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Wednesday, December 15, 2021

आज का पंचांग दिनांक 15 दिसम्बर 2021(Aaj ka panchang date 15 December 2021)




आज का पंचांग दिनांक 15 दिसम्बर 2021(Aaj ka panchang date 15 December 2021):-द्वादशी तिथि के स्वामी:-द्वादशी तिथि के स्वामी श्रीविष्णुजी भगवान की पूजा-आराधना करके श्रीविष्णुजी को खुश करना चाहिए।जिससे विष्णुजी भगवान की अनुकृपा बनी रहे और उनका आशीर्वाद मिल सके।जिससे मनुष्य के जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिलकर धन-धान्य से भंडार भर सके।

द्वादशी तिथि के दिन करने काम योग्य :-द्वादशी तिथि के दिन में मनुष्य को समस्त चर एवं स्थिर काम, दान, शांति एवं पौष्टिक काम, यात्रा एवं अन्नग्रहण के अलावा दूसरे काम करना ठीक रहता हैं।

विशेष:-आज के दिन मूले रवि प्रातः(कल) 27:42 को प्रवेश करेगा।

विशेष:-आज के दिन  धनुष्यअर्क प्रातः(कल) 27:42 से प्रवेश करेगा।    

विशेष:-आज के दिन सरदार वल्लभ भाई पटेल पुण्यः तिथि हैं। समस्त भारत देश में सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम श्रद्धापूर्वक लिया जाता हैं, इन्होंने देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त करवाने के लिए बहुत योगदान दिया था।

विशेष:-आज के दिन मलमास प्रारम्भ होगा। जिससे समस्त तरह के मांगलिक कार्य इस समय में नहीं किये जा सकते हैं।

विशेष:-आज के दिन बंगाल पौष मास प्रारम्भ होगा।

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:56 से दोपहर 12:37 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।


साधन द्वादशी:-गीता जयन्ती के पहले आने वाली दशमी को हविष्य धान खाते हैं। एकादशी को निगोट, द्वादशी को ज्यों बेला बारस लगे चाहे सुबह की पांच या छः बजे लगे जब भोजन करना। कोई वर्ष भर व्रत करता हैं, कोई एक बार करके उद्यापन करते हैं।


         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------15 दिसम्बर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------मार्गशीर्ष

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------मार्गशीर्ष।

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------हेमंत ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।



    ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----द्वादशी तिथि  प्रातः(कल) 26:00:59 तक रहेगी। 

उसके बाद त्रयोदशी तिथि  प्रातः(कल) 26:00:59 से शुरू होगी।

वार-------------बुधवार

नक्षत्र----------भरणी नक्षत्र प्रातः(कल) 31:33:53 तक रहेगी

योग..शिव योग प्रातः(कल) 31:15:39 तक रहेगा।

करण.....बव करण दोपहर 12:45:49 तक रहेगा, 

उसके बाद में

करण.............बालव करण दोपहर 12:45:49 से शुरू होकर प्रातः(कल) 26:00:59 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------मेष राशि में चन्द्रमा रहेगा।

सूर्य की राशि.......सूर्य वृश्चिक राशि में प्रातः(कल)  27:43:27 तक रहेगा।

उसके बाद में

सूर्य की राशि.......सूर्य धनु राशि में प्रातः(कल)  27:43:27 से प्रवेश करेगा।

सौर प्रविष्टे............30, मार्गशीर्ष।


   

सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 07:07:40।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:24:58।

चन्द्रोदय का समय:-दोपहर 14:55:36

चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 28:27:37। 

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:17:17।

रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:43:18


आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


पहले चरण ली अक्षर के भरणी नक्षत्र का समय प्रातःकाल 11:21:17 तक रहेगा।

दूसरे चरण लू अक्षर के भरणी नक्षत्र का समय रात्रिकाल 18:04:34 तक रहेगा।

तीसरे चरण ले अक्षर के भरणी नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 24:48:50 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण लो अक्षर के भरणी नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 31:33:53 तक रहेगा।


        ।।आंग्ल मतानुसार 15 दिसम्बर 2021  ईस्वी सन।


         ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।      

               

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:56 से दोपहर 12:37 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


             ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:16 से 13:33 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:25 व से 09:42 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:59 से 12:16 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:56 से 12:37 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।


          ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या पुष्प का दान करके या दूध पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।


        ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


         दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:08 से 08:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:25 से 09:42 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:42 से 10:59 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:59 से 12:16 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-दोपहर 12:16 से 13:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 13:33 से 14:51 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-दोपहर 14:51 से 16:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-सायंकाल 16:08 से 17:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


         रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:25 से 19:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:08 से 20:51 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:51 से 22:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:34 से 24:17 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:17 से 25:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:59 से 27:42 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:42 से 29:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:25 से 31:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


          ।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-वृश्चिक लग्न 29°8' गति 239°8' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-ज्येष्ठा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-भरणी नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण के यू अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-मेष राशि में भरणी नक्षत्र के पहले चरण के ली अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-धनु राशि में मूल नक्षत्र के तीसरे चरण के भा अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-कुम्भ  राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के गु अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-मकर राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे चरण के भो अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के तीसरे चरण के उ अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के पहले चरण के ना अक्षर में रहेगा। 


      ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


15 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 06 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 6, 15 और 24।

शुभ-वार:--बुधवार और शुक्रवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 6, 15, 24, 33, 42, 51, 60, 69,78, 87 और 96 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-आग्नेय कोण की दिशा।

शुभ-रंग:--सफेद, गुलाबी, आसमानी।

शुभ-रत्न:-हीरा।

शुभ-धातु:-चाँदी।

आराध्य-देव:-कार्तिकेय।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ शुं शुक्राय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                  11     6     13 

                 12      10     8

                  7       14     9

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 5, 6 और 8।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2और 7।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3 और 9।