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Saturday, December 19, 2020

बारह लग्नो और राशियों का फल भाग दो(The result of twelve ascendant and zodiac signs part two)


बारह लग्नो और राशियों का फल भाग दो(The result of twelve ascendant and zodiac signs part two)


 सिंह लग्न या सिंह राशि:-

सिंह लग्न का मनुष्य का देह का डील-डौल बीच के आकार होकर देह पूर्ण रूप से कसा हुआ,माथा चौड़े आकार का और अस्थियां पुख्ता होती है। इनका व्यक्तित्व शान-शौकत व दबदबे वाला होता है। रवि सिंह राशि में होने पर इनका व्यक्तित्व में शान-शौकत को ओर बढ़ा देता हैं।

सिंह लग्न के मनुष्य अच्छे स्वभाव के बड़े ह्रदय के दयालु होने से दूसरों की मदद करके खुश होते है। ये अपने दोस्तों व अपने रिश्तेदारों पर विश्वास आंखे बन्दकर करते है। इनमें अपनी क्षमता से किसी भी सामूहिक गठित संस्था के मुखिया बनते है और राजकीय सेवा में या व्यापारिक सामूहिक गठित संस्था में ऊँचा पद को प्राप्त करते है।

सिंह लग्न के मनुष्य में कम बोलते है व बिना मतलब नहीं बोलते हुए सही नीति संगत सोच से ज्यादा काम करते है और दूसरों के साथ नीति संगत से निपटारा में रुचि रखते है।

सिंह लग्न में सिंह अग्नि तत्व की राशि होने से ये मनुष्य आग की तरह तपकर तैयार होते हुए ऊँचे पद का ऊँचा हक प्राप्त करके अपने पद का रौब दिखाते हैं। ये विलक्षण बुद्धि वाले ऊंची इच्छाओं वाले होते है।

सिंह लग्न के मनुष्य को अपने दयालु स्वभाव व किसी के भी प्रति पूर्ण श्रद्धा होने से दूसरों से मान-सम्मान मिलता है और बाहरी ढोंग इनको पसन्द नहीं होता है।

सिंह लग्न में सिंह राशि स्थिर राशि होने से इन लग्न के मनुष्य अपनी सोच में किसी भी बात पर मजबूती से अपनी बात पर डटे रहने वाले होते है। शेर के समान चिंघाड़ते या चिल्लाने वाले गुस्से के होते है और इनका गुस्सा थोड़े समय का रहता है।

सिंह लग्न के मनुष्य जीवन में परेशानियों व बाधाओं को सहने की ताकत होती है, जीवन में रुपये-पैसे को अपने खर्चो की वजह से इकट्ठा नहीं कर पाते है और जुए-सट्टा में रूचि होती है।

सिंह लग्न के मनुष्य को राजनीति में अच्छी शोहरत को प्राप्त कर अच्छे नेता बनते है। राजकीय सेवा,राज्य के मंत्री के पद को,किसी चीज या बात को अच्छी तरह से जानने वाले व समझने वाले और महंगी धातुओं की खरीद-बिक्री का काम का धंधा ठीक रहता है।

सिंह लग्न के मनुष्य अपने परिवार में व घर में राज  करते हुए अपनी बात को मनवाने की ताकत होती है। पति-पत्नी के बीच में मतभेद होते है,क्योंकि इनके लग्न घर से सातवें घर का मालिक मन्द ग्रह होने से मतभेद होते है।

कन्या लग्न या कन्या राशि:-

कन्या लग्न के मनुष्य का देह से हल्के व कमजोर,  आकार में लंबे होते है, भौहे में घनापन और इनका पेट बाहर नहीं निकला होता है। 

कन्या लग्न के मनुष्य अपनी उम्र से कम दिखाई देने वाले तेज चाल से चलने वाले फुर्तीले स्वभाव के होते है।

कन्या लग्न का मालिकग्रह बुध होने से जो स्वभाव से दोहरी प्रकृति होने से इन लग्न के मनुष्य अपनी दैनिक जीवनचर्या को बदलते रहते है। ये अपनी परेशानियों को व बाधाओ को बहुत ही अपनी चालाकी व होशियारी से कोई भी काम को पूरी तरह से विश्वास से करवा लेने वाले होते है।

