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Sunday, May 1, 2022

आज का पंचांग दिनांक 01 मई 2022(Aaj ka Panchang Date 01 May 2022)

Aaj ka Panchang Date 01 May 2022




आज का पंचांग दिनांक 01 मई 2022(Aaj ka Panchang Date 01 May 2022):-प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव की पूजा-आराधना करनी चाहिए। जिससे अग्नि देव खुश होकर मनुष्य को जीवन में खुशहाली प्रदान करे।


प्रतिपदा तिथि के दिन करने योग्य काम:-प्रतिपदा तिथि के दिन मनुष्य को चित्रकारी, आसव विधि, खेती के काम, शैय्या एवं आसन से सम्बंधित काम, वृक्ष काटना, गृह, पत्थर आदि से सम्बंधित काम करना बढ़िया रहता है। 


द्वितीया तिथि के स्वामी:-द्वितीया तिथि के स्वामी ब्रह्माजी को पूजा-अर्चना करके उनको खुश करके उनका आशीर्वाद पाना चाहिए, जिससे मनुष्य को अपने जीवन धन-सम्पति मिल सके।


द्वितीया तिथि के दिन करने योग्य काम:-द्वितीया तिथि के दिन मनुष्य को राजकीय प्रशासनिक काम, विवाह, उपनयन, यात्रा, देवप्रतिष्ठा, आभूषण, गृह, समस्त पौष्टिक एवं शुभ आदि काम करना ठीक रहता है।


अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:52 से दोपहर 12:45 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


विशेष:-आज के दिन श्री पाराशर ऋषिवर जयंती हैं।


विशेष:-आज के दिन विश्व श्रम दिवस हैं।

 

विशेष:-आज के दिन मतांतरे अस्तं अगस्तय दोपहर 12:24 पर  होगा। 




   ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------01 मई 2022।

महीना (अमावस्यांत् )---------वैशाख

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------वैशाख।

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5124।

विक्रम संवत्-------------------2079 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2078 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1944 शक संवत।

ऋतु-----------------------------बसंत-ग्रीष्म ऋतु।

सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे।

सूर्य का गोल----------------- उत्तर गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------शुभकृत।

संवत्सर--------------------------राक्षस ।



        ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----प्रतिपदा तिथि प्रातः(कल) 27:24:38  तक रहेगी, 

उसके बाद द्वितीया तिथि प्रातः(कल) 27:24:38 से शुरू होगा।

वार-------------रविवार

नक्षत्र--------भरणी नक्षत्र रात्रिकाल 22:09:17 तक रहेगा,

उसके बाद

नक्षत्र----------कृत्तिका नक्षत्र रात्रिकाल 22:09:17 से शुरू होगा।

योग......आयुष्मान योग दोपहर 15:16:09 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग.........सौभाग्य योग दोपहर 15:16:09 से शुरू होकर प्रातः(कल) 39:35:41 तक रहेगा।

करण.....किन्स्तुघ्न करण दोपहर 14:37:19 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण........बव करण प्रातः(कल) 27:24:38 तक रहेगा,

उसके बाद में

करण.......बालव करण प्रातः(कल) 27:24:38 से शुरू होकर प्रातः(कल) 40:18:23 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------मेष राशि में चन्द्रमा प्रातः(कल) 28:42:49 तक रहेगा।

उसके बाद चन्द्रमा की राशि-------वृषभ राशि में चन्द्रमा प्रातः(कल) 28:42:49 से शुरू होगा।

सूर्य की राशि......सूर्य  मेष राशि में रहेगा।

सौर प्रविष्टे............18, वैशाख।




सूर्य का उदय व अस्त, दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:41:51।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:54:57।

चन्द्रोदय का समय:-प्रातःकाल 06:02:58

चन्द्रास्त का समय:-रात्रिकाल 19:30:52। 

दिनमान का समय:-दोपहर 13:13:05

रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 10:46:04



     आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


दूसरे चरण लू अक्षर के भरणी नक्षत्र का समय प्रातःकाल 09:07:05 तक रहेगा।

तीसरे चरण ले अक्षर के भरणी नक्षत्र का समय दोपहर 15:37:22 तक रहेगा।

चौथे चरण लो अक्षर के भरणी नक्षत्र का समय रात्रिकाल 22:09:17 तक रहेगा।

पहले चरण अ अक्षर के कृत्तिका नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 28:42:49 तक रहेगा।


   ।।आंग्ल मतानुसार 01 मई 2022  ईस्वी सन।।


      ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।     

                

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:52 से दोपहर 12:45 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 



     ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-सायंकाल 17:16 से 18:55 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:18 से 13:58 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:37 से 17:16 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-सायंकाल 17:09 से 18:02 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।


     ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो चॉकलेट या दलिया खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।



           ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये, उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे, लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे, काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो, सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार, सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें। 

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


     दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-  


उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:42 से 07:21 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:21 से 09:00 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:00 से 10:38 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:38 से 12:18 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 12:18 से 13:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 13:58 से 15:37 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-दोपहर 15:37 से 17:16 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-सायंकाल 17:16 से 18:55 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


     रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:55 से 20:16 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:16 से 21:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:36 से 22:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:57 से 24:18 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:18 से 25:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:39 से 26:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:59 से 28:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:20 से 29:41 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

 



         ।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मेष लग्न 16°28' गति 16°28' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-भरणी नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-भरणी नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात, नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-मेष राशि में भरणी नक्षत्र के पहले चरण के ली अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-मेष राशि में भरणी नक्षत्र के दूसरे चरण के लू अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-कुम्भ राशि में शतभिषा नक्षत्र के चौथे चरण के सू अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चौथे चरण के ए अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-मीन  राशि में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के पहले चरण के दू अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-मीन राशि में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के पहले चरण के दू अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-कुम्भ राशि में घनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के गु अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-मेष राशि में कृत्तिका नक्षत्र के पहले चरण के अ अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-तुला राशि में विशाखा नक्षत्र के तीसरे चरण के ते अक्षर में रहेगा। 



        ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


01 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 01 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 1, 10, 19 व 28 तारीख शुभ है।

शुभ-वार:-रविवार, सोमवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 1, 10, 19, 28, 37, 46, 55, 64, 73, 82 और 91 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-पूर्व दिशा।

शुभ-रंग:-पिला, सुनहरा, नारंगी, ताम्रवर्ण।

शुभ-रत्न:-माणिक्य।

शुभ-धातु:-सोना, ताँबा।

आराध्य-देव:-सूर्य देव व शिव भगवान।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ घृणिः सूर्याय नमः ।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

              6        1       8

              7        5       3

              2        9       4

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3, 9।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 6, 7, 8।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5।