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Sunday, June 5, 2022

आज का पंचांग दिनांक 05 जून 2022

Aaj ka Panchang Date 05 June 2022




आज का पंचांग दिनांक 05 जून 2022(Aaj ka Panchang Date 05 June 2022):-षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय देवता की पूजा-आराधना करके उनको खुश करना चाहिए। जिससे कार्तिकेय देवता का हाथ मनुष्य के दाम्पत्य जीवन पर बना रहे,जिससे कार्तिकेय देवता की कृपा दृष्टि बनी रहे और मनुष्य के दाम्पत्य जीवन में प्रेम की भावना बनी रहने से मनुष्य के जीवन में खुशहाली से भरी रहे।


षष्ठी तिथि के दिन करने योग्य काम:-षष्ठी तिथि के दिन मनुष्य को पशु से सम्बंधित काम, वास्तु काम, जमीन के काम, मौद्रिक काम, पानी के सम्बंधित काम, व्यापार,  भूषण, व्यवहारादि आदि काम करने से फायदा मिलता है।



अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:52 से दोपहर 12:47 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 



विशेष:-आज के दिन गण्डमूल नक्षत्र रहने से गण्डमूल मुहूर्त रहेगा, जो इस तरह हैं।


गण्डमूल मुहूर्त का समय:-अहोरात्र तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।


विशेष:-आज के दिन अरण्यषष्ठि हैं। 


विशेष:-आज के दिन विन्ध्यवासिनी पूजा हैं। 


विशेष:-आज के दिन सांई टेउँराम पुण्यः हैं।  


विशेष:-आज के दिन विश्व पर्यावरण दिवस हैं। 



   ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------05 जून 2022।

महीना (अमावस्यांत् )---------ज्येष्ठ

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------ज्येष्ठ।

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5124।

विक्रम संवत्-------------------2079 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2078 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1944 शक संवत।

ऋतु-----------------------------ग्रीष्म ऋतु।

सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे।

सूर्य का गोल----------------- उत्तर गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------शुभकृत।

संवत्सर--------------------------राक्षस ।



       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----षष्ठी तिथि अहोरात्र तक रहेगी, 

उसके बाद वृद्धि षष्ठि तिथि अहोरात्र से शुरू होकर प्रातः(कल) 30:39:19 तक रहेगी।

वार-------------रविवार

नक्षत्र--------आश्लेषा नक्षत्र प्रातः(कल) 24:23:46  तक रहेगा,

उसके बाद

नक्षत्र----------मघा नक्षत्र प्रातः(कल) 24:23:46 से शुरू होकर प्रातः(कल) 50:24:38 तक रहेगा

योग......व्याघात योग प्रातः(कल) 28:46:34  तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग.........हर्षण योग प्रातः(कल)  28:46:34  से शुरू होकर प्रातः(कल) 52:50:58 तक रहेगा।

करण.....कौलव करण सायंकाल 17:49:08 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण........तैतिल करण प्रातः(कल) 30:39:19 तक रहेगा,

उसके बाद में

करण.......गर करण प्रातः(कल) 30:39:19 से शुरू होकर प्रातः(कल) 43:21:25 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------कर्क राशि में चन्द्रमा प्रातः(कल) 24:23:46 तक रहेगा।

उसके बाद चन्द्रमा की राशि-------सिंह राशि में चन्द्रमा प्रातः(कल) 24:23:46 से शुरू होगा।

सूर्य की राशि......सूर्य  वृषभ राशि में रहेगा।

सौर प्रविष्टे............22, ज्येष्ठ।


सूर्य का उदय व अस्त, दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:24:21।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 19:15:03

चन्द्रोदय का समय:-प्रातःकाल 10:03:15

चन्द्रास्त का समय:-रात्रिकाल 23:58:51। 

दिनमान का समय:-दोपहर 13:50:41

रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 10:09:12


     आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


दूसरे चरण डू अक्षर के आश्लेषा नक्षत्र का समय दोपहर 11:11:52 तक रहेगा।

तीसरे चरण डे अक्षर के आश्लेषा नक्षत्र का समय सायंकाल 17:48:39 तक रहेगा।

चौथे चरण डो अक्षर के आश्लेषा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 24:23:46 तक रहेगा।

पहले चरण मा अक्षर के मघा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 30:57:03 तक रहेगा।

दूसरे चरण मी अक्षर के मघा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 37:28:23 तक रहेगा।


   ।।आंग्ल मतानुसार 05 जून 2022  ईस्वी सन।।


      ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।  

                   

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:52 से दोपहर 12:47 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 



     ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-सायंकाल 17:31 से 19:15 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:20 से 14:04 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:47 से 17:31 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-सायंकाल 17:24 से 18:20 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गण्डमूल मुहूर्त का समय:-अहोरात्र तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।



      ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो चॉकलेट या दलिया खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।




           ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये, उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे, लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे, काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो, सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर का चौघड़िया:-में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग का चौघड़िया:-में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ का चौघड़िया:-में औरत श्रृंगार, सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ का चौघड़िया:-में धंधा करें ।

रोग का चौघड़िया:-में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें। 

काल का चौघड़िया:-में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत का चौघड़िया:-में सभी शुभ कार्य करें ।


     दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-  


उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:24 से 07:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:08 से 08:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:52 से 10:36 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:36 से 12:20 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 12:20 से 14:04 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 14:04 से 15:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-दोपहर 15:47 से 17:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-सायंकाल 17:31 से 19:15 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।



        रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:15 से 20:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:31 से 21:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:47 से 23:04 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 23:04 से 24:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:20 से 25:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:36 से 26:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:52 से 28:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:08 से 29:24 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।



     ।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-वृषभ लग्न 20°11' गति 50°11' रहेगी।

सूर्य नक्षत्र:-रोहिणी नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-आश्लेषा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात, नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण के वु अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-कर्क राशि मे आश्लेषा नक्षत्र के दूसरे चरण के डू अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-मीन राशि में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के चौथे चरण के ञ अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के दूसरे चरण के ई अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-मीन  राशि में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के तीसरे चरण के झ अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-मेष राशि में भरणी नक्षत्र पहले चरण के ली अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-कुम्भ राशि में घनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के गु अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-मेष राशि में कृत्तिका नक्षत्र के पहले चरण के अ अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-तुला राशि में विशाखा नक्षत्र के तीसरे चरण के ते अक्षर में रहेगा। 


        ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


05 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 05 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 5, 14 और 23 तारीख।

शुभ-वार:-बुधवार एवं शुक्रवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 5, 14, 23, 32, 41, 50, 59, 68, 77, 86 और 95 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-उत्तर।

शुभ-रंग:-हरा।

शुभ-रत्न:-पन्ना।

शुभ-धातु:-सोना।

आराध्य-देव:-महालक्ष्मी जी और गणेश जी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बुं बुधाय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                  9      4     11 

                 10      8       6

                  5       12     7

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 4, 5 एवं 6।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-2 एवं 7।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3, 8 एवं 9।