आज का पंचांग दिनांक 09 दिसम्बर 2021(Aaj ka panchang date 09 December 2021):-षष्ठी तिथि के स्वामी:-षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय देवता की पूजा-आराधना करके उनको खुश करना चाहिए। जिससे कार्तिकेय देवता का हाथ मनुष्य के दाम्पत्य जीवन पर बना रहे,जिससे कार्तिकेय देवता की कृपा दृष्टि बनी रहे और मनुष्य के दाम्पत्य जीवन में प्रेम की भावना बनी रहने से मनुष्य के जीवन में खुशहाली से भरी रहे।
षष्ठी तिथि के दिन करने योग्य काम:-षष्ठी तिथि के दिन मनुष्य को पशु से सम्बंधित काम, वास्तु काम, जमीन के काम, मौद्रिक काम, पानी के सम्बंधित काम, व्यापार, भूषण, व्यवहारादि आदि काम करने से फायदा मिलता है।
सप्तमी तिथि के स्वामी:-सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्य देवता की पूजा-आराधना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे मनुष्य को सूर्यदेवता का आशीर्वाद मिल सके और मनुष्य को मान-सम्मान की प्राप्ति हो सके।
सप्तमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-सप्तमी तिथि के दिन मनुष्य को यात्रा, स्थापना, वाहन, राजसेवा, विवाह, वास्तु, आभूषण, उपनयन आदि काम करना अच्छा रहता है।
विशेष:-आज के दिन पंचक रहेगा।
पंचक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:09 से अहोरात्र तक रहेगा, जो की अशुभ मुहूर्त हैं।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:53 से दोपहर 12:34 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
विशेष:-आज के दिन मूले धनुषि बुध प्रातः(कल) 30:05 से प्रवेश करेगा।
विशेष:-आज के दिन अनुराधायां भौम प्रातः(कल) 25:04 तक रहेगा।
विशेष:-आज के दिन मकरे शुक्र दोपहर 14:04 तक रहेगा।
विशेष:-आज के दिन चंपाषष्ठी स्कंद गुहषष्ठी हैं।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------09 दिसम्बर 2021।
महीना (अमावस्यांत् )---------मार्गशीर्ष।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------मार्गशीर्ष।
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5123।
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1943 शक संवत।
ऋतु-----------------------------हेमंत ऋतु।
सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।
सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।
संवत्सर--------------------------प्लव ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----षष्ठी तिथि रात्रिकाल 19:57:27 तक रहेगी,
उसके बाद सप्तमी तिथि रात्रिकाल 19:57:27 से शुरू होगी।
वार-------------गुरुवार।
नक्षत्र--------धनिष्ठा नक्षत्र रात्रिकाल 21:49:43 तक रहेगा,
उसके बाद
नक्षत्र------------शतभिषा नक्षत्र रात्रिकाल 21:49:43 से शुरू होगा।
योग...व्याघात योग प्रातःकाल 10:25:53 तक रहेगा,
उसके बाद में
योग..हर्षण योग प्रातःकाल 10:25:53 से शुरू होकर प्रातः(कल) 32:20:19 तक रहेगा।
करण.....कौलव करण प्रातःकाल 08:33:44 तक रहेगा,
उसके बाद
करण.........तैतिल करण रात्रिकाल 19:53:27 तक रहेगा,
उसके बाद में
करण..........................गर करण रात्रिकाल 19:53:27 से शुरू होकर प्रातः(कल) 31:25:00 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------मकर राशि में चन्द्रमा रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------मकर राशि में चन्द्रमा प्रातःकाल 10:08:39 तक रहेगा,
उसके बाद में कुम्भ राशि में चन्द्रमा शुरू होगा।
सूर्य की राशि......वृश्चिक राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............24, मार्गशीर्ष।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 07:03:42।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:23:17।
चन्द्रोदय का समय:-प्रातःकाल 11:46:12।
चन्द्रास्त का समय:-रात्रिकाल 22:52:10।
दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:19:34।
रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:41:07।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
दूसरे चरण गी अक्षर के धनिष्ठा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 10:08:39 तक रहेगा।
तीसरे चरण गु अक्षर के धनिष्ठा नक्षत्र का समय दोपहर 15:57:45 तक रहेगा।
चौथे चरण गे अक्षर के धनिष्ठा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 21:49:43 तक रहेगा।
पहले चरण गो अक्षर के शतभिषा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 27:44:35 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 09 दिसम्बर 2021 ईस्वी सन।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:53 से दोपहर 12:34 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:31 से 14:48 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:04 से 08:21 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:39 से 10:56 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:30 से 11:12 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:38 से 15:19 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
पंचक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:09 से अहोरात्र तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-दक्षिण दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या गुड़ या गुड़ के चावल खाकर या दही पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:04 से 08:21 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:21 से 09:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:39 से 10:56 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:56 से 12:13 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:13 से 13:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 13:31 से 14:48 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-दोपहर 14:48 से 16:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-सायंकाल 16:06 से 17:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:23 से 19:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:06 से 20:49 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:49 से 22:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:31 से 24:14 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:14 से 25:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:56 से 27:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:39 से 29:22 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:22 से 31:04 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-वृश्चिक लग्न 23°2' गति 233°2' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र:-ज्येष्ठा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के या अक्षर में रहेगा।
चन्द्रमा ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-वृश्चिक राशि में विशाखा नक्षत्र के चौथे चरण के तो अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण के यू अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-कुम्भ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के गु अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-धनु राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे चरण के भो अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
09 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 09 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 9, 18 और 27 तारीख।
शुभ-वार:--मंगलवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 9, 18, 27, 36, 45, 54, 63, 72, 81, 90 और 99 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-दक्षिण।
शुभ-रंग:--लाल।
शुभ-रत्न:-मूँगा।
शुभ-धातु:-ताँबा।
आराध्य-देव:-कार्तिकेय और हनुमानजी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ अं अंगारकाय नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
8 3 10
9 7 5
4 11 6
मित्र-अंक(मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3,7 और 9।
शत्रु-अंक(मालिक ग्रह के अनुसार):--4 और 5।
सम-अंक(मालिक ग्रह के अनुसार):-6 और 8।