जीवन की हर समस्या का समाधान और जानें ग्रह उपचार उपाय |
जीवन की हर समस्या का समाधान और जानें ग्रह उपचार उपाय (Know the solution of every problem of life and planetary remedies):-मनुष्य के जीवन पर जन्मकालीन ग्रहों का असर निश्चित रूप से पड़ता हैं, जिससे मनुष्य को उन ग्रहों के कमजोर एवं बुरे ग्रहों के साथ एक घर में बैठने पर या दृष्टि सम्बन्ध बनने से जीवन में निराशा के भाव उत्पन्न होकर जीवन नरकमयी बन जाता हैं। मनुष्य के जीवन में अनेक तरह की शारिरिक, मानसिक एवं बौद्धिक रूप की बहुत परेशानियां होती हैं, इन सब परेशानियों को कमजोर ग्रहों के असर से उत्पन्न होती हैं। ऋषि-मुनियों ने ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के द्वारा होने वाली परेशानियों पर गहन शोध किया था और शोध के बाद उन ग्रहों के कारण को जानकर उनके समाधान के उपायों की खोजबीन की थी। जिससे मनुष्य को उन जीवनकालीन परेशानियों से मुक्ति मिल सके और जीवन खुशहाली से जी सके। ग्रहों के द्वारा निमित परेशानियों के कारण एवं उनके समाधान निम्नलिखित रूप से वर्णित हैं-
1.सूर्य ग्रह का बुरा असर होने से सम्बन्धित समस्या:-सूर्य ग्रह ग्रहों का राजा माना जाता हैं, जब सूर्य ग्रह जन्मकुण्डली में बुरे ग्रहों जैसे-शनि ग्रह, मंगल ग्रह, राहु ग्रह एवं केतु ग्रह से युक्ति या साथ ही बुरे घरों या भावों में एक साथ एक ही भाव या घर में बैठने पर सूर्य ग्रह से मिलने वाले अच्छे प्रभाव पर असर पड़ता हैं, जो इस तरह हैं-
◆मनुष्य की अस्थियों के जोड़ों में दुखावा होना एवं शरीर के अंगों में स्थित अस्थि के जोड़ वाले भाग का उपयोग होता हैं, तब अस्थियों के जुड़ाव में कड़-कड़ की आवाज आने लगती हैं।
◆मनुष्य का शरीर एकाएक अकड़ने लगता हैं, वह चलने-फिरने के योग्य नहीं रहता हैं।
◆शरीर के अंग अकड़ जाते हैं, जिससे हिलने-डुलने में कठिनाई होने लगती हैं।
◆मनुष्य के हर समय थूक आने लगता हैं।
◆जब मनुष्य के घर में लाल गाय, भूरी भैंस खो जाती हैं।
◆पुरुष का दायाँ एवं स्त्री का बायाँ नेत्र से दिखाई देने से सम्बंधित समस्या होने लगती हैं।
◆केश का कमजोर पड़ने लगना एवं केश बिना वजह से गिरने लगता
◆सिर, मस्तिष्क, चेहरा, मुख, हृदय, प्लीहा, मेरुदण्ड, उदर, प्राण- शक्ति, रक्त आदि के रोग हो जाते हैं।
◆मनुष्य के पराक्रम या प्रभाव से अर्जित सम्पत्ति का नाश हो जाता हैं।
◆स्वयं के सुख में कमी होने लगती हैं, जिससे मनुष्य की आत्मा में दुःख के भाव उत्पन्न होकर मनुष्य की आत्मा दुःखी हो जाती हैं।
◆पिता से बिना मतलब के मतभेद एवं एक-दूसरे पर क्लेश होते हैं।
◆राजसेवा में मनुष्य को बिना मतलब की परेशानी झेलनी पड़ती हैं।
◆शरीर में ताजगी नहीं रह पाती है, जिससे किसी भी कार्य को करने में उत्साह नहीं रहता हैं।
◆मनुष्य का दूसरे मनुष्य से बिना मतलब के मतभेद होने लगते हैं और कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंस जाते हैं।
सूर्य ग्रह से सम्बंधित बुरे असर को कम करने के उपाय:-निम्नलिखित हैं-
◆मनुष्य को अपनी आवक के अनुसार राजकीय सेवा में आयकर विभाग को समय-समय पर भर देना चाहिए।
◆मनुष्य को अपने पिता को सम्मान देना चाहिए एवं पिता-पुत्र को अपने बीच बढ़ रही दूरी को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।
निवारण (देवोपासना के द्वारा):-मनुष्य को सूर्य ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित देवोपासना करनी चाहिए।
◆मनुष्य को हरिवंश पुराण का नियमित वांचन करना चाहिए।
