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Tuesday, February 1, 2022

आज का पंचांग दिनांक 01 फरवरी 2022(Aaj ka panchang Date 01 February 2022)





आज का पंचांग दिनांक 01 फरवरी 2022(Aaj ka panchang Date 01 February 2022):-अमावस्या तिथि के स्वामी:-अमावस्या तिथि के स्वामी पितर होते है। इसलिए आज के दिन पितर पूजा-अर्चना और उनका तर्पण करके खुश करना चाहिए। जिससे मनुष्य के जीवन में सुख और खुशहाली की प्राप्ति हो सके और पितरों का आशीर्वाद मनुष्य के ऊपर बना रहे।


अमावस्या तिथि के दिन में करने योग्य काम:-अमावस्या तिथि के दिन मनुष्य को पितरों को तिल और जव से तर्पण करना चाहिए।


प्रतिपदा तिथि के स्वामी:-प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव की पूजा-आराधना करनी चाहिए। जिससे अग्नि देव खुश होकर मनुष्य को जीवन में खुशहाली प्रदान करे।


प्रतिपदा तिथि के दिन करने योग्य काम:-प्रतिपदा तिथि के दिन मनुष्य को चित्रकारी, आसव विधि, खेती के काम, शैय्या एवं आसन से सम्बंधित काम, वृक्ष काटना, गृह, पत्थर आदि से सम्बंधित काम करना बढ़िया रहता है। 


अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:13 से दोपहर 12:56 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।


विशेष:-आज के दिन पंचक रहेगा।

पंचक मुहूर्त का समय:-प्रातः(कल) 30:44 से अहोरात्र तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।


विशेष:-आज के दिन देवकार्ये भौमवती मौनी अमावस्या एवं देव पितृ कार्य के लिए माघी मौनी अमावस्या प्रयागराज स्नान का मेला भी है।


मौनी अमावस्या:-माघ मास की इस पवित्र तिथि पर मौन रहकर अथवा मुनियों के समान आचरण पूर्वक स्नान-दान करने का विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या के दिन त्रिवेणी अथवा गंगा तट पर स्नान व दान की अपार महिमा है।

 इस दिन गुड़ में काला तिल मिलाकर लड्डू बनाना चाहिए तथा उसे लाल कपड़े में बांध कर ब्राह्मणों को देना चाहिए।

स्नान-दान आदि पुण्य कर्मों के अलावा मौनी अमावस्या तिथि के दिन पितृ श्राद्ध का काम करना भी ठीक रहता है।



         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------01 फरवरी 2022।

महीना (अमावस्यांत् )---------पौष

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------माघ।

पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2078 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------शिशिर ऋतु।

सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे।

सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।



       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----अमावस्या तिथि प्रातःकाल 11:15:01 तक रहेगी, 

उसके बाद प्रतिपदा तिथि प्रातःकाल 11:15:01 से शुरू होकर प्रातः(कल) 32:30:43 तक रहेगी।

वार-------------मंगलवार

नक्षत्र--------श्रवण नक्षत्र रात्रिकाल 19:43:01 तक रहेगा,

उसके बाद

नक्षत्र----------धनिष्ठा नक्षत्र रात्रिकाल 21:56:28 से शुरू होगा। 

योग......व्यतिपात योग प्रातः(कल) 27:07:38 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग.........वरियान योग प्रातः(कल)27:07:38 से शुरू होगा। 

करण.....नाग करण प्रातःकाल 11:15:01 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण.........किन्स्तुघ्न करण रात्रिकाल 21:49:56 तक रहेगा,

उसके बाद में

करण........बव करण 21:49:56 से शुरू होकर प्रातः(कल) 32:30:43 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------मकर राशि में चन्द्रमा प्रातः(कल) 30:44:02 तक रहेगा, 

उसके बाद चन्द्रमा की राशि-------कुम्भ राशि में चन्द्रमा प्रातः(कल) 30:44:02 से शुरू होगा। 

सूर्य की राशि......सूर्य  मकर राशि में रहेगा।

सौर प्रविष्टे............19, माघ।



सूर्य का उदय व अस्त, दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 07:10:42।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:58:58।

चन्द्रोदय का समय:-प्रातः(कल) 31:31:48

चन्द्रास्त का समय:-रात्रिकाल 18:09:18। 

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:48:15

रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:11:11



    आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


दूसरे चरण खू अक्षर के श्रवण नक्षत्र का समय प्रातःकाल 08:47:37 तक रहेगा।

तीसरे चरण खे अक्षर के श्रवण नक्षत्र का समय दोपहर 14:14:42 तक रहेगा।

चौथे चरण खो अक्षर के श्रवण नक्षत्र का समय रात्रिकाल 19:43:01 तक रहेगा।

पहले चरण गा अक्षर के धनिष्ठा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 25:12:44 तक रहेगा।

दूसरे चरण गी अक्षर के धनिष्ठा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 30:44:02 तक रहेगा।


     ।।आंग्ल मतानुसार 01 फरवरी 2022  ईस्वी सन।


         ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।       

              

अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:13 से दोपहर 12:56 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


         ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:17 से 16:38 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:53 से 11:14 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:35 से 13:56 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:20 से 10:04 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-रात्रिकाल 23:16 से 23:59 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।

पंचक मुहूर्त का समय:-प्रातः(कल) 30:44 से अहोरात्र तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।



      ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो भूमि का दान करके या गुुुड़ खाकर या छाछ पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है। 



           ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार, सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें। 

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


        दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:11 से 08:32 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:32 से 09:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:53 से 11:14 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 11:14 से 12:35 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 12:35 से 13:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 13:56 से 15:17 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 15:17 से 16:38 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-सायंकाल 16:38 से 17:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


           रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:59 से 19:38 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:38 से 21:17 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:17 से 22:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:56 से 24:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:35 से 26:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:13 से 27:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:52 से 29:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:31 से 31:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।



          ।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मकर लग्न 17°59' गति 287°59' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-श्रवण नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-श्रवण नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीसरे चरण के खे अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-धनु राशि में मूल नक्षत्र के चौथे चरण के भी अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-मकर राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे चरण के भो अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-कुम्भ  राशि में शतभिषा नक्षत्र के दूसरे चरण के सा अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे चरण के धा अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण के खो अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के तीसरे चरण के उ अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के पहले चरण के ना अक्षर में रहेगा। 


       ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


01 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 01 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 1, 10, 19 व 28 तारीख शुभ है।

शुभ-वार:-रविवार, सोमवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 1, 10, 19, 28, 37, 46, 55, 64, 73, 82 और 91 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-पूर्व दिशा।

शुभ-रंग:-पिला, सुनहरा, नारंगी, ताम्रवर्ण।

शुभ-रत्न:-माणिक्य।

शुभ-धातु:-सोना, ताँबा।

आराध्य-देव:-सूर्य देव व शिव भगवान।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ घृणिः सूर्याय नमः ।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

              6        1       8

              7        5       3

              2        9       4

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3, 9।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 6, 7, 8।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5।