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Wednesday, March 16, 2022

उतारा क्या हैं, जानें उतारा करने की विधि और उपाय (What is Utara, know the vidhi and remedies of Utara


उतारा क्या हैं, जानें उतारा करने की विधि और उपाय (What is Utara, know the vidhi and remedies of Utara):-मनुष्य अपने जीवन में सभी तरह की सुख-सुविधाओं पाने के लिए निरन्तर मेहनत करता हैं, जब वह ऊँचाई के शिखर पर पहुंच जाता हैं, तो उसकी प्रगति को देखकर उसके परिवार के सदस्य, आस-पास के रहवासी और उसके मित्र उससे जलन करने लग जाते हैं और वे उसकी हाय करते हैं, जिससे मनुष्य के द्वारा की गई प्रगति में अचानक गिरावट आने लग जाती हैं और उसके परिवार के सदस्यों को बिना मतलब के मतभेद, क्लेश, कर्ज का बढ़ना और मानसिक विकार उत्पन्न होने लग जाते हैं। जब मनुष्य के द्वारा किसी भी तरह की नवीन वस्तु को खरीदना जैसे-वाहन, मकान, टेलीविजन, कपड़े, खाने की वस्तुएं, बच्चे की सामग्री और मनुष्य की सुंदरता आदि पर दूसरों की दृष्टि रहती हैं, वे बार-बार उस वस्तु के प्रति मन ही मन में जलन करने लगते हैं और कहते हैं कि बहुत सुंदर, कैसे मिली आदि बातें करते हैं जिससे मनुष्य के जीवन पर बुरे दृष्टि का ग्रहण लग जाता हैं। इन सब तरह की बुरे दृष्टि से बचने के प्राचीन काल में उतारे किये जाते थे, जिससे उन मनुष्य की लगी हुई बुरी दृष्टि का असर उस उतारे में आ जावें।





उतारा का मतलब या उतारा क्या हैं जानें:-जब मनुष्य विशेष पर शक्ति के द्वारा या छल से काबू रखने वाली एवं कष्ट या मुसीबत पैदा करने वाली बुरी शक्तियों जैसे-भूत-प्रेतादि, शरीर प्राणयुक्त बुरे अविनाशी अतींद्रिय तत्व और इंद्रजाल, सम्मोहन आदि के द्वारा मनुष्यों की दृष्टि में भ्रम उत्पन्न करने की क्रिया या भाव आदि के प्रभाव में आने पर उनके प्रभाव से मुक्ति हेतु किसी वस्तुओं को किसी स्थान पर उतार कर रखने की जो क्रिया की जाती हैं, उसे उतारा कहा जाता हैं।




What is Utara, know the vidhi and remedies of Utara




उतारे की मुख्य वस्तुएं:-साधारण तौर पर जब मनुष्य किसी भी तरह की बुरी शक्तियों या बुरे प्रभाव में आने पर उन प्रभावों से मुक्ति के लिए उतारे की जाते हैं, उन उतारे में अधिकतर मीठी वस्तुओं जैसे-कोई भी मिठाई, पेड़े, शहद, शक्कर आदि का उपयोग किया जाता हैं। इन मीठी वस्तुओं की तरफ ज्यादा लगाव इन बुरी शक्तियों का होता हैं, जिससे वे बुरी शक्तियां उन मीठी वस्तु की तरफ खिंची चली आती हैं और जो वस्तु जिसके निमित उतारी कर जिस स्थान पर रखी जाती हैं, उन स्थान में विद्यमान बुरी शक्तियां आकृष्ट होकर उन वस्तुओं का भोग करती हैं, तब विकृत मनुष्य के दोषों के प्रभाव को बुरी शक्तियां ग्रहण कर लेती हैं और विकृत मनुष्य स्वस्थ हो जाता हैं।