◆मनुष्य को सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
◆मनुष्य को हमेशा प्रातःकाल जल्दी उठकर उगते हुए सूर्यदेव के दर्शन करना चाहिए।
◆सूर्यदेव को किसी भी मीठी वस्तु को ताम्र धातु के लोटे में जल में डालकर हमेशा प्रातःकाल अर्घ्य देना चाहिए।
दान:-मनुष्य को सूर्य ग्रह से सम्बंधित गेहूं, गुड़ तथा ताम्र धातु का दान करना चाहिए।
टोटके:-
◆मनुष्य को चूल्हे की लगती हुई अग्नि को रात्रिकाल में दुग्ध से बुझाना चाहिए।
◆मनुष्य को अपना कार्य करते समय कोई भी मीठी वस्तु को को खाकर फिर जल पीना चाहिए।
◆बराबर भार के दो ताम्र के टुकड़े लेकर कन्या-दान का संकल्प करना चाहिए, फिर एक ताम्र टुकडे को पानी में में बहा देना चाहिए और दूसरे टुकड़े को अपने पास रखना चाहिए। उस टुकड़े को अपने पास में ही रखना चाहिए।
◆मनुष्य को बहते हुए पानी में गुड़ को प्रवाहित करना चाहिए।
◆मनुष्य को बहते हुए जल में ताम्र धातु के सिक्के को प्रवाहित करना चाहिए।
◆मनुष्य को रविवार के दिन बेल की जड़ का टुकड़ा, स्वर्ण धातु से बने ताबीज में भरकर सूत के बने गुलाबी रंग के धागे में बांधकर दाहिनी भुजा पर बांधना चाहिए।
2.चन्द्रमा ग्रह का बुरा असर होने से सम्बन्धित समस्या:-चन्द्रमा ग्रह ग्रहों की पटरानी का पद मिला है। मन एवं माता के कारक ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं। जब चन्द्रमा ग्रह जन्मकुण्डली में बुरे ग्रहों जैसे-शनि ग्रह, मंगल ग्रह, राहु ग्रह एवं केतु ग्रह से युक्ति या साथ ही बुरे घरों या भावों में एक साथ एक ही भाव या घर में बैठने पर चन्द्रमा ग्रह से मिलने वाले अच्छे प्रभाव पर असर पड़ता हैं, जो इस तरह हैं-
◆मनुष्य को भ्रूण, नेत्र पुरुष का बायाँ, स्त्री का दायाँ, आहारनाल, अण्डाशय, गर्भाशय, बुद्धिमत्ता, छाती(स्तन, वक्ष, फेफड़े, पसली), लार, लारग्रन्थियों, रक्त, महिलाओं के जननांग एवं जननग्रन्थियाँ, शरीर में स्थित जल, उदरे, मूत्राशय, रसधातु, शारीरिक पुष्टि, कफ आदि बीमारियों से परेशानी होती हैं।
◆मनुष्य के सोचने की क्षमता कमजोर हो जाती हैं।
◆कुआं, तालाब सुख जाए या हैण्ड-पम्प पानी देना बंद कर देवे।
◆घर में दुधारू पशु या घोड़ा हो वह मर जाता हैं।
◆मनुष्य की माता एवं मौसी के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहने से मनुष्य को चिंता हर समय सताती हैं।
◆चित्त में नकारात्मक विचारों की उत्पन्न होने लगते हो, जिससे मनुष्य का चित्त विचलित हो जाता हैं और मनुष्य में घबराहट होने लगती हो।
◆मनुष्य स्वयं पर विश्वास नहीं कर पाते है, जिससे उत्साह कमजोर हो जाता हैं।
◆मनुष्य को मानसिक तनाव, चिंता एवं मानसिक दुर्बलता के कारण बुद्धि कमजोर हो जाती हैं और उचित निर्णय नहीं ले पाता हैं।
◆राजकृपा से सम्बंधित झूठे आक्षेप को झेलना पड़ता हैं।
मनुष्य के द्वारा अर्जित सम्पत्ति नष्ट होने लगती हैं।
◆मनुष्य को हर कोई पर शंका होने लग जाती हैं
◆मनुष्य को दोस्तों पर शंका होने लग जाती हैं जिससे दोस्तों पर विश्वास नहीं रह पाता है और दोस्तों के द्वारा धोखा मिलना।
◆सर्दी से सम्बंधित घ्राणों से पानी निकलने लगता है और जुकाम बना रहता हैं और बार-बार होने लगती हैं।
◆उच्च एवं रक्तचाप की व्याधि होने लगती हैं
◆बिना मतलब का डर हमेशा मन में व्याप्त रहता हैं।
◆मन में नकारात्मक विचारों के उत्पन्न होने लगते हैं, जिससे कोई निर्णय नहीं ले पाते हैं।
◆मनुष्य की नाक पर हर समय गुस्सा भरा रहता हैं और बिना मतलब से गुस्सा करने लगता हैं। इन सब कारणों से समझना चाहिए कि चन्द्रमा ग्रह अशुभ स्थिति में होने से होता हैं।