कन्या लग्न में कन्या राशि पृथ्वी तत्व की होने इस लग्न के मनुष्य में रुपये-पैसे की तरफ ज्यादा झुकाव होने से वे इसी काम में लगे रहते है।

कन्या लग्न के मनुष्य चिकित्सक, ऑडिटर, पत्रकारिता, शिक्षक,एकाउंटेट और वकालत के पेशा में फायदा मिलता है।

कन्या लग्न के मनुष्य के स्वभाव में बार-बार बदलाव होते रहने से इनका वैवाहिक जीवन ठीक-ठाक होता है,ये शादी के बारे में बहुत ही देरी से सोचने वाले होते है।इस लग्न के मनुष्यों में बहुत से लोगों की शादी के प्रति रूचि नहीं रखने वाले होते है।

तुला लग्न या तुला राशि:-

तुला लग्न के मनुष्य की देह सभी तरह से ठीक-ठाक व आयु में बढ़ोतरी के साथ-साथ इनकी लम्बाई में बढ़ोतरी होती है। ये देखने में सुंदर, शान वाले और दूसरों को अपनी तरफ ध्यान को आकर्षित करने वाले होते है और इनकी नाक तोते की नाक की तरह तीखी होती है।

तुला लग्न के मनुष्य देह से पूरी तरह से विकसित व पुरी तरह से गठित होने से इनका दिमाग भी पूर्ण तरह से अच्छा होता है।

तुला लग्न के मनुष्य में अच्छी तरह से किसी भी बात की गहराई में जाने के बाद ही अपनी सोच से विचार से फैसला लेने वाले होते है। ये किसी भी गुण-दोष की विवेचना को अपनी रचना से ठीक-ठाक करते है।

तुला राशि का निशान ताकड़ी होने से ये सब के साथ एक तरह का व्यवहार करने वाले और दूसरों के साथ मिलजुल कर खुश रहने वाले होते है। इनका गुस्सा अधिक समय तक नहीं रहता है,वे जल्दी ठंडे हो जाते है।

तुला लग्न में तुला राशि चर राशि होने से इस लग्न के मनुष्य अपने दैनिक रहन-सहन में बदलाव करने वाले सामाजिक जीवन में अधिक जनों के द्वारा पसन्द किये जाने वाले होते है और अपना सब कुछ देने को तैयार रहते है।

तुला लग्न में तुला राशि वायु तत्व की राशि होने से इस लग्न के मनुष्य की बुद्धि का स्तर सबसे ज्यादा होने से सोचने की योग्यता भी ज्यादा होती है, जिससे वे हमेशा मन से खुश रहते हुए बाहरी दिखावे में रुचि नहीं रखते है। इनकी रुचि आत्मा की शुद्धि की ओर होती है।

तुला लग्न के मनुष्य स्वभाव से सीधे व सरल होने से वे दूसरों के अधीन रहना व उनका दबाव को सहन नहीं करने होते है। इनको किसी मनुष्य के द्वारा जोर-जबरदस्ती से कोई भी काम नहीं करवा सकते है।

तुला लग्न का मालिकग्रह शुक्र होने से इस लग्न के मनुष्य शौक मिजाजी होने से अच्छे खाना-पीने को और सुंदर व स्वच्छ कपड़ो को पहनने में रुचि रखते वाले होते है।

तुला लग्न वाले मनुष्य व्यापार करके,वकालत से,अभिनेता,सेल्समैन का काम,कहानियां-उपन्यास आदि कार्य में कामयाब हो सकते है।

तुला लग्न के मनुष्य मिजाज से सरल व ठंडे दिमाग के होने से इनका वैवाहिक जीवन शांति व सुखदायक होता है और वे अपने परिवार, घर और रुपये-पैसे से प्यार करने वाले होते है।

तुला लग्न की औरतें व लड़कियां भी चालाक व समझने वाली बुद्धि से कुशल होने से वे अपने जीवनसाथी से ज्यादा लगाव रखने वाली होती है।

वृश्चिक लग्न या वृश्चिक राशि:-

वृश्चिक लग्न में वृश्चिक राशि होने से इसका निशान  बिच्छू के रूप में होता है,जो छेड़ने पर डंक मारता है,इस तरह इस लग्न का मिजाज होता है।

