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Sunday, February 14, 2021

दैनिक पंचांग के हालात को जानें दिनांक 14 फरवरी 2021 में(Know the situation of daily almanac on 14 February 2021)




दैनिक पंचांग के हालात को जानें दिनांक 14 फरवरी 2021 में(Know the situation of daily almanac on 14 February 2021):-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग होने से मनुष्य को कोई मुहूर्त नहीं मिलने पर अपने काम इस सर्वाथ सिद्धि योग के समय में करने काम सिद्ध होते है।आज के दिन रज्जब मास 7 मुस्लिम मेला ख्वाजा सा अजमेर शरीफ का भी है।

आज के दिन तृतीया तिथि है,तृतीया तिथि के स्वामी पार्वती माता जी  होती है। इसलिए आज के दिन पार्वती माता जी की पूजा-अर्चना करके खुश करना चाहिए।जिससे मनुष्य के जीवन में सुख और खुशहाली की प्राप्ति हो सके और पार्वती माताजी का आशीर्वाद मनुष्य के ऊपर बना रहे।

तृतीया तिथि के दिन में करने योग्य काम:-तृतीया तिथि के दिन मनुष्य को सीमन्त संस्कार,चौल संस्कार,अन्नप्राशन,उपनयन,गृहप्रवेश,शिल्पविद्या,

समस्त शुभ काम,पशुओं से सम्बंधित सभी काम, जलयान,आभूषण, राजकीय प्रशासनिक काम,विवाह,यात्रा,देवप्रतिष्ठा, गृह, समस्त पौष्टिक एवं शुभ काम इत्यादि काम करना ठीक रहता है।

 

         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।



दिनांक-------------------14 फरवरी 2021            महीना (अमावस्यांत् )---------माघ

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------माघ

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष

कलियुगाब्द्--------------------5122

विक्रम संवत्-------------------2077 विक्रम संवत

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत

शक संवत्----------------------1942 शक संवत

ऋतु-----------------------------शिशिर ऋतु

सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे

सूर्य का गोल------------------दक्षिण गोले

संवत्सर(उत्तर)------------------प्रमादी

संवत्सर--------------------------शार्वरी 



                            पंचांग                           


तिथि-------तृतीया तिथि अधोरात्री  25:58:24  तक रहेगी।

वार--------------रविवार

नक्षत्र----------पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र सायं  16:31:39 तक रहेगा।

नक्षत्र-------उसके बाद सायं 16:31:39 से उत्तराभाद्रपदा नक्षत्र शुरू होगा।

योग---------सिद्ध योग अधोरात्री 25:10:15 तक रहेगा।

करण---------तैतिल करण दोपहर 13:22:39 तक उसके बाद  में

करण---------गर करण शुरू होकर अधोरात्री 25:58:24 तक रहेगा। 

चन्द्रमा की राशि--कुंभ राशि में चन्द्रमा प्रातःकाल 10:08:01 तक रहेगा,

उसके बाद प्रातःकाल 10:08:01 से मीन राशि में चन्द्रमा शुरू होकर पूरे दिन  तक रहेगा।

सूर्य की राशि--------- सूर्य कुंभ राशि में रहेगा। 

सौर प्रविष्टे------------3,फाल्गुन।


सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-


सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 07:01:37।

सूर्यास्त का समय:-सायं 18:09:19।

चन्द्रोदय का समय:- प्रातःकाल 08:43:17।

चन्द्रास्त का समय:- रात्रि 20:37:52।

दिनमान का समय:- प्रातःकाल 11:07:42।

रात्रिमान का समय:-दोपहर से 12:51:27।



आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-



तीसरा चरण दा अक्षर पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का समय प्रातः काल 10:08:01 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण दी अक्षर पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का समय साायं  16:31:39 तक रहेगा।

पहला चरण दू अक्षर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय  रात्रि 22:57:26 तक रहेगा।

दूसरा चरण थ अक्षर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय प्रातः (कल) 29:29:23 तक रहेगा।


आंग्ल मतानुसार 14 फरवरी  2021  ईस्वी सन


                    अशुभ मुहूर्त का समय                


राहुकाल मुहूर्त का समय:-सायं 16:46 से 18:09 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:35 से 13:59 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:22 से 15:46 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-सायं 16:40 से 17:25 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय है।

पंचक मुहूर्त का समय:-अधोरात्री से शुरू होगा। जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से मनुष्य को शुभ कामों को इस पंचक के समय में नहीं करना चाहिए।




                      शुभ मुहूर्त का समय                      


अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:13 से दोपहर 12:58 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।



                 दिशाशूल से बचने का उपाय:-             


दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो घी पीकर या पान या दलिया खाकर यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


            

 दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-     


उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:02 से 08:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:25 से 09:49 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:49 से 11:12 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातः 11:12 से 12:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ समय रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 12:35 से 13:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा। 

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 13:59 से 15:22 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-दोपहर 15:22 से 16:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-सायं 16:46 से 18:09 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

       


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-



शुभ का चौघड़िया:-सायं 18:09 से 19:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-रात्रि 19:46 से 21:22 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-रात्रि 21:22 से 22:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-रात्रि 22:59 से 24:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:35 से 26:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-मध्यरात्रि 26:11 से 27:48 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रि 27:48 से 29:24 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:24 से 31:01 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।



सूर्योदयकालीन उदित लग्न:- कुंभ लग्न 1°26' गति 301°26' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र :- धनिष्ठा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:- कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीजे चरण के गु अक्षर में रहेंगे।

चन्द्रमा ग्रह:- कुंभ राशि में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तीजे चरण के दा अक्षर में रहेंगे।

मंगल ग्रह:-मेष राशि में भरणी नक्षत्र के चौथे चरण के लो अक्षर रहेंगे।

बुध ग्रह:- मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीजे चरण के खे अक्षर आएगा।

गुरु ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीजे चरण के खे अक्षर आएगा।

शुक्र ग्रह:- मकर में श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण के खो  अक्षर रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण के वु अक्षर रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के या अक्षर रहेगा। 



    ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


14 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 5 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 5,14 और 23 तारीख।

शुभ-वार:--बुधवार एवं शुक्रवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 5,14,23,32,41,50,59,68,77,86 और 95 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-उत्तर।

शुभ-रंग:--हरा।

शुभ-रत्न:-पन्ना।

शुभ-धातु:-सोना।

आराध्य-देव:-महालक्ष्मी जी और गणेश जी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बुं बुधाय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                  9      4     11 

                 10      8       6

                  5       12     7

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):1,4,5 एवं 6।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-2 एवं 7।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3,8 एवं 9।