चन्द्रमा ग्रह से सम्बंधित बुरे असर को कम करने के उपाय:-निम्नलिखित हैं-
निवारण (देवोपासना के द्वारा):-मनुष्य को चन्द्रमा ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित देवोपासना करनी चाहिए।
◆मनुष्य को अपने कुलदेवी-देवता की पूजा-अर्चना करना चाहिए।
◆मनुष्य को माता-पिता एवं गुरुजनों की यथा शक्ति से सेवा करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
◆मनुष्य को सोमवार का व्रत करना चाहिए।
◆मनुष्य को आंखों में सफेद सुरमा लगाना चाहिए।
दान:-
◆मनुष्य को दूध का दान किसी असहाय मनुष्य को करना चाहिए या दूध की खीर का दान करना चाहिए।
◆मनुष्य को कुंवारी कन्याओं को हरे वस्त्रों का दान देना चाहिए।
◆भैंरो के मन्दिर में दूध का दान करना चाहिए।
टोटके:-
◆मनुष्य को रजत धातु को बहते हुए नदी या तालाब के पानी में प्रवाहित करना चाहिए।
◆मनुष्य को जब रात्रि में सोने से पूर्व दुग्ध से भरा या पानी से भरा बर्तन को अपने सिरहाने की ओर रखना चाहिए और जब प्रातःकाल उठकर कीकर के पेड़ की जड़ में डाल देना चाहिए।
◆मनुष्य को कभी भी दुग्ध को नहीं बेचना चाहिए।
◆मनुष्य को दो सच्चे मोती या रजत धातु के दो टुकड़े बराबर वजन के लेना चाहिए, फिर कन्या संकल्प करते हुए एक टुकड़े को पानी में प्रवाहित करना चाहिए और दूसरे को अपने पास रखना चाहिए।
◆मनुष्य को हमेशा रजत धातु, चावल और प्राकृतिक जल को अपने पास में रखना चाहिए।
◆रात्रिकाल में कभी भी दुग्ध नहीं पीना चाहिए।
◆मनुष्य को सोमवार के दिन सफेद सूती कपड़े में खिरनी की जड़ बांधकर, सफेद ऊन के धागे से दाहिनी भुजा या गले में धारण करनी चाहिए।
◆सोमवार को ही प्रातःकाल काली गाय के कच्चे दूध और सफेद चंदन के घोल में डुबोकर शंख की अंगूठी अनामिका उंगली में चन्द्र को मन में स्मरण करते हुए पहननी चाहिए।
3.मंगल ग्रह का बुरा असर होने से सम्बन्धित समस्या:-मंगल ग्रह उत्साह, रोग, शत्रु, जेल, धोखा, पराक्रम एवं रक्त का कारक माना गया है। जब मंगल ग्रह जन्मकुण्डली में बुरे ग्रहों जैसे-शनि ग्रह, सूर्य ग्रह, राहु ग्रह एवं केतु ग्रह से युक्ति या साथ ही बुरे घरों या भावों में एक साथ एक ही भाव या घर में बैठने पर मंगल ग्रह से मिलने वाले अच्छे प्रभाव पर असर पड़ता हैं, जो इस तरह हैं-
◆मनुष्य के शरीर में शोणित बार-बार बिना कारण से कम होने लगता है।
◆बिना कारण से अनहोनी होने लगती हैं और शरीर के अंग का कट-फट या छिल जाने से घाव होना।
◆मस्तिष्क में दुखावा व घाव हो जाता हैं।
◆कार्यक्षेत्र की जगह पर दुश्मनों की बढ़ोतरी होने लगती हैं। दुश्मन हाथ धोकर पीछे पड़े रहते हैं और बिना जानकारी के भी क्षति होने लगती हैं।
◆मनुष्य को बिना मतलब के ही धन हानि होने लगती हैं।
◆मनुष्य को बिना मतलब से तर्क-वितर्क होने लगता हैं, जिससे तनाव हो जाते हैं।
◆मनुष्य को कोर्ट-कचहरी तक नोबत आ जाती हैं।
◆दाम्पत्य जीवन में घरवाली से बिना बात पर मतभेद होने लगते हैं और पति-पत्नी एक दूसरे पर संदेह करते हैं, जिससे पृथकता की नोबत बन जाती हैं।
◆शल्य चिकित्सा के हालात उत्पन्न हो जाते हैं।
◆मनुष्य को आर्थिक रूप से रुपयों-पैसों की तंगी आ जाती हैं, जिससे दूसरों से उधार लेना पड़ता हैं, जिससे ऋण हो जाता हैं।
मंगल ग्रह से सम्बंधित बुरे असर को कम करने के उपाय:-निम्नलिखित हैं-
निवारण (देवोपासना के द्वारा):-मनुष्य को मंगल ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित देवोपासना करनी चाहिए।