वृश्चिक लग्न के मनुष्य के देह अच्छी तरह से गठीत होकर अच्छी तरह से व्यवस्थित होता है।इनके लम्बे आकार के हाथ व देह की आकार भी लम्बा होता है। मुख आकार में चौड़ेपन होने इनका मिजाज रौब वाला दिखता है।

वृश्चिक लग्न में वृश्चिक राशि एक जगह पर स्थायी पन वाली होने इस लग्न के मनुष्य अपने जीवन में आने वाली मुशीबतों व बाधाओं का सामना करते हुए आगे बढ़ने वाले होते है,वे यह नहीं सोचते कि उनको कामयाबी मिलेगी या नहीं मिलेगी वे अपने जिद से आगे बढ़ते रहते है।

वृश्चिक लग्न में वृश्चिक राशि कीट राशि होने से इस लग्न के मनुष्य में मन में सोचने की शक्ति बहुत ही ज्यादा होती है और अपनी बुद्धि के द्वारा पूरी तपास से काम को पूरा एक लग्न से करने वाले होते है।

वृश्चिक लग्न के मनुष्य में जोश ज्यादा होने से उनको अपने आत्मा के ज्ञान से यदि जिस काम को करते है तो उस काम को कामयाब करके छोड़ते है। इस लग्न के मनुष्य में अपनी बात पर अड़ने की क्षमता होने से अपनी बात को मनवाने में कामयाब भी हो जाते है। ये अपने आप को किसी के अधीन में रहना पसंद नहीं करते हुए अपनी हिम्मत से व अपनी मेहनत से ऊँचाई पर पहुचकर सम्मानित मनुष्य बनते है।

वृश्चिक लग्न के औरत व पुरुष में कामक्रीड़ा के प्रति ज्यादा झुकाव होने से इनका अपनी पति-पत्नी के अलावा दूसरे औरत-आदमी से सम्बन्ध भी बनते है।

वृश्चिक लग्न पर अच्छा प्रभाव होने पर ये गुप्त विद्याओं में और आत्मा की शक्ति में शौक रखने वाले होते है।

वृश्चिक लग्न के मनुष्य बोली से तेज व ज्यादा बोलने वाले होने अपनी बोली गई बात को अधिक मात्रा में तूल देते हुए अपना स्वार्थ को पूरा करने वाले होते है। ये दुसरो पर कटाक्ष पूर्ण बोली से आघात करके खुश होने वाले होते है। 

वृश्चिक लग्न के मनुष्य दुसरों की गुप्त बातों को जानकार उनको अपनी अंगुली पर नचाने वाले होते है। वे अपनी कहा-शुनि को अपने ह्रदय में बिठाकर उसका समय आने पर बदला जरूर लेने वाले होते है। 

वृश्चिक लग्न के मनुष्य को कोई भी अन्य मनुष्य के द्वारा हानि पहुचाये जाने पर ये मौका आने पर उसका पूरा फायदा उठाने में पीछे नहीं हटते है।

वृश्चिक लग्न के मनुष्य के परिवार सदस्य उसके निर्देशों का पालन करते हुए चलते है तो उसका पारिवारिक जीवन में खुशहाली से जीवन जीते है। इस लग्न के मनुष्य अपनी बात को मनवाने वाले होते है।

वृश्चिक लग्न के मनुष्य अपनी शान-शौकत पर खर्च करने वाले होते है, जिससे इनका मिजाज खर्च करनी की प्रवर्ति का हो जाता है जिससे इनकी पारिवारिक जीवन में खुशहाली की जगह पर दुःख की दशा बन जाती है।

वृश्चिक लग्न के मनुष्य में रसायन का अध्ययन करके रसायन विज्ञान के शास्त्री बन सकते है, चिकित्सक का काम, बीमे का काम,सर्जन बन सकते है, पुलिस या सेना या नौसेना में भर्ती होना और कसाई का काम से जीवन का यापन के धन्धे में कामयाब बन सकते है।

वृश्चिक लग्न के मनुष्य में अवगुण के साथ ही साथ सदगुण भी होते है। 

धनु लग्न या धनु राशि:-धनु लग्न में धनु राशि होने से इस लग्न का मालिकग्रह गुरु होता है।

धनु लग्न के मनुष्य का देह पूर्ण रूप से गठित होने से इनका आकार लम्बा होता है व मस्तिष्क ज्यादा बड़ा होने से इनकी भौंहे गहरी व घनी होती है। 

