आज का पंचांग दिनांक 01 मार्च 2021 का(Today's almanac dated 01 march 2021):-आज के दिन द्वितीया तिथि होने से द्वितीया तिथि के स्वामी ब्रह्माजी को और तृतीया तिथि होने से तृतीया तिथि के स्वामी माता पार्वती देवी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करके उनका आशीर्वाद पाना चाहिए,जिससे मनुष्य को अपने जीवन धन-सम्पति मिल सके।
द्वितीया तिथि के दिन करने योग्य काम:-
मनुष्य को राजकीय प्रशासनिक,विवाह,यात्रा,आभूषण,
समस्त पौष्टिक एवं शुभ आदि काम करना ठीक रहता है।
तृतीया तिथि के दिन करने योग्य काम:-तृतीया तिथि के दिन मनुष्य को सीमन्त संस्कार,चौलसंस्कारअन्नप्राशन,उपनयन,गृहप्रवेश,देवप्रतिष्ठा,संगीत,शिल्पविद्या,समस्त शुभ काम,पशुओं से सम्बंधित काम,जलयान, आभूषण इत्यादि काम करना अच्छा होता है।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक-------------------01 मार्च 2021 महीना (अमावस्यांत् )---------माघ
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------फाल्गुन
पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष
कलियुगाब्द्--------------------5122
विक्रम संवत्-------------------2077 विक्रम संवत
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत
शक संवत्----------------------1942 शक संवत
ऋतु-----------------------------शिशिर ऋतु
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे
सूर्य का गोल------------------दक्षिण गोले
संवत्सर(उत्तर)------------------प्रमादी
संवत्सर--------------------------शार्वरी
पंचांग
तिथि-----द्वितीया तिथि प्रातःकाल 08:35:02 तक रहेगी,
उसके बाद प्रातःकाल 08:35:02 से तृतीया तिथि शुरू होगी।
वार--------------सोमवार।
नक्षत्र----उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र प्रातःकाल 07:35:50 तक रहेगा,
उसके बाद प्रातःकाल 07:35:50 से हस्त नक्षत्र शुरू होकर प्रातः(कल) 29:30:46 तक रहेगा।
योग.........शूल योग दोपहर 12:53:39 तक रहेगा,
उसके बाद दोपहर 12:53:39 से गण्ड योग शुरू होकर पुरे दिन रहेगा।
करण--------गर करण प्रातःकाल 08:35:02 तक रहेगा उसके बाद में,
करण----------तैतिल करण शुरू होकर रात्रि 19:10:35 तक रहेगा,
उसके बाद रात्रि 19:10:35 से विष्टि (भद्रा) करण शुरू होकर प्रातः(कल) 29:45:43 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि---कन्या राशि में चन्द्रमा पूरे दिन रहेगा।
सूर्य की राशि--------- सूर्य कुंभ राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे------------18,फाल्गुन।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:47:29।
सूर्यास्त का समय:-सायंकाल 18:19:43।
चन्द्रोदय का समय:-रात्रिकाल 20:35:15।
चन्द्रास्त का समय:-प्रातःकाल 08:14:21।
दिनमान का समय:-प्रातःकाल 11:32:13।
रात्रिमान का समय:-दोपहर से 12:26:15।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
चौथा चरण पी अक्षर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का समय प्रातःकाल 07:35:50 तक रहेगा।
पहला चरण पू अक्षर हस्त नक्षत्र का समय दोपहर 13:04:48 तक रहेगा।
दुसरा चरण ष अक्षर हस्त नक्षत्र का समय रात्रि 18:33:32 तक रहेगा।
तीसरा चरण ण अक्षर हस्त नक्षत्र का समय अधोरात्रि 24:02:08 तक रहेगा।
चौथा चरण ठ अक्षर हस्त नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 29:30:46 तक रहेगा।
आंग्ल मतानुसार 01 मार्च 2021 ईस्वी सन
अशुभ मुहूर्त का समय
राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:14 से 09:41 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:07 से 12:34 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:00 से 15:27 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:57 से 13:43 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:15 से 16:01 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
शुभ मुहूर्त का समय
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:11 से दोपहर 12:57 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
दिशाशूल से बचने का उपाय:-
दिशा शूल:-पूर्व दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो चन्दन का दान करके या चन्दन को लगाकर या दूध पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:47 से 08:14 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:14 से 09:41 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:41 से 11:07 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 11:07 से 12:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ समय रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 12:34 से 14:00 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-दोपहर 14:00 से 15:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 15:27 से 16:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-सायंकाल 16:53 से 18:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
चर का चौघड़िया:-सायंकाल 18:20 से 19:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-रात्रि 19:53 से 21:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-रात्रि 21:26 से 22:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-रात्रि 22:59 से 24:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:33 से 26:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:06 से 27:40 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:40 से 29:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:13 से 30:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-कुंभ लग्न 16°31' गति 316°31' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र :- शतभिषा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-कुंभ राशि में शतभिषा नक्षत्र के तीजे चरण के सी अक्षर में रहेंगे।
चन्द्रमा ग्रह:-कन्या राशि उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के चौथे चरण के पी अक्षर में रहेंगे।
मंगल ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के तीजे चरण के उ अक्षर में रहेंगे।
बुध ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण के खो अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण के खो अक्षर में रहेगा।
शुक्र ग्रह:-कुंभ राशि में शतभिषा नक्षत्र के दुजे चरण के सा अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दुजे चरण के खू अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण के वु अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के या अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
01 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 1 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 1,10,19 व 28 तारीख शुभ है।
शुभ-वार:-रविवार,सोमवर।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 1,10,19,28,37,46,55,64,73,82 और 91 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-पूर्व दिशा।
शुभ-रंग:-पिला,सुनहरा, नारंगी,ताम्रवर्ण।
शुभ-रत्न:-माणिक्य।
शुभ-धातु:-सोना,ताँबा।
आराध्य-देव:-सूर्य देव व शिव भगवान।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ घृणिः सूर्याय नमः ।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
6 1 8
7 5 3
2 9 4
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1,2,3,9।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4,6,7,8।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5।