◆हनुमानजी की उपासना करनी चाहिए।
◆हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
◆हनुमानजी के मन्दिर में प्रसाद चढ़ाना चाहिए।
◆मनुष्य को हनुमानजी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
◆हनुमानजी के छार्णो में से तिलक लेकर माथे पर हमेशा लगाना चाहिए।
दान:-
◆मसूर की दाल और मृगछाला का दान करना चाहिए।
◆तन्दूर में लगी हुई मीठी रोटी दान करनी चाहिए।
◆जब परेशानी ज्यादा हो तो रक्त का दान करना चाहिए, जिससे शल्य चिकित्सा एवं शरीर के अंग का कट-फट या छिल जाने से घाव से निकलने रक्त की पूर्ति हो जाती हैं।
टोटके:-
◆मनुष्य को दो लाल पत्थर या ताम्र या स्वर्ण धातु के दो टुकड़े बराबर वजन के लेना चाहिए, फिर कन्या संकल्प करते हुए एक टुकड़े को पानी में प्रवाहित करना चाहिए और दूसरे को अपने पास रखना चाहिए।
◆बहते हुए पानी में रेवड़ियों को प्रवाहित करना चाहिए।
◆रेवड़ी और बताशे तेज बहते हुए साफ पानी में प्रवाहित करना चाहिए।
4.बुध ग्रह का बुरा असर होने से सम्बन्धित समस्या:-बुध ग्रह बुद्धि, तर्कशक्ति का कारक कारक माना गया है। जब बुध ग्रहजन्मकुण्डली में बुरे ग्रहों जैसे-शनि ग्रह, सूर्य ग्रह, मंगल ग्रह, राहु ग्रह एवं केतु ग्रह से युक्ति या साथ ही बुरे घरों या भावों में एक साथ एक ही भाव या घर में बैठने पर बुध ग्रह से मिलने वाले अच्छे प्रभाव पर असर पड़ता हैं, जो इस तरह हैं-
◆मनुष्य को बिना मतलब से रुपयों-पैसों का नुकसान होने लगता हैं जैसे-घर में रुपयों-पैसों की चोरी हो जाना, आवक में कमी होने लगती हैं और बटुआ में रुपयों का गिर जाना।
◆मनुष्य को श्वास लेने में तकलीफ होती हैं, जिसमें फेफड़े पर दबाव पड़ता हैं और अस्थमा की व्याधि हो जाती हैं।
◆मनुष्य को चर्म रोग होने लगते हैं।
◆मनुष्य को रुपयों-पैसों के लिए दूसरों से उधार लेना पड़ता हैं, जिससे ऋण बढ़ता जाता हैं और वह उतर नहीं पाता हैं।
◆मनुष्य के द्वारा बिना सोचे समझे कागजात पर गलत हस्ताक्षर करने से परेशानी बढ़ जाती हैं।
◆मनुष्य के दांत टूटना प्रारम्भ हो जाते हैं।
◆मनुष्य के सूंघने की शक्ति निर्बल हो जाती हैं।
◆मनुष्य को काम-वासना में रुचि नहीं रहती हैं, जिससे काम-वासना के सुख से वंचित रहना पड़ता है।
बुध ग्रह से सम्बंधित बुरे असर को कम करने के उपाय:-निम्नलिखित हैं-
◆कौड़ियों को आग में जलाएं और उसी दिन नदी जल में प्रवाहित करना चाहिए।
◆चांदी के पैसे में छेद करके बहते हुए पानी में प्रवाहित करना चाहिए।
◆अंगूठी में पन्ना पहनना चाहिए।
निवारण (देवोपासना के द्वारा):-मनुष्य को बुध ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित देवोपासना करनी चाहिए।
◆दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए।
◆दुर्गा जी मन्दिर में प्रसाद चढ़ाना चाहिए।
◆दुर्गाजी की पूजा करनी चाहिए।
दान:-
◆फोका कद्दू का दान करना चाहिए।
◆धार्मिक संस्थानों में यथाशक्ति में दान करना चाहिए।
◆बकरी का दान करना चाहिए।
◆किन्नरों को हरे कपड़े व हरे रंग की चूड़ियां दान करना चाहिए।
टोटके:-
◆मनुष्य को दो हीरा या सीप या स्वर्ण धातु के दो टुकड़े बराबर वजन के लेना चाहिए, फिर कन्या संकल्प करते हुए एक टुकड़े को पानी में प्रवाहित करना चाहिए और दूसरे को अपने पास रखना चाहिए।
◆ताम्र धातु के सिक्के में या पत्ती में छेद करके पानी में प्रवाहित करना चाहिए।
◆गाय को हरा चारा बुधवार को खिलाना चाहिए।
