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Friday, February 11, 2022

आज का पंचांग दिनांक 11 फरवरी 2022(Aaj ka panchang Date 11 February 2022)





आज का पंचांग दिनांक 11 फरवरी 2022(Aaj ka panchang Date 11 February 2022):-दशमी तिथि के स्वामी:-दशमी तिथि के स्वामी काल देव जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे काल देव जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे, जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे, बुरे समय से रक्षा हो सके और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।


दशमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-दशमी तिथि के दिन मनुष्य को अपने मकान की स्थापना, शादी, यात्रा, उपनयन, शांति और पौष्टिक काम करना उत्तम रहता है।


एकादशी तिथि के स्वामी:-एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेवाजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए। जिससे विश्वदेवाजी की कृपा दृष्टि मनुष्य पर बनी रहे।जिससे मनुष्य के जीवन के सभी निर्माण से सम्बंधित कामों में कामयाबी मिल सके और जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे, बुरे समय से रक्षा हो सके और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।

एकादशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-एकादशी तिथि के दिन मनुष्य को आभूषण, शिल्प, नृत्य, चित्रकारी, गृह, सम्बन्धी काम, शादी, यात्रा, उपनयन, शांति और पौष्टिक काम करना उत्तम रहता है।


अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:13 से दोपहर 12:58 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 

विशेष:-आज के दिन भरणी नक्षत्र सायंकाल 16:27 से प्रवेश करेगा।




         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------11 फरवरी 2022।

महीना (अमावस्यांत् )---------माघ

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------माघ।

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2078 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------शिशिर ऋतु।

सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे।

सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।


          ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----दशमी तिथि दोपहर 13:51:33 तक रहेगी, 

उसके बाद एकादशी तिथि दोपहर 13:51:33 से शुरू होकर प्रातः(कल) 40:26:52 तक रहेगी।

वार-------------शुक्रवार

नक्षत्र--------मृगशिरा नक्षत्र प्रातः(कल)  30:36:20 तक रहेगा,

उसके बाद

नक्षत्र----------आर्द्रा नक्षत्र प्रातः(कल) 30:36:20 से शुरू होगा।

योग......वैधृति योग रात्रिकाल 19:47:15 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग.........विष्कुम्भ योग रात्रिकाल 19:47:15 से शुरू होगा। 

करण.....गर करण दोपहर 13:51:33 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण.........वणिज करण प्रातः(कल) 27:11:08 तक रहेगा,

उसके बाद में

करण........विष्टि(भद्रा) करण प्रातः(कल) 27:11:08 से शुरू होकर प्रातः(कल) 40:26:52 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------वृषभ राशि में चन्द्रमा सायंकाल 17:04:42 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------मिथुन राशि में चन्द्रमा सायंकाल 17:04:42 से शुरू होगा।

सूर्य की राशि......सूर्य  मकर राशि में रहेगा।

सौर प्रविष्टे............29, माघ।



सूर्य का उदय व अस्त, दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 07:04:08।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:06:53।

चन्द्रोदय का समय:-दोपहर 13:21:53

चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 27:52:58। 

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 11:02:45

रात्रिमान का समय:-दोपहर 12:56:28


   आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


पहले चरण वे अक्षर के मृगसिरा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 10:17:51 तक रहेगा। 

दूसरे चरण वो अक्षर के मृगसिरा नक्षत्र का समय सायंकाल 17:04:42 तक रहेगा।

तीसरे चरण का अक्षर के मृगसिरा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 23:55:50 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण की अक्षर के मृगसिरा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 30:36:20 तक रहेगा।



    ।।आंग्ल मतानुसार 11 फरवरी 2022  ईस्वी सन।


        ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।       

              

अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:13 से दोपहर 12:58 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


        ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:13 से 12:36 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:21 से 16:44 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:27 से 09:50 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:17 से 10:01 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:58 से 13:42 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।



      ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो जौ का दान करके या चॉकलेट खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है। 



           ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार, सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें। 

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।



         दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:04 से 08:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:27 से 09:50 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:50 से 11:13 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 11:13 से 12:36 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:36 से 13:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-दोपहर 13:58 से 15:21 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 15:21 से 16:44 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-सायंकाल 16:44 से 18:07 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


        रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:07 से 19:44 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:44 से 21:21 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:21 से 22:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:58 से 24:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:35 से 26:12 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:12 से 27:49 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:49 से 29:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:26 से 31:03 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

 



       ।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मकर लग्न 28°8' गति 298°8' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-धनिष्ठा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-मृगशिरा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-वृषभ राशि में मृगशिरा नक्षत्र के पहले चरण के वे अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे चरण के धा अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-मकर राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे चरण के भो अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-कुम्भ  राशि में शतभिषा नक्षत्र के तीसरे चरण के सी अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे चरण के धा अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण के खो अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के दूसरे चरण के ई अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में विशाखा नक्षत्र के चौथे चरण के तो अक्षर में रहेगा। 



         ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


11 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 02 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 2, 11, 20, 29 तारीख शुभ होती है।

शुभ-वार:-सोमवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 2, 11, 20, 29, 38, 47, 56, 74, 83 और 92 वें वर्ष शुभ वर्ष होते हैं।

शुभ-दिशा:-नैर्ऋत्य दिशा शुभ होती है।

शुभ-रंग:-सफेद।

शुभ-रत्न:-मोती रत्न शुभ होता है।

शुभ-धातु:-चाँदी धातु शुभ होती है।

आराध्य-देव:-भगवान शिवजी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ सौंमय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

               7      3       9

               8      6       4

              3      10      5

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 5, 6।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4 व 7 ।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3, 8 व 9।