उतारा करने की विधि:-जब कोई भी मनुष्य किसी भी तरह की बुरी शक्ति के प्रभाव में आते हैं, तब उन बुरी शक्तियों से मुक्त होने के लिए जो भी वस्तु को प्रभावित मनुष्य के शरीर या शरीर के अंगों से उतारा जाता हैं। तब उतारे वाली वस्तु को अपने दाएँ हाथ में लेना चाहिए, फिर पीड़ित मनुष्य के मस्तकं से पाद तक घड़ी की दिशा या घड़ी की विपरीत दिशा में पूरे शरीर या शरीर के जिस भाग में पीड़ा हो उस पर विषम संख्या जैसे-तीन बार, पांच बार, सात बार या ग्यारहा बार ऊपर से नीचे की ओर या नीचे से ऊपर की ओर घुमाना चाहिए। इस तरह वस्तु को शरीर के ऊपर घुमाने से उस शरीर में विद्यमान बुरे असर या बुरी शक्तियां उस संबंधित वस्तु में आ जाती हैं। फिर उस वस्तु को किसी भी लाल कपड़े, काले कपड़े या सफेद कपड़े या मिट्टी की हांडी या पौधों के पत्तो में रखकर उस वस्तु को किसी सुनसान स्थान पर या चार रास्ते के बीच में या पिप्पर के वृक्ष के नीचे या श्मशान की जगह पर रखना चाहिए। इस तरह वस्तु पर उस मनुष्य की पीड़ा चली जाती हैं और मनुष्य शरीर से निरोग्यता को प्राप्त कर लेता हैं।





उतारे के लिए वस्तुएं:-उतारे करने के लिए बहुत सारी वस्तुओं का उपयोग किया जाता हैं, जो कि निम्न तरह हैं, जैसे-कपूर, मोदक, बूंदी के लड्डू, सफेद पेड़े, उड़द दाल के पेस्ट से बनी जलेबी, सर्षष तेल में भीगी हुई रुई की बत्ती, गुड़ का टुकड़ा, दूध, चावल से बनी खीर, पान के पत्ते, गुलाब का फूल, जयफल, इत्र, सुगन्धित फूल, इमली की डाली, सबूत लाल मिर्च, गुग्गुल, उबले हुए अंडे, सिंदूर, कुमकुम, केसर, गोरोचन अजवायन, पीली सरसों, उबले चावल, बुरा, राई, नमक, काली सरसों, मेहंदी, काले तिल, सिंदूर, मद्य, मांस, श्रीफल, फलों, उड़द, राई, काली मिर्च, बेसन से तैयार सीरा, मद्य, काला धागा, लाल रेशमी धागा, झाड़ू,  रोली, हनुमानजी को चढ़ाएं जाने वाला सिंदूर, नींबू, दधि, फल, पुष्प, मिठाइयों, कोयला, काजल, मोर छाल, लौंग, नीम के पत्तों की धूनी आदि का प्रयोग किया जाता है।





उतारा के लिए करने योग्य उपाय:-मनुष्य जब किसी भी तरह से बुरी दृष्टि में फंस जाता हैं, तो उस मनुष्य को निम्नलिखित उपाय करने चाहिए, जो निम्नलिखित हैं-



वार के अनुसार उतारा के उपाय:-मनुष्य को वार विशेष के अनुसार निम्नलिखित वस्तुओं के द्वारा उतारे करना चाहिए। पीड़ित मनुष्य के ऊपर से वार विशेष की वस्तुओं को उबारकर उस वस्तु को कहीं निर्जन स्थान या जानवर को खिलाना चाहिए, जो निम्नलिखित तरह के हैं-



रविवार के दिन के उतारे की वस्तुएं:-मनुष्य को रविवार के दिन यदि उतारे करने हो तो रविवार के दिन गेहूं की रोटी या गेहूं का दलिया या इनसे बना सीरा या हलवा को गुड़, घी,  इलायची, शुष्क फलयुक्त मावे की बनी मिठाई एवं लवण को उतारे में उपयोग करना चाहिए।




सोमवार के दिन के उतारे की वस्तुएं:-मनुष्य को सोमवार के दिन यदि उतारे करने हो तो सोमवार के दिन चीनी या गुड़ व तिल बनी हुई रेवड़ी, दूध व चावल से बनी खीर, बताशे एवं मावे के सफेद पेड़े का उतारा करके धेनु को खिला देना चाहिए।