5.गुरु ग्रह का बुरा असर होने से सम्बन्धित समस्या:-गुरु ग्रह को ज्ञान, सन्तान एवं राजसेवा का कारक माना गया है। जब गुरु ग्रह जन्मकुण्डली में बुरे ग्रहों जैसे-शनि ग्रह, मंगल ग्रह, राहु ग्रह एवं केतु ग्रह से युक्ति या साथ ही बुरे घरों या भावों में एक साथ एक ही भाव या घर में बैठने पर गुरु ग्रह से मिलने वाले अच्छे प्रभाव पर असर पड़ता हैं, जो इस तरह हैं-
◆मनुष्य के कारण ही बाल गिरने लगते है और वह टकला हो जाता हैं।
◆मनुष्य की शिक्षा में बिना वजह ही परेशानी आने लगती हैं और शिक्षा के क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पाते हैं।
◆मनुष्य को दूसरों के दोष को भोगना पड़ता हैं और निर्दोष होते हुए भी झूठे आक्षेपों का सामना करना पड़ता है, जिससे बदनामी हो जाती हैं।
◆मनुष्य को गले में माला पहने की आदत हो जाती है।
◆मनुष्य के परिवार-कुटुंब के मनुष्य के बीच मतभेद होने से नाखुश होते हैं।
◆हड्डियां के जुड़ाव स्थान पर सूजन व दुखावा होता हैं।
◆मनुष्य की देह में सर्दी आदि से कष्ट होने लगता हैं।
◆मनुष्य के शरीर में मेद की वृद्धि होने से स्थूलकाय हो जाते हैं।
◆मनुष्य को लाख कोशिश करने पर निद्रा नहीं आ पाती हैं।
◆विद्या को ग्रहण करने में परेशानी हो जाती हैं, जिससे कुछ भी याद होते हुए भी याद नहीं रहता हैं।
◆सत्जनों व पंडित मनुष्य के साथ किसी बात पर मतभेद हो जाता हैं।
◆मनुष्य के यकृत में विकार होने से पांडु रोग या कामला रोग हो जाता हैं, जिससे शरीर के अंगों में पीलापन बढ़ जाता है।
◆पुत्र सन्तान को व्याधि हो जाना और पुत्र कहना नहीं माने। जिससे पुत्र सन्तान पर विपत्ति उत्पन्न हो जाती हैं।
◆स्वर्ण धातु गर्म हो जाता हैं एवं स्वर्ण धातु के खो जाना।
गुरु ग्रह से सम्बंधित बुरे असर को कम करने के उपाय:-निम्नलिखित हैं-
दान:-
◆मनुष्य के द्वारा केसर, हल्दी, चने की दाल और स्वर्ण धातु को दान करना चाहिए।
निवारण (देवोपासना के द्वारा):-मनुष्य को गुरु ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित देवोपासना करनी चाहिए।
◆मनुष्य के पुत्र न होने पर श्रद्धापूर्वक हरि की उपासना करनी चाहिए और हरिवंश पुराण का पाठ करना चाहिए।
टोटके:-
◆मनुष्य को केसर का सेवन करना चाहिए और अपनी नाभि पर लगाना चाहिए।
◆मनुष्य को केसर या सोने के दो टुकड़े बराबर वजन के लेना चाहिए, फिर कन्या संकल्प करते हुए एक टुकड़े को पानी में प्रवाहित करना चाहिए और दूसरे को अपने पास रखना चाहिए।
◆मनुष्य ललाट या ललाट से ठीक ऊपर पगड़ी पर पीला तिलक या केसर का तिलक लगाना शुरू करना चाहिए।
◆मनुष्य को अपनी नाक को सुखा रखना चाहिए।
◆मनुष्य को अपने कार्य को आरम्भ करते समय अपनी नाक को साफ कर लेना चाहिए।
◆मनुष्य को गुरुवार से केसर का तिलक आरम्भ करके सत्ताईस दिन तक प्रतिदिन करना चाहिए, जिससे गुरु ग्रह जन्य परेशानी मुक्ति मिल जाती हैं।
◆जब निराकरण करना मुश्किल अवसर जैसे-जीविकोपार्जन करने के साधन के रास्ते बन्ध हो जाते हैं।
◆पुत्र सन्तान पर किसी तरह की विपत्ति आने से और स्वर्ण धातु से बनी वस्तु की चोर के द्वारा चोरी हो जाने से या खोए जाने की स्थिति में मनुष्य को बृहस्पति ग्रह के बीज मन्त्रों का जाप करवाना चाहिए। जिससे मन्त्रों से राहत मिल सके।
◆मनुष्य के द्वारा पीपल का वृक्ष लगाकर उसका पालन-पोषण करते हुए हर तरह से देखभाल करनी चाहिए।
6.शुक्र ग्रह का बुरा असर होने से सम्बन्धित समस्या:-शुक्र ग्रह को भौतिक सुख-सुविधाओं एवं काम सुख का ग्रह माना जाता है, जब शुके ग्रह जन्मकुण्डली में बुरे ग्रहों जैसे-शनि ग्रह, मंगल ग्रह, राहु ग्रह एवं केतु ग्रह से युक्ति या साथ ही बुरे घरों या भावों में एक साथ एक ही भाव या घर में बैठने पर शुक्र ग्रह से मिलने वाले अच्छे प्रभाव पर असर पड़ता हैं, जो इस तरह हैं-