धनु लग्न के मनुष्य की लंबी नाक वाले व चमकदार आंखे होती है,जिससे इनके देखने का तरीका अलग तरह का होता है।ये बहुत ही सुंदर व गोरे रंग के होते है।

धनु लग्न में धनु राशि अग्नि तत्व की होने से इस लग्न के मनुष्य में आग की तरह गर्मी होने से जल्दी गुस्सा करने वाले होते है। आग की तरह जल्दी ही अपनी हिम्मत से व मेहनत से कामयाब होने का प्रयत्न करते है और कामयाब भी होते है। इनमें बहुत ही कुछ करने की तमन्ना होती है जिसे अपनी तेजी से उसे पूरा करनी की कोशिश करते है। 

धनु लग्न के मनुष्य में बहुत ही कठिनाइयों का सामना अपनी हिम्मत और मेहनत से करके उन मुशीबतों से छुटकारा भी पाते है। जिस तरह आग लगने धीरे-धीरे लगती है जब लगती है तो बादमे उसे बुझाने में बहुत ही परेशानी उठानी पड़ती है,उसी तरह इस लग्न के मनुष्य में अपने ऊपर बहुत ही विश्वास होने कोई भी काम को उमंग के साथ तेजी से पूरे जोश में उस काम को पूरा करके छोड़ते हैं।

धनु लग्न में धनु राशि दो तरह के मिजाज की होने से इस लग्न के मनुष्य में किसी बात पर एकदम फैसला नहीं ले पाते है,उस फैसले को लेने में बहुत ही विचार करने वाले होते है।

धनु लग्न का मालिकग्रह गुरु ग्रह होने से इस लग्न के मनुष्य भगवान को पूर्ण श्रद्धा से सत्य के साथ मानने वाले और इनको क्यों नुकशान भी नहीं लेकिन सत्य  बोलने वाले होते है।

धनु लग्न के मनुष्य अधिक पढ़ाई कर ऊंची शिक्षा को प्राप्त करने वाले और यात्रा के प्रति इनका झुकाव ज्यादा होता है।

धनु लग्न का मालिकग्रह गुरु होने से इस लग्न के मनुष्य में अपने ऊपर ज्यादा विश्वास होने से दयालु मिजाज के सत्य को बोलने वाले और आत्मा की शुद्धि के लिए कोशिश करने वाले होते है। ये सदैव दोनों पक्षों में एक समान नजर दृष्टि से देखने वाले होते है।

धनु लग्न पर मन्द,भौम, राहु या केतु का बुरा असर होने पर इस लग्न के मनुष्य दूसरों के साथ विश्वास घात भी धोखा देकर करते है।

धनु लग्न के मनुष्य अपने अच्छे-बुरे गुणो का बखान भी बढ़ा-चढ़ाकर करते है व ये अपने को अच्छा मनुष्य बताने का ढोंग भी करते है और जो वादा करते है उसको पूरा नहीं करते है।

धनु लग्न के मनुष्य राजकीय सेवा में,जज,वकालत, ज्योतिषी,लेखन कला से परिपूर्ण,राजनीतिक सेवा  और धार्मिक संस्थाओं को चलाने के धंधे में कामयाब होते है।

मकर लग्न या मकर राशि:-मकर लग्न में मकर राशि होने से इस लग्न के मनुष्य देह से  हल्के व कमजोर  होकर बढ़वार धीरे-धीरे होती है।ये देह से पूरी तरह से गठित नहीं होकर नहीं मोठे होते है। जैसे-जैसे युवा होते जाते है, वैसे-वैसे ही ये अपनी देह से लम्बे होते जाते है।

मकर लग्न में मकर राशि पृथ्वी तत्व की राशि होने से इस लग्न के मनुष्य कोई भी काम को पूरी तरह से आगे-पीछे की फिक्र करते हुए सचेत होकर करते है।

मकर लग्न के मनुष्य किसी भी बात पर व्यवहारिक रूप से आगे-पीछे की सोच करके दिखते हुए अपना काम को अलग-अलग तरीकों से बिना जल्दबाजी से बर्दाश्त करते हुए पूरा करते है।