मंगलवार के दिन के उतारे की वस्तुएं:-मनुष्य को मंगलवार के दिन यदि उतारे करने हो तो मंगलवार के दिन गुड़, खांड, बूंदी, शहद, मोदक के लड्डू या मोती चूर के लड्डू का उतारा करके मोती चूर के लड्डू को काले श्वान को खिला देना चाहिए।



बुधवार के दिन के उतारे की वस्तुएं:-मनुष्य को बुधवार के दिन यदि उतारे करने हो तो बुधवार के दिन, मूंग दाल का हलवा, उड़द की दाल के पेस्ट से तेल या घी में पकाकर जलेबी को निकालना उस जलेबी का उतारा करके काले श्वान को खिला देना चाहिए। 




गुरुवार के दिन के उतारे की वस्तुएं:-मनुष्य को गुरुवार के दिन यदि उतारे करने हो तो गुरुवार दिन घी, दही, आलू, चने की दाल से बने हलवा, मोदक, केसरिया चावल बनाकर उतारने के बाद चार रास्ते में रखना चाहिए।




शुक्रवार के दिन के उतारे की वस्तुएं:-मनुष्य को शुक्रवार के दिन यदि उतारे करने हो तो शुक्रवार के दिन दूध, दही, चावल खीर, घी, साबूदाना, सफेद मावा मिष्ठान, केला, मोती चूर के लड्डू का उतारा करके मोती चूर के लड्डू को काले श्वान को खिला देना चाहिए। या चार रास्ते में रखकर आना चाहिए।




शनिवार के दिन के उतारे की वस्तुएं:-मनुष्य को शनिवार के दिन यदि उतारे करने हो तो शनिवार के दिन लौंग, काले तिल, दूध, शक्कर, उड़द की दाल से तैयार जलेबी का या बूंदी के लड्डू उतारा करके काले श्वान को खिला देना चाहिए। दूध को तीन बार उतार कर मिट्टी के बर्तन में रखकर काले श्वानों के आगे रखना चाहिए।




उतारा करते समय रखने ध्यान रखने योग्य बातें और सावधानियां:-मनुष्य जब भी जिस किसी उद्देश्य से उतारा करें तो उनको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखते हुए सावधानीपूर्वक उतारे की प्रक्रिया को करना चाहिए-



◆उतारे के दिन उतारे से संबंधित वस्तुओं को किसी भी पात्र जैसे-कागज या कागज के दोने, गोबर के कंडे, मटकी या हांडी, पत्ते आदि का उपयोग में लेना चाहिए।



◆फिर उन वस्तुओं के ऊपर किये जाने वाली उतारे की वस्तु जैसे-मिठाई, दूध, खीर, फल आदि को रखना चाहिए।



◆उतारे के बाद में उस उतारे की सामग्री में एक इलायची व इत्र की डिब्बी रखनी चाहिए।



◆उतारा किसी नदी के समीप या एकांत स्थान या चौराहे पर ही करना चाहिए।



◆उतारा करते समय मनुष्य को अपने ऊपर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए।



◆उतारा यदि दिन को करना हैं, तो दोपहर बारह बजे के बीच में और रात्रिकाल में करना हो सूर्यास्त के बाद करना चाहिए।



◆यदि अपने घर में करना हो तो प्रातःकाल में कर सकते हैं।



◆फिर धूपबत्ती को प्रज्वलित करके पिप्पर के वृक्ष के नीचे पश्चिम दिशा में रखना चाहिए।



◆उसके बाद अपने निवास स्थान की ओर चलना चाहिए, अपने निवास स्थान की ओर चलते समय पीछे से किसी की ध्वनि सुनाई देने पर भी पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए।



◆जब निवास स्थान पर पहुंचते ही सबसे पहले पानी से शरीर के छींटे मारकर हाथ व पैरों को धोकर और मुंह में जल पीकर कुल्ला करना चाहिए।



◆उसके बाद ही दूसरा कार्य करना चाहिए।