◆जब मनुष्य का औरतों के साथ तर्क-वितर्क होने से एक-दूसरों के साथ तालमेल नहीं बन पाता हैं।
◆औरतों के द्वारा विश्वासघात मिलना एवं अपमान का सामना करना पड़ता हैं।
◆मनुष्य के बनते-बनते कार्यों में रुकावट के ऊपर रुकावट आने लगती है और कार्यों में असफलता मिलती हैं।
◆शारिरीक सौन्दर्यं में कमी आने लगती और आकर्षण शक्ति में कमी आने लगती हैं।
◆दूसरे मनुष्य से बनती नहीं हैं और दूसरे मनुष्य बात करने से भी दूर रहते हैं।
◆मनुष्य को रात में स्वप्नदोष की व्याधि हो जाती हैं।
◆मनुष्य को त्वचा से सम्बंधित कई तरह के रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
◆मनुष्य के हाथ व पावों का अंगूठा अचानक ही बेकार या सुन्न हो जाता है।
◆मनुष्य के वाहन को क्षति हो जाती हैं।
◆आचरणहीन औरतों से मित्रता होने से दाम्पत्य जीवन में पत्नी से वियोग को भोगना पड़ता हैं।
◆मनुष्य को मधुमेह की व्याधि का सामना करना पड़ता हैं।
◆मनुष्य को अपने निवास स्थान में खुशी के दिन गम का मुहं देखना पड़ सकता हैं।
शुक्र ग्रह से सम्बंधित बुरे असर को कम करने के उपाय:-निम्नलिखित हैं-
निवारण (देवोपासना के द्वारा):-मनुष्य को शुक्र ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित देवोपासना करनी चाहिए।
◆मनुष्य को महालक्ष्मीजी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
दान:-
◆मनुष्य के द्वारा घृत, दही एवं कपूर का दान करना चाहिए।
◆मनुष्य को औरतों की मदद करनी चाहिए और लालन-पोषण के लिए यथाशक्ति दान में भोजन करना चाहिए।
◆मनुष्य के द्वारा गाय का दान या चरी का दान भी करना चाहिए।
◆मनुष्य को शुक्रवार के दिन चावल, शक्कर और रजत को ब्राह्मण को दान के रूप में उपहार स्वरूप देना चाहिए।
◆सुहागिन औरत को सुहाग की सामग्री को सुहागिन औरत या ब्राह्मणी को दान करना चाहिए।
◆बड़ी सहोदरी को कपड़े देना चाहिए।
◆शुक्रवार के दिन इक्कीस ग्राम रजत धातु का बना बिना जोड़ का कड़ा पहनना चाहिए।
◆जब लग्न होने में विलंब होने लगता हैं, लग्न के समय विघ्न आने लगते हैं या जब रिश्ते के लिए देखने के बाद ना मिलती हो।
◆शुक्रवार के दिन या रिश्ते की बात के लिए देखने जाने के समय जलेबी को लेकर नदी या तालाब में प्रवाहित कर देना चाहिए।
◆शुक्रवार के दिन यदि राहुकाल के समय कुछ भी उपाय नहीं करना चाहिए।
◆मनुष्य को दो सच्चे मोती या रजत धातु के दो टुकड़े बराबर वजन के लेना चाहिए, फिर कन्या संकल्प करते हुए एक टुकड़े को पानी में प्रवाहित करना चाहिए और दूसरे को अपने पास रखना चाहिए।
टोटके:-शुक्र ग्रह की अशुभता को दूर करने के लिए प्रत्येक मनुष्य को निम्नलिखित टोटके करने चाहिए-
◆मनुष्य को हर समय अपने शरीर की साफ-सफाई रखनी चाहिए और हर समय साफ-सुथरे कपड़ों को पहनना चाहिए।
◆मनुष्य को भोजन करने से पहले अपने भोजन थाली में कुछ भोजन को गाय माता के लिए निकालना चाहिए एवं उस निकाले हुए भोजन को गाय को खिलाना चाहिए।
◆मनुष्य को स्वर्ण धातु के ताबीज में सरपंखा की जड़ रखकर, सफेद सूती धागे से बांधकर शुक्रवार के दिन गले में पहनना चाहिए।
◆प्लेटीनम की अंगूठी शुक्रवार के दिन बनवाकर प्रातःकाल के समय गाय के दूध और शहद में मिलाकर स्नान कराकर अनामिका अंगुली में पहनना चाहिए।