मकर लग्न में मकर राशि चर राशि होने से इस लग्न के मनुष्य आगे-पीछे की तरफ पूरी तपास के बाद ही किसी भी विषय के बारे में फैसला लेते है। इनमें  स्वंय के ऊपर पूर्ण विश्वास होता है जिससे सब तरह की सब्र की क्षमता होने से सभी को एक साथ लेकर चलने की योग्यता होती है और यह किसी भी तरह से उम्मीद के बारे में नहीं सोचते है।

मकर लग्न में मकर राशि का मालिकग्रह शनि होने से इस लग्न खराब असर नहीं होने पर इस लग्न के मनुष्य अपने ईमान के प्रति वफादार पूरी निष्ठा से रखने वाले और पूरी तरह से विश्वास के योग्य होते है।

मकर लग्न पर खराब असर नहीं होने पर इस लग्न के मनुष्य अपना मतलब निकालने के लिए छलकपट का सहारा लेने वाले,बहुत ही ज्यादा पाने की लालसा  करने वाले और मक्खीचूस होते है।

मकर लग्न पर अच्छा प्रभाव होने पर इस लग्न के मनुष्य कोई भी तरह से सुस्त नहीं होते हुए बहुत ही मेहनत से काम करते हुए हमेशा अपने आप को किसी भी काम में लगा रखते है।

मकर लग्न पर खराब असर होने पर इस लग्न के मनुष्य कोई भी काम में मन को नहीं लगाते हुए बिना मेहनत के ही हताश होकर बैठ जाते है।

मकर लग्न के मनुष्य पुरानी जमाने की बातों के बारे में सोचते हुए उनको अपने जीवन में अमल करने की कोशिश करते है, अपने जीवन में आने वाली मुश्किलों की बिना परवाह किये हुए आगे बढ़ते हुए अपने काम को मुकाम की ओर बढ़ाने में लगे रहते है। इस लग्न के मनुष्य कोई भी काम को हाथ में लेते है, उसको पूरी मेहनत से जब तक कामयाब नहीं होते है तब तक पुरी मेहनत करते हुए कामयाब होने की कोशिश करते है।

मकर लग्न के मनुष्य राजकीय सेवा करके या उद्योग-धंधों में नौकरी करके अपना जीवन का यापन कर सकते है। यह अच्छे वैज्ञानिक व इंजीनियर बन सकते है और खान-खदानों व तेलों के ठिकानों पर काम करके अपनी जीविका को चला सकते है।

मकर लग्न के मनुष्य बहुत देरी से शादी के बारे में सोचकर शादी करते है,यह अच्छे पति-पत्नी बनकर अपने सन्तानो को प्रेम का दिखावा नहीं करते है। यह सब जगह पर नियंत्रण में रुचि रखने वाले होते है।

कुंभ लग्न या कुंभ राशि:-

कुंभ लग्न के मनुष्य की देह का आकार में पूरी तरह से पूर्ण होते हुए लम्बे होते है,इनका गोरा रंग होने से यह किसी को भी अपनी तरफ मोहित करने वाले होते है।

कुंभ लग्न में कुंभ राशि वायु तत्व की होने से इस लग्न के मनुष्य तेज बुद्धि के होने से किसी चिकनी चुपड़ी बातों में नहीं आते है। कोई भी काम को करने से पूर्व अच्छी तरह आगे-पीछे की सोच कर फैसला लेते है।

कुंभ लग्न के मनुष्य अच्छी ख्याल के होने से इनको कोई भी बात को समझाने में थोड़ा अधिक समय लगता है। जिस किसी काम को वे एक बार समझ जाते है उस काम को पूरी लगन और मेहनत से जीजान लगाकर पूरे विश्वास से उस काम को अपनी जिम्मेदारी समझकर पूरा करते है।

कुंभ लग्न के मनुष्य जिस किसी मनुष्य के साथ जुड़ते है तो अपने मतलब को छोड़कर दूसरों के प्रति हमदर्दी का आचरण करते है। इनमें नीति सम्बन्धी जानकारी होने से यह बहुत गहराई से सोचते हुए मन के अंदर के ज्ञान से विचरते है। 

इस लग्न के मनुष्य जिसके साथ जुड़ते है वे उनकी प्रति लगाव हो जाता है लेकिन यदि इनकी के प्रति यदि कोई मनुष्य विश्वास के साथ दगा करते है तो यह मन से बहुत दुःखी हो जाते है।

