आज का पंचांग दिनांक 31 मार्च 2022(Aaj ka panchang Date 31 March 2022):-चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिवजी की पूजा-अर्चना करके शिवजी को खुश करना चाहिए, जिससे शिवजी जी खुश होकर मनुष्य को आशीर्वाद प्रदान करेंगे, मनुष्य के जीवन आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिल सके, सभी तरह के काम सिद्ध हो सके।
चतुर्दशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-चतुर्दशी तिथि के दिन में मनुष्य को बन्धन, अग्नि, उग्र काम, घात, शल्यकाम, सांग्रामिक काम, शस्त्र-अस्त्र एवं लौह सम्बन्धी कार्य आदि करना अच्छा रहता हैं।
अमावस्या तिथि के स्वामी:-अमावस्या तिथि के स्वामी पितर होते है। इसलिए आज के दिन पितर पूजा-अर्चना और उनका तर्पण करके खुश करना चाहिए। जिससे मनुष्य के जीवन में सुख और खुशहाली की प्राप्ति हो सके और पितरों का आशीर्वाद मनुष्य के ऊपर बना रहे।
अमावस्या तिथि के दिन में करने योग्य काम:-अमावस्या तिथि के दिन मनुष्य को पितरों को तिल और जव से तर्पण करना चाहिए।
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:01 से दोपहर 12:50 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
विशेष:-आज के दिन चंद्रोदय का समय प्रातः(कल) 30:20:23 पर होगा।
विशेष:-आज के दिन पंचक रहेगा।
पंचक मुहूर्त का समय:-अहोरात्र तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।
विशेष:-आज के दिन पितृकार्ये अमावस्या तिथि हैं।
विशेष:-आज के दिन रेवत्यां नक्षत्र में रविः ग्रह रात्रिकाल 19:23 पर प्रवेश होगा।
विशेष:-आज के दिन कुम्भे राशि में शुक्र: ग्रह प्रातःकाल 08:38 पर प्रवेश होगा
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------31 मार्च 2022।
महीना (अमावस्यांत् )---------फाल्गुन।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------चैत्र।
पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5123।
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2078 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1943 शक संवत।
ऋतु-----------------------------बसंत ऋतु।
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे।
सूर्य का गोल----------------- उत्तर गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।
संवत्सर--------------------------प्लव ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----चतुर्दशी तिथि दोपहर 12:21:51 तक रहेगी,
उसके बाद अमावस्या तिथि दोपहर 12:21:51 से शुरू होकर प्रातः(कल) 35:53:16 तक रहेगी।
वार-------------गुरुवार।
नक्षत्र--------पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र प्रातःकाल 10:29:27 तक रहेगा,
उसके बाद
नक्षत्र----------उत्तराभाद्रपद नक्षत्र प्रातःकाल 10:29:27 से शुरू होकर1 प्रातः(कल) 34:38:41 तक रहेगा।
योग......शुक्ल योग प्रातःकाल 11:06:13 तक रहेगा,
उसके बाद में
योग.........ब्रह्म योग प्रातःकाल 11:06:13 से शुरू होकर प्रातः(कल) 33:34:38 तक रहेगा।
करण.....शकुनी करण दोपहर 12:21:51 तक रहेगा,
उसके बाद
करण........चतुष्पद करण प्रातः(कल) 24:03:43 तक रहेगा,
उसके बाद में
करण.......नाग करण प्रातः(कल) 24:03:43 से शुरू होकर प्रातः(कल) 35:53:15 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------मीन राशि में चन्द्रमा रहेगा।
सूर्य की राशि......सूर्य मीन राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............18, चैत्र।
सूर्य का उदय व अस्त, दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:13:49।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:37:06।
चन्द्रोदय का समय:-प्रातः(कल) 30:20:23।
चन्द्रास्त का समय:-सायंकाल 17:51:12।
दिनमान का समय:-दोपहर 12:23:17।
रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 11:35:33।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
चतुर्थ चरण दी अक्षर के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का समय प्रातःकाल 10:29:27 तक रहेगा।
पहले चरण दू अक्षर के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय सायंकाल 16:29:01 तक रहेगा।
दूसरे चरण थ अक्षर के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय रात्रिकाल 22:30:21 तक रहेगा।
तीसरे चरण झ अक्षर के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 28:33:33 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 31 मार्च 2022 ईस्वी सन।।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:01 से दोपहर 12:50 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:58 से 15:31 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 06:14 से 07:47 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:20 से 10:53 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:22 से 11:11 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:18 से 16:07 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
पंचक मुहूर्त का समय:-अहोरात्र तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-दक्षिण दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या गुड़ या गुड़ के चावल खाकर या दही पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार, सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:14 से 07:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:47 से 09:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:20 से 10:53 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:53 से 12:25 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:25 से 13:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 13:58 से 15:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-दोपहर 15:31 से 17:04 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-सायंकाल 17:04 से 18:37 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:37 से 20:04 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:04 से 21:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:31 से 22:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:58 से 24:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:25 से 25:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:52 से 27:19 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:19 से 28:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:46 से 30:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मीन लग्न 16°7' गति 346°7' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र:-उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात, नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-मीन राशि में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के चौथे चरण के ञ अक्षर में रहेगा।
चन्द्रमा ग्रह:-मीन राशि में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के चौथे चरण के दी अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के गा अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-मीन राशि में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के तीसरे चरण के झ अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-कुम्भ राशि में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तीसरे चरण के दा अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-मकर राशि में घनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे गी चरण के खे अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में घनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के दूसरे चरण के ई अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में विशाखा नक्षत्र के चौथे चरण के तो अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
31 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 04 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 4, 13, 22 और 31 तारीख।
शुभ-वार:-शनिवार, रविवार व सोमवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 4, 13, 22, 31, 40, 49, 58, 67, 76, 85 एवं 94 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-आग्नेय(दक्षिण-पूर्व)।
शुभ-रंग:-नीला, खाकी, मटमैला(सलेटी)।
शुभ-रत्न:-गोमेद।
शुभ-धातु:-मिश्रित धातु।
आराध्य-देव:-गणेश जी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ रां रांहवे नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
13 8 15
14 12 10
9 16 12
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 5, 6 एवं 8 ।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 7 एवं 9।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।