दैनिक पंचांग के हालात को जानें दिनांक 02 फरवरी 2021 में(Know the situation of dailyalmanac on 02 February 2021):-
दैनिक पंचांग का विवरण
दिनांक-------------------02 फरवरी 2021 महीना (अमावस्यांत् )---------पौष
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------माघ
पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष
कलियुगाब्द्--------------------5122
विक्रम संवत्-------------------2077 विक्रम संवत
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत
शक संवत्----------------------1942 शक संवत
ऋतु-----------------------------शिशिर ऋतु
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे
सूर्य का गोल------------------दक्षिण गोले
संवत्सर(उत्तर)------------------प्रमादी
संवत्सर--------------------------शार्वरी
पंचांग
तिथि--------------पंचमी तिथि रात्रि 16:18:39 तक रहेगी,उसके बाद रात्रि 16:18:39 से षष्ठी तिथि शुरू हो जाएगी।
वार--------------मंगलवार
नक्षत्र----------हस्त नक्षत्र रात्रि 22:31:29 तक रहेगा।
नक्षत्र------ उसके बाद रात्रि 22:31:29 से चित्रा नक्षत्र शुरू होगा।
योग---------धृति योग प्रातः(कल) 27:54:31 तक रहेगा।
उसके बाद प्रातः(कल) 27:54:31 से शूल योग शुरू होगा
करण---------तैतिल करण दोपहर 16:18:39 तक उसके बाद
करण--------गर करण शुरु होकर प्रातः(कल) 27:15:05 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि--- कन्या राशि में चन्द्रमा पूरे दिन रहेगा।
सूर्य की राशि-----------सूर्य मकर राशि में ही रहेंगे।
सौर प्रविष्टे-------------20,माघ।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातः 07:10:05।
सूर्यास्त का समय:-सायं 17:59:57।
चन्द्रोदय का समय:-रात्रि 22:46:36।
चन्द्रास्त का समय:-प्रातःकाल 10:16:26।
दिनमान का समय:-सुबह से 10:49:52।
रात्रिमान का समय:-दोपहर से 13:09:32।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
दूसरा चरण ष अक्षर हस्त नक्षत्र का समय प्रातःकाल 11:14:14 तक रहेगा।
तीसरा ण अक्षर हस्त नक्षत्र का समय दोपहर 16:52:53 तक रहेगा।
चतुर्थ चरण ठ अक्षर हस्त नक्षत्र का समय रात्रि 22:31:29 तक रहेगा।
पहला चरण पे अक्षर चित्रा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 28:10:04 तक रहेगा।
आंग्ल मतानुसार 02 फरवरी 2021 ईस्वी सन
अशुभ मुहूर्त का समय
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:20 से 10:03 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय है।
दूर मुहूर्त का समय:-रात्रि 23:16 से 23:59 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:35 से 13:56 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:53 से 11:14 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:17 से 16:39 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
शुभ मुहूर्त का समय
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:13 से दोपहर 12:57 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
दिशाशूल से बचने का उपाय:-
दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो भूमि का दान करके या छाछ को पीकर या गुड़ को खाकर यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में व्यापार करें ।
रोग:- में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
रोग का चौघड़िया:-प्रातः 07:10 से 08:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः 08:31 से 09:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातः 09:53 से 11:14 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा
लाभ का चौघड़िया:-प्रातः 11:14 से 12:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ समय रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 12:35 से 13:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-दोपहर 13:56 से 15:17 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 15:17 से 16:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-सायं 16:39 से 17:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
काल का चौघड़िया:-सायं 17:59 से 19:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-रात्रि 19:39 से 21:17 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रि 21:17 से 22:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-रात्रि 22:56 से 24:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:35 से 26:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-मध्यरात्रि 26:13 से 27:52 तक रहेगा जो कि अशुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-रात्रि 27:52 से 29:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:31 से 31:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मकर लग्न 19°17' गति 289°17' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र :- श्रवण नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-हस्त नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीजे चरण के खे अक्षर में रहेंगे।
चन्द्रमा ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के दुजे चरण के ष अक्षर में रहेंगे।
मंगल ग्रह:-मेष राशि में भरणी नक्षत्र के दुजे चरण के लू अक्षर रहेंगे।
बुध ग्रह:- कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीजे चरण के गु अक्षर आएगा।
गुरु ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दुजे चरण के खू अक्षर आएगा।
शुक्र ग्रह:- मकर में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के तीजे चरण के जा अक्षर रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण के वु अक्षर रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के या अक्षर रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
02 तारीख को जन्में मनुष्य के मूलांक 2 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 2,11,20,29 तारीख शुभ होती है।
शुभ-वार:-सोमवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 2,11,20,29,38,47,5674,83 और 92 वें वर्ष शुभ वर्ष होते हैं।
शुभ-दिशा:-नैर्ऋत्य दिशा शुभ होती है।
शुभ-रंग:सफेद।
शुभ-रत्न:-मोती रत्न शुभ होता है।
शुभ-धातु:-चाँदी धातु शुभ होती है।
आराध्य-देव:-भगवान शिवजी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ सौंमय नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
7 3 9
8 6 4
3 10 5
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1,2,5,6।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4,व 7 ।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3,8 व 9।