7.शनि ग्रह का बुरा असर होने से सम्बन्धित समस्या:-शनि ग्रह को न्याय का देवता एवं सेवक का कारक माना गया है। जब शनि ग्रह जन्मकुण्डली में बुरे ग्रहों जैसे-सूर्य ग्रह, मंगल ग्रह, राहु ग्रह एवं केतु ग्रह से युक्ति या साथ ही बुरे घरों या भावों में एक साथ एक ही भाव या घर में बैठने पर शनि ग्रह से मिलने वाले अच्छे प्रभाव पर असर पड़ता हैं, जो इस तरह हैं-
◆मनुष्य की भौहों एवं पलकों के बाल अकारण झडनर लगते हो।
◆मनुष्य के निवास स्थान की जगह पर अचानक आग लग जाती हैं।
◆मनुष्य के निवास स्थान में दरार आकर गिर जावें या क्षतिग्रस्त हो जाता हैं।
◆मनुष्य के निवास स्थान में दीवार में दरज हो जाती हैं।
◆निवास स्थान पर सूर्यदेव की रोशनी कम आती हो।
◆हड्डियों के जुड़ाव स्थान में दुखावा रहता हैं।
◆पैरों एवं घुटनों में दुखावा होता हैं।
◆मनुष्य के एक टांग में कट-फट कर या छिल जहर से घाव होने से उस घाव की जगह पर कालापन हो जाता हैं।
◆मनुष्य को कारागार का डर सताने लगता हैं।
◆श्मशानघाट या शव के दर्शन स्वप्न में होने लगते हैं, नेत्र ज्योति में कमी आ जाती हैं और नेत्रों का मोतियाबिंद रोग हो जाता है।
◆जोड़ों की जगह पर सूजन, अकड़न और पीड़ा से सम्बंधित व्याधि हो जाती हैं।
◆परिवार के बुजुर्ग या कोई मुख्य सदस्य किसी भयानक एवं असाध्य व्याधि से पीड़ित होने से या लगाव वाले सदस्य की मृत्यु हो जाती हैं।
शनि ग्रह से सम्बंधित बुरे असर को कम करने के उपाय:-निम्नलिखित हैं-
निवारण (देवोपासना के द्वारा):-मनुष्य को शनि ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित देवोपासना करनी चाहिए।
◆मनुष्य को श्रद्धापूर्वक भगवान शिवजी की उपासना करनी चाहिए।
◆मनुष्य को लोहा, काला सुरमा या काला नमक दान या पानी में प्रवाहित करना चाहिए।
दान:-
◆मनुष्य को तेल में अपनी छाया को देखकर यथाशक्ति दान करना चाहिए।
◆साबूत उड़द, तेल, चमड़ा, अंगीठी, चिमटा, शराब और स्प्रिट दान करनी चाहिए।
◆काले रंग के ब्राह्मण को प्रत्येक शनिवार के दिन लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर स्वयं का मुंह देखकर दान देना चाहिए।
◆मनुष्य को लोहे का दान करना चाहिए।
◆व्याधि होने पर गरीब एवं व्याधि से ग्रसित मनुष्य को औषधी को दिलवाकर मदद करनी चाहिए।
◆मनुष्य को कीकर की दातुन करनी चाहिए।
◆मनुष्य तैयलीस दिनों तक कौओं को रोटी देनी चाहिए।
◆मनुष्य नीलम रत्न को धारण करना चाहिए।
◆आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलानी चाहिए।
8.राहु ग्रह का बुरा असर होने से सम्बन्धित समस्या:-राहु ग्रह को भूत-पिशाच, विषाणु जन्य रोग, तांत्रिक कृत्यों के रोग एवं सेना का कारक माना गया है। जब राहु ग्रह जन्मकुण्डली में बुरे ग्रहों जैसे-सूर्य ग्रह, मंगल ग्रह एवं केतु ग्रह से युक्ति या साथ ही बुरे घरों या भावों में एक साथ एक ही भाव या घर में बैठने पर शनि ग्रह से मिलने वाले अच्छे प्रभाव पर असर पड़ता हैं, जो इस तरह हैं-
◆मनुष्य मानसिक रूप से विकृत हो सकता हैं या पूर्ण रूप से पागल भी हो सकता हैं।
◆जब मनुष्य के द्वारा पालित काला कुत्ता मर जाता हैं।
◆हाथों के नाखून झड़ जाते हैं।
◆मनुष्य के मस्तिष्क पर चोट लगने या क्षय रोग होने मृत्यु हो सकती हैं।
◆दिमाग काम करना बंद कर देता हैं।
◆शत्रुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो जाती हैं।
राहु ग्रह से सम्बंधित बुरे असर को कम करने के उपाय:-निम्नलिखित हैं-
निवारण (देवोपासना के द्वारा):-मनुष्य को राहु ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित देवोपासना करनी चाहिए।
