Breaking

Tuesday, October 5, 2021

आज का पंचांग दिनांक 05 अक्टूबर 2021(Aaj ka Panchang date 05 October 2021):-

                    


आज का पंचांग दिनांक 05 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 05 october 2021):-चतुर्दशी तिथि के स्वामी:-चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिवजी जी की पूजा-अर्चना करके शिवजी जी को खुश करना चाहिए,जिससे शिवजी जी खुश होकर मनुष्य को आशीर्वाद प्रदान करेंगे, मनुष्य के जीवन आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिल सके,सभी तरह के काम सिद्ध हो सके।

चतुर्दशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-चतुर्दशी तिथि के दिन में मनुष्य को बन्धन, अग्नि, उग्र काम, घात, शल्यकाम, सांग्रामिक काम, शस्त्र-अस्त्र एवं लौह सम्बन्धी कार्य आदि करना अच्छा रहता हैं।


अमावस्या तिथि के स्वामी:-अमावस्या तिथि के स्वामी पितर होते है। इसलिए आज के दिन पितर पूजा-अर्चना और उनका तर्पण करके खुश करना चाहिए। जिससे मनुष्य के जीवन में सुख और खुशहाली की प्राप्ति हो सके और पितरों का आशीर्वाद मनुष्य के ऊपर बना रहे।

अमावस्या तिथि के दिन में करने योग्य काम:-अमावस्या तिथि के दिन मनुष्य को पितरों को तिल और जव से तर्पण करना चाहिए।

विशेष:-आज के दिन चतुर्दशी श्राद्ध का दिवस है, जिन मनुष्य के चतुर्दशी तिथि के दिन पूर्वजों का स्वर्गवास हुआ है उन मनुष्य को इस तिथि के दिन अपने पूर्वजों का तर्पण करके श्राद कर्म करना चाहिए, जिससे उनके पूर्वजों की आत्मा को सन्तुष्टि मिल सके। उन स्वर्गवासी आत्मा से आशीर्वाद मिल सके।

 विशेष:-आज के दिन चतुर्दशी श्राद्ध एवं दग्धशस्त्रादिहतानां श्राद्ध हैं।



         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------05 अक्टूबर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------भाद्रपद

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------आश्विन।

पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल-----------------उत्तर-दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।



       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----चतुर्दशी तिथि रात्रिकाल 19:03:41 तक रहेगी, 

उसके बाद अमावस्या तिथि रात्रिकाल 19:03:41 से शुरू होगी। 

वार-------------मंगलवार

नक्षत्र--उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र प्रातः(कल) 25:09:18 तक रहेगा।

योग....शुक्ल योग प्रातःकाल 11:33:32 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग.....ब्रह्म योग प्रातःकाल 11:33:32 से शुरू होगा।

करण.....विष्टि(भद्रा) करण प्रातःकाल 08:08:19 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण....शकुनी करण रात्रिकाल 21:04:48 तक रहेगा।

करण........चतुष्पद करण प्रातः(कल) 29:52:00 से शुरू होगा।

चन्द्रमा की राशि-------सिंह राशि में चन्द्रमा प्रातःकाल 08:16:00 तक रहेगा, 

उसके बाद में कन्या राशि में चन्द्रमा शुरू होगा।प

सूर्य की राशि-------सूर्य कन्या राशि में रहेगा। 

सौर प्रविष्टे............19, आश्विन।



सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:17:19।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:01:10।

चन्द्रोदय का समय:-प्रातः(कल) 29:51:21

चन्द्रास्त का समय:-सायंकाल 17:39:08।

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 11:43:50।

रात्रिमान का समय:-दोपहर 12:16:42।


 

आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


पहले चरण टे अक्षर के उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का समय प्रातःकाल 08:16:00 तक रहेगा।

दूसरे चरण  टो अक्षर के पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का समय दोपहर 13:55:36 तक रहेगा।

तीसरे चरण पा अक्षर के पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का समय रात्रिकाल 19:33:19 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण पी अक्षर के पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 25:09:18 तक रहेगा।




 ।।आंग्ल मतानुसार 05 अक्टूबर 2021  ईस्वी सन।


      ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:45 से दोपहर 12:32 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


     ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:05 से 16:33 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:13 से 10:41 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:09 से 13:37 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:38 से 09:25 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-रात्रिकाल 22:56 से 23:43 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।




   ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो भूमि का दान करके या गुुुड़ खाकर या छाछ पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है। 



 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:17 से 07:45 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:45 से 09:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:13 से 10:41 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:41 से 12:09 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 12:09 से 13:37 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 13:37 से 15:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 15:05 से 16:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-सायंकाल 16:33 से 18:01 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:01 से 19:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:33 से 21:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:05 से 22:37 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:37 से 24:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:10 से 25:42 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:42 से 27:14 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:14 से 28:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ  रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:46 से 30:18 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

 


।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-कन्या लग्न 17°51' गति 167°51' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-हस्त नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के तीसरे चरण के ण अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-सिंह राशि में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के पहले चरण के टे अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के तीसरे चरण के ण अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण के पो अक्षर में रहेगा।

गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-वृश्चिक राशि में विशाखा नक्षत्र के चौथे चरण के तो अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण के ओ अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण के नू अक्षर में रहेगा। 


    ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


05 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 05 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 5, 14 और 23 तारीख।

शुभ-वार:--बुधवार एवं शुक्रवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 5, 14, 23, 32, 41, 50, 59, 68, 77, 86 और 95 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-उत्तर।

शुभ-रंग:--हरा।

शुभ-रत्न:-पन्ना।

शुभ-धातु:-सोना।

आराध्य-देव:-महालक्ष्मी जी और गणेश जी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बुं बुधाय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                  9      4     11 

                 10      8       6

                  5       12     7

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):1, 4, 5 एवं 6।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-2 एवं 7।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3, 8 एवं 9।