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Wednesday, February 3, 2021

दैनिक पंचांग के हालात को जानें दिनांक 03 फरवरी 2021 में(Know the situation of daily almanac on 03 February 2021)

             

       


दैनिक पंचांग के हालात को जानें दिनांक 03 फरवरी 2021 में (Know the situation of daily almanac on 03 February 2021):-आज के दिन षष्टमी तिथि और सप्तमी तिथि होने से मनुष्य को षष्टमी तिथि के स्वामी कार्तिकेयजी की पूजा करनी चाहिए और षष्टमी तिथि के दिन मनुष्य को पशुओं,वास्तु कार्य,भूमिकर्म,जल के सम्बन्धित काम,व्यापार आदि कामों को करना चाहिए।

साथ में सप्तमी तिथि भी होने से सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्य भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए और सप्तमी तिथि के दिन यात्रा,वाहन,राजकीय सेवा,विवाह,वास्तु और आभूषण आदि के काम को करना चाहिए।   

           

             दैनिक पंचांग का विवरण


दिनांक-------------------03 फरवरी 2021            महीना (अमावस्यांत् )---------पौष

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------माघ

पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष

कलियुगाब्द्--------------------5122

विक्रम संवत्-------------------2077 विक्रम संवत

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत

शक संवत्----------------------1942 शक संवत

ऋतु-----------------------------शिशिर ऋतु

सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे

सूर्य का गोल------------------दक्षिण गोले

संवत्सर(उत्तर)------------------प्रमादी

संवत्सर--------------------------शार्वरी 



                            पंचांग                           


तिथि--------------षष्ठी तिथि दोपहर 14:11:41 तक रहेगी,उसके बाद दोपहर 14:11:41 से सप्तमी तिथि शुरू  हो जाएगी।

वार--------------बुधवार

नक्षत्र----------चित्रा नक्षत्र रात्रि  21:06:22 तक रहेगा।

नक्षत्र------ उसके बाद रात्रि 21:06:22 से स्वाति नक्षत्र शुरू होगा।

योग---------शूल योग मध्यरात्रि 24:59:14 तक रहेगा।

उसके बाद मध्यरात्रि 24:59:14 से गण्ड योग शुरू होगा

करण---------वणिज करण दोपहर 14:11:42 तक उसके बाद  

करण---------विष्टि भद्र करण शुरू होकर मध्यरात्रि 25:08:52 तक रहेगा।  

चन्द्रमा की राशि--- कन्या राशि में चन्द्रमा प्रातःकाल 09:48:43 तक रहेगा उसके बाद तुला राशि में प्रातःकाल 09:48:43 से शुरू होकर पूरे दिन रहेगा। 

सूर्य की राशि-----------सूर्य मकर राशि में ही रहेंगे।


सौर प्रविष्टे-------------21,माघ।


सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-


सूर्योदय का समय:-प्रातः 07:09:30।

सूर्यास्त का समय:-सायं 18:00:46।

चन्द्रोदय का समय:-रात्रि 23:50:08।

चन्द्रास्त का समय:-प्रातःकाल 10:51:48।

दिनमान का समय:-सुबह से 10:51:16।

रात्रिमान का समय:-दोपहर से 13:08:07।



आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


दूसरा चरण पो अक्षर चित्रा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 09:48:43 तक रहेगा।

तीसरा चरण रा अक्षर चित्रा नक्षत्र का समय दोपहर 15:27:28 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण री अक्षर चित्रा नक्षत्र का समय रात्रि 21:06:22 तक रहेगा।

पहला चरण रु अक्षर स्वाति नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 26:45:28 तक रहेगा।


आंग्ल मतानुसार 03 फरवरी  2021  ईस्वी सन


                    अशुभ मुहूर्त का समय                



दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:13 से 12:57 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:14 से 12:35 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:31 से 09:52 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:35 से  13:57 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 



                      शुभ मुहूर्त का समय                      


अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:13 से दोपहर 12:57 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।बुधवार को अभिजीत मुहूर्त वर्जित माना जाता है।



                 दिशाशूल से बचने का उपाय:-             


दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का दान करके या दूध को पीकर या पुष्प को लेकर यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में व्यापार करें ।

रोग:- में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


            

 दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-     


लाभ का चौघड़िया:-प्रातः 07:10 से 08:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातः 08:31 से 09:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातः 09:52 से 11:14 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा

शुभ का चौघड़िया:-प्रातः 11:14 से 12:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ समय रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-दोपहर 12:35 से 13:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा। 

उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 13:57 से 15:18 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-दोपहर 15:18 से 16:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-सायं 16:39 से 18:01 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

       


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-



उद्वेग का चौघड़िया:-सायं 18:01 से 19:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-रात्रि 19:39 से 21:18 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-रात्रि 21:18 से 22:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-रात्रि 22:56 से 24:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:35 से 26:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-मध्यरात्रि 26:13 से 27:52 तक रहेगा जो कि अशुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-रात्रि 27:52 से 29:30 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:30 से 31:09 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।



सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मकर लग्न 20°17' गति 290°17' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र :- श्रवण नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:- चित्रा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण के खो अक्षर में रहेंगे।

चन्द्रमा ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के दुजे चरण के पो अक्षर में रहेंगे।

मंगल ग्रह:-मेष राशि में भरणी नक्षत्र के दुजे चरण के लू अक्षर रहेंगे।

बुध ग्रह:- कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीजे  चरण के गु अक्षर आएगा।

गुरु ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दुजे चरण के खू अक्षर आएगा।

शुक्र ग्रह:- मकर में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के चौथे चरण के जी अक्षर रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण के वु अक्षर रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के या अक्षर रहेगा। 



    ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


03 तारीख को जन्में मनुष्य के मूलांक 03 के लिए शुभाशुभ:-


शुभ-तारीखें:-हर माह की 3,12,21 व 30 तारीख शुभ होती है।

शुभ-वार:-गुरुवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 3,12,21,30,39,48,57,66,75,84 व 93 वें वर्ष ।

शुभ-दिशा:-ईशान कोण की दिशा।

शुभ-रंग:-पिला,सुनहरा।

शुभ-रत्न:-पुखराज।

शुभ-धातु:-सोना।

आराध्य-देव:-विष्णु जी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बृं बृहस्पतये नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

               10      5       12

               11      9         7

                6      13        8

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1,2,3 व 9।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5 व 6।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4,7 व 8।