◆मनुष्य को राहु ग्रह की अशुभता को दूर करने के लिए माता वीणावादिनी की पूजा करनी चाहिए।
दान:-कन्या दान, सरसों, नीलम का दान एवं मूली का दान किसी सफाई कर्मचारी को करना चाहिए।
◆बहते हुए पानी में कोयला प्रवाहित करना चाहिए।
◆नीलम रत्न को धारण करना चाहिए।
◆सिर पर चोटी रखनी चाहिए।
◆सयुंक्त परिवार में रहना चाहिए एवं परिवार के सदस्यों से मधुरतापूर्वक सम्बन्ध बनाना चाहिए।
◆मनुष्य को अपने रिश्तेदारों से मधुरतापूर्वक सम्बन्ध को बनाना चाहिए और बिना मतलब के लड़ाई-झगड़े नहीं करना चाहिए।
◆मनुष्य को नदी जल की तेज धारा में नारियल को प्रवाहित करना चाहिए।
◆जौ को दूध से धोकर नदी जल में प्रवाहित करना चाहिए।
◆मनुष्य क्षय रोग से पीड़ित होने पर जौ को गौमूत्र में धोकर और एक डिब्बे में बन्द करके अपने पास रखना चाहिए।
◆मनुष्य को अपने वजन की मात्रा या वजन से चौथाई मात्रा में कोयले लेकर जल में प्रवाहित करना चाहिए।
◆मनुष्य को राहु ग्रह की अशुभता को कम करने के लिए खोटा पैसा नदी जल में बहा देना चाहिए।
◆लोहे के ताबीज में सफेद चन्दन की जड़ को रखकर, बुधवार को नीले रंग के सूती धागे में बांधकर प्रातःकाल धारण करना चाहिए।
◆शनिवार को दोपहर के समय मध्यमा उंगली में लोहे की बनी अंगूठी गाय के दूध में स्नान कराकर पहननी चाहिए।
◆ससुराल वालों से सम्बन्ध अच्छे बनाकर रखना चाहिए।
टोटके:-
9.केतु ग्रह का बुरा असर होने से सम्बन्धित समस्या:-केतु ग्रह को मातामह, श्वसुर, पितामह, दाद-खुजली, विषजन्य रोग, महामारी और सेना सेवक का कारक माना गया है। जब केतु ग्रह जन्मकुण्डली में बुरे ग्रहों जैसे-सूर्य ग्रह, मंगल ग्रह एवं राहु ग्रह से युक्ति या साथ ही बुरे घरों या भावों में एक साथ एक ही भाव या घर में बैठने पर शनि ग्रह से मिलने वाले अच्छे प्रभाव पर असर पड़ता हैं, जो इस तरह हैं-
◆मनुष्य को मूत्राशय संबन्धी अनेकों व्याधियों का सामना करना पड़ता है और प्रायः उनके जोड़ों में भी दर्द रहता हैं। ऐसे मनुष्य की जन्म लेने वाली सन्तान भी रोग का शिकार होकर रोगी हो जाती है।
◆मनुष्य को अपने पुत्र से मतभेद होता हैं, पुत्र के द्वारा पिता के साथ दुर्व्यवहार का सामना भी करना पड़ता है।
◆केतु ग्रह के प्रभाव में होने से मनुष्य दूसरे मनुष्य के साथ छलावा करते हुए उसको धोखा भी देते हैं।
◆पैरों के नाखून झड़ जाते हैं।
◆सन्तान बीमार रहती हैं।
◆मूत्र विकार तथा जोड़ों में दर्द रहता हैं।
केतु ग्रह से सम्बंधित बुरे असर को कम करने के उपाय:-निम्नलिखित हैं-
◆कुतों को रोटी डालनी चाहिए।
◆कुत्ते को पालना चाहिए।
◆कान को छिदवाना चाहिए।
निवारण (देवोपासना के द्वारा):-मनुष्य को केतु ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए भगवान गणपतिजी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
दान:-मनुष्य को केतु ग्रह से सम्बंधित दुष्प्रभाव से बचने के लिए निम्नलिखित वस्तुओं का दान करना चाहिए-
◆मनुष्य को किसी ब्राह्मण या किसी निर्धन मनुष्य को बछिया को दान के रूप में देना चाहिए।
◆मनुष्य के पुत्र आज्ञाकारी नहीं होने पर और दुर्व्यवहार करता है, तो मन्दिर में कम्बल का दान करना चाहिए।
टोटके:-
◆मनुष्य को केतु ग्रह के दोष को कम करने के लिए कुत्ता या श्वान को पालना चाहिए।
◆मनुष्य को टांगों में कष्ट होने पर या मूत्र-विकार होने पर रेशम के धागे में चांदी का छल्ला डालकर गले में पहनना चाहिए।
◆मनुष्य के पुत्र पर किसी भी तरह का संकट होने पर तैयलीस दिनों तक काले कुत्ते को भोजन करना चाहिए।
◆मनुष्य को दुरंगा पत्थर को धारण करना चाहिए।