाली प्रदान करे।

प्रतिपदा तिथि के दिन करने योग्य काम:-प्रतिपदा तिथि के दिन मनुष्य को चित्रकारी, आसव विधि, खेती के काम, शैय्या एवं आसन से सम्बंधित काम, वृक्ष काटना, गृह, पत्थर आदि से सम्बंधित काम करना बढ़िया रहता है। 


विशेष:-आज के दिन पंचक प्रातःकाल 07:56 पर शुरू होकर अहोरात्रि तक रहेगा।


विशेष:-आज के दिन पूर्णिमा पुण्य रक्षा बंधन श्रावणी कर्म शुरू हो जाएगा। भाई एवं बहिन का पावन पर्व रक्षाबंधन है, इस दिन भाई एवं बहिन के बीच स्नेह का दिवस है। जिसमें भाइयों की कलाई पर बहिनों के द्वारा राखी बांधी जाती है और भाइयों के द्वारा बहिनों की रक्षा करने का वचन दिया जाता है।


विशेष:-आज के दिन शरद ऋतु प्रारम्भ होगी।


विशेष:-आज के दिन कन्यायां राशि में भानु ग्रह प्रातः(कल) से 27:03 बजे से प्रवेश करेगा।

 


         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------22 अगस्त 2021          

महीना (अमावस्यांत् )---------श्रावण

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------श्रावण

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष

कलियुगाब्द्--------------------5123

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत

शक संवत्----------------------1943 शक संवत

ऋतु-----------------------------वर्षा ऋतु

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे

सूर्य का गोल-----------------उत्तर गोले

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद

संवत्सर--------------------------प्लव 




       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----पूर्णिमा तिथि सायंकाल 17:31:01 तक रहेगी, 

उसके बाद प्रतिपदा तिथि रहेगी। 

वार-------------रविवार

नक्षत्र--धनिष्ठा नक्षत्र रात्रिकाल 19:38:24 तक रहेगा,

उसके बाद शतभिषा नक्षत्र शुरू होगा।

योग......शोभन योग प्रातःकाल 10:32:05 तक रहेगा, उसके बाद अतिगंड योग शुरू होगा ।

करण.. विष्टि(भद्रा) प्रातःकाल 06:12:22 तक रहेगा

उसके बाद में करण.....बव करण सायंकाल 17:31:01 तक रहेगा,

उसके बाद करण...बालव करण शुरू होकर प्रातः(कल) 28:56:43 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि--मकर राशि में चन्द्रमा प्रातःकाल 07:56:16 तक उसके बाद में कुम्भ राशि में चन्द्रमा रहेगा

सूर्य की राशि-------- सिंह राशि मे सूर्य रहेगा। 

सौर प्रविष्टे............06, भाद्रपद।




सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:55:13।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:52:14।

चन्द्रोदय का समय:-रात्रिकाल 19:10:24

चन्द्रास्त का समय:-प्रातःकाल 06:16:20।

दिनमान का समय:-दोपहर 12:57:00।

रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 11:03:30।



आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


दूसरे चरण गी अक्षर धनिष्ठा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 07:56:16 तक रहेगा।

तीसरे चरण गु अक्षर धनिष्ठा नक्षत्र का समय दोपहर 13:46:30 तक रहेगा।

चतुर्थ  चरण   गे  अक्षर   धनिष्ठा  नक्षत्र का समय रात्रिकाल 19:38:24 तक रहेगा।

पहले    चरण      गो    अक्षर    शतभिषा  नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 25:32:04 तक रहेगा।




 ।।आंग्ल मतानुसार 22 अगस्त 2021  ईस्वी सन।


    ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 


राहुकाल मुहूर्त का समय:-सायंकाल 17:15 से 18:52 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:24 से 14:01 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:38 से 17:15 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-सायंकाल 17:09 से 18:00 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

पंचक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:56 से  अहोरात्रि 24:00 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।



        ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:58 से दोपहर 12:50 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।



   ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो जौ का दान करके या चॉकलेट खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।



 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:55 से 07:32 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:32 से 09:09 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:09 से 10:47 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:47 से 12:24 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 12:24 से 14:01 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 14:01 से 15:38 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-दोपहर 15:38 से 17:15 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-सायंकाल 17:15 से 18:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

       


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:52 से 20:15 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:15 से 21:38 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:38 से 23:01 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 23:01 से 24:24 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:24 से 25:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:47 से 27:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:10 से 28:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ  रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:33 से 29:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


 

।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-सिंह लग्न 4°59' गति 124°59' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र :- सिंह मघा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-धनिष्ठा  नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-सिंह राशि मे मघा नक्षत्र के दूसरे के मी अक्षर में रहेंगे।  

चन्द्रमा ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा के दूसरे गी अक्षर में रहेगा।

मंगल ग्रह:-सिंह राशि में पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के तीसरे चरण  के टी अक्षर में रहेंगे।

बुध ग्रह:-सिंह राशि में पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण के टू अक्षर में रहेगा।

गुरु ग्रह:कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के गु अक्षर में रहेगा। 

शुक्र-ग्रह:कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के प्रथम चरण के पू अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण के ओ अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण के नू अक्षर में रहेगा। 


    ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


22 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 04 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 4, 13, 22 और 31 तारीख।

शुभ-वार:-शनिवार, रविवार व सोमवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 4, 13, 22, 31, 40, 49, 58, 67, 76, 85 एवं 94 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-आग्नेय(दक्षिण-पूर्व)।

शुभ-रंग:-नीला, खाकी, मटमैला(सलेटी)।

शुभ-रत्न:-गोमेद।

शुभ-धातु:-मिश्रित धातु।

आराध्य-देव:-गणेश जी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ रां रांहवे नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                 13    8     15 

                 14   12    10 

                  9     16    12 

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 5, 6 एवं 8 । 

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 7 एवं 9।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।