कुंभ लग्न में कुंभ राशि एक जगह पर ठहरने वाली होने से इस लग्न के मनुष्य अपने नियमो व रसूलों पर अड़े रहने वाले होते है। 

कुंभ लग्न के मनुष्य अकेला रहने में रुचि रखते है और बहुत ज्यादा किसी भी काम को पूरी मेहनत से करने वाले होते है।

कुम्भ लग्न में जन्म लेकर बहुत से महान आत्माओं ने सामाजिक और धार्मिक कार्यो के लिए अपने जीवन की कुर्बानी दी थी।

कुंभ लग्न के मनुष्य किसी भी तरह का धंधा व व्यापार करने पर अपनी मेहनत व लग्न से कामयाबी को पाने वाले होते है। इस लग्न के मनुष्य राजकीय विभाग में सेवा देकर और उद्योग-धंधों के विभाग की जगहों पर नौकरी की सेवा करके उच्च पद को प्राप्त करते है। यह अपनी अंतर मन ज्ञान की शक्ति से अच्छे ज्योतिषी भविष्य वक्ता बन सकते है।

कुंभ लग्न के मनुष्य का वैवाहिक जीवन में खुशहाली तब बन सकती है जब पति-पत्नी दोनों ही अच्छी सोच व अच्छी तेज बुद्धि वाले होने पर घर में सुख मिलता है। 

कुम्भ लग्न के मनुष्य में प्यार के प्रति ढोंग को पसन्द नहीं करते है और जिस किसी से प्यार करते तो उसकी प्रति पूर्ण तरह प्यार करते हुए लगाव रखते है।

मीन लग्न या मीन राशि:-

मीन लग्न के मनुष्य देह का आकार में छोटे व मोटे होते है और इनके हाथ-पैर भी छोटे आकार के होते है।

मीन लग्न में मीन राशि जल तत्व की राशि होने से इस लग्न का मालिकग्रह गुरु होता है। जिससे इस लग्न के मनुष्य मिजाज से दर्शनशास्त्र के बारे में अच्छी पकड़ होती है।

मीन लग्न के मनुष्य में नयी बात को सोचने की क्षमता अधिक होने से अपनी सोच के बारे में उस सोच को पूरा करने के लिए व्याकुल रहते है। 

मीन लग्न के मनुष्य में मानवता की भावना कूट-कूटकर भरी रहती है। यह दुसरे मनुष्य के प्रति पूरी सत्यनिष्ठा व धर्मपरायणता की भावना से उसे हमदर्दी देने वाले होते है।

मीन लग्न के मनुष्य गाय के स्वभाव के होते है,यदि इनको कोई नुकसान पहुंचाता है तो उससे बदला लेने के बारे में भी नहीं सोचते है। इस लग्न के मनुष्य दुसरो की रुपये-पैसे से मदद करके व किसी को दान देकर खुश होने वाले होते है।

मीन लग्न में मीन राशि दो तरह के मिजाज की होने से इस लग्न के मनुष्य की सोच भी दो तरह की होती है,जिससे वे ठीक तरह से फैसला नहीं ले पाते है। दो तरह की प्रकृति के होने से समय-समय पर अपने धन्धे व रोजगार में बदलाव करते रहते है।

मीन लग्न के मनुष्य बहने वाले पर्दाथ से बनी हुई वस्तुओं के धंधों से जीवन यापन करके कामयाब हो सकते है।

मीन लग्न के मनुष्य छिपी हुई विद्या का ज्ञान को प्राप्त करने में रुचि रखते है। ये कोई भी वस्तुओं की खरीद-बेचान का काम करने में भी कामयाब हो सकते है। यदि इस लग्न के मनुष्य दान वाली संस्थाओं में काम करते है तो उसमें अधिक कामयाब हो सकते है।

मीन लग्न में मीन राशि का मालिकग्रह शुक्र होने से इस लग्न के मनुष्य अच्छे संगीत की रचना कर उसको गाकर व अभिनेता भी बन सकते है। इस लग्न के मनुष्य अच्छे चिकित्सक और मंत्री बन सकते है।

मीन लग्न के मनुष्य का गृहस्थी जीवन मे तभी खुशहाली हो सकती है जब पति-पत्नी के बीच में दो तरह की सोच नहीं होती है। इनके बीच में प्यार की भावना में एक तरह की सोच होने पर कामयाब होते है।