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Monday, April 4, 2022

आज का पंचांग दिनांक 04 अप्रैल 2022(Aaj ka panchang Date 04 April 2022)

Aaj ka panchang Date 04 April 2022



 

आज का पंचांग दिनांक 04 अप्रैल 2022(Aaj ka panchang Date 04 April 2022):-तृतीया तिथि के स्वामी पार्वती माताजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए, जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और सांसारिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त हो सके। 



तृतीया तिथि के दिन करने योग्य काम:-तृतीया तिथि के दिन मनुष्य को सीमन्त संस्कार, चौल संस्कार, अन्नप्राशन, उपनयन, गृह प्रवेश, प्रतिष्ठा, संगीत, शिल्पविद्या, समस्त शुभ काम, पशुओं से सम्बंधित काम, जलयान, आभूषण इत्यादि काम करना अच्छा होता है। 



चतुर्थी तिथि के स्वामी:-चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणपति जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए। जिससे भगवान गणपति जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।



चतुर्थी तिथि के दिन करने योग्य काम:-चतुर्थी तिथि के दिन मनुष्य को अपने दुश्मन का दमन करना, अर्थवविद्या (जादू-टोना आदि), शस्त्र, अग्नि, बन्धन, उच्चाटन, मारण आदि समस्त कामों को करने में सफलता मिलती हैं।



अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 11:59 से दोपहर 12:49 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।



विशेष:-आज के दिन चंद्रोदय का समय प्रातःकाल 07:54:46 होगा।


विशेष:-आज के दिन गणगौरी पूजा मेला हैं।


विशेष:-आज के दिन श्री मत्स्य जयंती हैं।


विशेष:-आज के दिन भरणी प्रातः(कल) 26:49 उ. तक रहेगा।



         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------04 अप्रैल 2022।

महीना (अमावस्यांत् )---------चैत्र

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------चैत्र।

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5124।

विक्रम संवत्-------------------2079 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2078 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1944 शक संवत।

ऋतु-----------------------------बसंत ऋतु।

सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे।

सूर्य का गोल----------------- उत्तर गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------शुभकृत।

संवत्सर--------------------------राक्षस ।



          ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----तृतीया तिथि दोपहर 13:54:29  तक रहेगी, 

उसके बाद चतुर्थी तिथि दोपहर 13:54:29 से शुरू होकर प्रातः(कल) 39:44:35 तक रहेगी।

वार-------------सोमवार

नक्षत्र--------भरणी नक्षत्र दोपहर 14:27:14 तक रहेगा,

उसके बाद

नक्षत्र----------कृत्तिका नक्षत्र दोपहर 14:27:14 से शुरू होकर प्रातः(कल) 40:50:35 तक रहेगा

योग......विष्कुम्भ योग प्रातःकाल 07:40:44 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग.........प्रीति योग प्रातःकाल 07:40:44 से शुरू होकर प्रातः(कल) 31:57:27 तक रहेगा।

करण.....गर करण दोपहर 13:54:29 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण........वणिज करण प्रातः(कल) 26:45:43 तक रहेगा,

उसके बाद में

करण.......विष्टि(भद्रा) करण प्रातः(कल) 26:45:43 से शुरू होकर प्रातः(कल) 39:44:35 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------मेष राशि में चन्द्रमा रात्रिकाल 21:00:17 तक रहेगा।

उसके बाद चन्द्रमा की राशि-------वृषभ राशि में चन्द्रमा रात्रिकाल 21:00:17 से शुरू होगा।

सूर्य की राशि......सूर्य  मीन राशि में रहेगा।

सौर प्रविष्टे............22, चैत्र।



सूर्य का उदय व अस्त, दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:09:14।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:39:20।

चन्द्रोदय का समय:-प्रातःकाल 07:54:46

चन्द्रास्त का समय:-रात्रिकाल 21:41:08। 

दिनमान का समय:-दोपहर 12:30:05

रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 11:28:46



     आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


तीसरे चरण ले अक्षर के भरणी नक्षत्र का समय प्रातःकाल 07:56:12 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण लो अक्षर के भरणी नक्षत्र का समय दोपहर 14:27:14 तक रहेगा।

पहले चरण अ अक्षर के कृत्तिका नक्षत्र का समय रात्रिकाल 21:00:17 तक रहेगा।

दूसरे चरण ई अक्षर के कृत्तिका नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 27:35:16 तक रहेगा।



    ।।आंग्ल मतानुसार 04 अप्रैल 2022  ईस्वी सन।।


        ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।     

                

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:59 से दोपहर 12:49 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


          ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:43 से 09:17 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:51 से 12:24 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:58 से 15:32 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:49 से 13:39 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:19 से 16:09 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।



       ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-पूर्व दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो चन्दन लगाकर या चन्दन का दान करके या दूध पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है। 



           ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार, सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें। 

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।




      दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:09 से 07:43 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:43 से 09:17 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:17 से 10:51 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:51 से 12:24 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 12:24 से 13:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-दोपहर 13:58 से 15:32 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 15:32 से 17:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-सायंकाल 17:06 से 18:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


       रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:39 से 20:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:05 से 21:32 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:32 से 22:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:58 से 24:24 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:24 से 25:50 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:50 से 27:16 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:16 से 28:42 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:42 से 30:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।



        ।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मीन लग्न 20°4' गति 350°4' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-रेवती नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-भरणी नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात, नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-मीन राशि में रेवती नक्षत्र के पहले चरण के दे अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-मेष राशि में भरणी नक्षत्र के तीसरे चरण के ले अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-मीन राशि में रेवती नक्षत्र के पहले दूसरे के दो अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-कुम्भ  राशि में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तीसरे चरण के दा अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-कुम्भ राशि में घनिष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण के गे अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में घनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के दूसरे चरण के ई अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में विशाखा नक्षत्र के चौथे चरण के तो अक्षर में रहेगा। 


        ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


04 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 04 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 4, 13, 22 और 31 तारीख।

शुभ-वार:-शनिवार, रविवार व सोमवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 4, 13, 22, 31, 40, 49, 58, 67, 76, 85 एवं 94 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-आग्नेय(दक्षिण-पूर्व)।

शुभ-रंग:-नीला, खाकी, मटमैला(सलेटी)।

शुभ-रत्न:-गोमेद।

शुभ-धातु:-मिश्रित धातु।

आराध्य-देव:-गणेश जी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ रां रांहवे नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                 13    8     15 

                 14   12    10 

                  9     16    12 

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 5, 6 एवं 8 । 

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 7 एवं 9।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।