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Saturday, April 17, 2021

आज का पंचांग दिनांक 20 अप्रैल 2021 (Today's almanac dated 20 April 2021)

               


आज का पंचांग दिनांक 20 अप्रैल 2021 (Today's almanac dated 20 April 2021):-आज के दिन अष्टमी तिथि होने से अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे भगवान भोलेनाथ जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।

अष्टमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-अष्टमी तिथि के दिन मनुष्य को खेती, व्यापार, धान्य, पत्थर, लौह, संग्राम, भूषण, शिवजी की स्थापना, जलाशय या कूप खनन आदि का काम करना ठीक रहता है।

आज चैत्र मास की दुर्गाष्टमी:-होने से दुर्गा माताजी की पूजा-अर्चना करे और दुर्गा माता को खुश करके आशीर्वाद को प्राप्त करे, जिससे जीवन में खुशहाली मिल सके।

अशोकाष्टमी व्रत कथा:-अशोकाष्टमी का त्यौहार चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन अशोक वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। 

अशोकाष्टमी त्यौहार मनाने की पौराणिक कथा:-प्राचीन समय में रावण की नगरी लंका में अशोक वाटिका के नीचे निवास करने वाली राम वियोगी सीता को इस दिन हनुमानजी के द्वारा अंगूठी और सन्देश प्राप्त हुआ था। इसलिए इस दिन अशोक वृक्ष के नीचे भगवती जानकी तथा हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान से पूजन करना चाहिए। हनुमानजी द्वारा सीताजी की खोज तथा रामचरित्रमानस से श्रवण करना चाहिए। ऐसा करने से स्त्रियों का सौभाग्य अचल होता हैं। इस दिन रामायण का पाठ करना चाहिए


         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक-------------------20 अप्रैल 2021            महीना (अमावस्यांत् )---------चैत्र

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------चैत्र

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष

कलियुगाब्द्--------------------5123

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत

शक संवत्----------------------1943 शक संवत

ऋतु-----------------------------बसंत ऋतु

सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे

सूर्य का गोल------------------उत्तर गोले

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद

संवत्सर--------------------------प्लव 


       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----अष्टमी तिथि अधोरात्री 24:42:53 तक रहेगी।

वार-------------मंगलवार

नक्षत्र---पुनर्वसु नक्षत्र प्रातःकाल 06:51:38 तक रहेगा,

उसके बाद प्रातःकाल 06:51:38 पुष्य नक्षत्र शुरू होकर रहेगा। 

योग....धृति योग रात्रिकाल 19:41:47 तक  रहेगा। उसके बाद शूल शुरू होगा।

करण..विष्टि(भद्रा) करण दोपहर 12:27:57 तक रहेगा,उसके बाद 

करण..बव करण अधोरात्री 24:42:53 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि--कर्क राशि में चन्द्रमा रहेगा

सूर्य की राशि---------मेष राशि में सूर्य रहेगा।

सौर प्रविष्टे............07,वैशाख।


सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:51:47।

सूर्यास्त का समय:-सायंकाल 18:48:33।

चन्द्रोदय का समय:-दोपहर 12:43:12।

चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 26:01:46।

दिनमान का समय:-दोपहर 12:56:45।

रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 11:02:14।



आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-

चौथा चरण ही अक्षर पुनर्वसु नक्षत्र का समय प्रातःकाल 06:51:38 तक रहेगा। 

पहला चरण हु अक्षर पुष्य नक्षत्र का समय दोपहर 13:12:38 तक रहेगा।

दूसरे चरण हे अक्षर पुष्य नक्षत्र का समय रात्रिकाल 19:30:42 तक रहेगा।

तीसरे चरण हो अक्षर पुष्य नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 25:45:45 तक रहेगा।


 ।।आंग्ल मतानुसार 20 अप्रैल  2021  ईस्वी सन।।


   ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।               

राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:34 से 17:11 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:06 से 10:43 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:20 से 13:57 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:27 से 09:19 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।

दूर मुहूर्त का समय:-रात्रिकाल 23:14 से 24:06 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।



        ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 11:54 से दोपहर 12:46 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।



   ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो भूमि का दान करके या गुुुड़ खाकर या छाछ पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।



 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:52 से 07:29 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:29 से 09:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:06 से 10:43 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:43 से 12:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ  रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 12:20 से 13:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 13:57 से 15:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 15:34 से 17:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-सायंकाल 17:11 से 18:49 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

       


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


काल का चौघड़िया:-सायंकाल 18:49 से 20:11 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-रात्रि 20:11 से 21:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रि 21:34 से 22:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-रात्रि 22:57 से 24:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:20 से 25:42 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:42 से 27:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:05 से 28:28 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:28 से 29:51 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


 

।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मेष लग्न 6°0' गति 6°0' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र :- अश्विनी  नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-पुनर्वसु  नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-मेष राशि मे अश्विनी नक्षत्र के दूसरे चरण के चे अक्षर में रहेंगे।

चन्द्रमा ग्रह:-कर्क राशि में पुनर्वसु नक्षत्र के चौथे चरण के ही अक्षर में रहेंगे।

मंगल ग्रह:-मिथुन राशि में मृगशिरा नक्षत्र के चौथे चरण के की अक्षर में रहेंगे।

बुध ग्रह:-मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र के तीजे चरण के चो अक्षर में रहेगा।

गुरु ग्रह:-कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीजे चरण के गु अक्षर में रहेगा। 

शुक्र-ग्रह:-मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र के चौथे चरण के ला अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीसरे चरण के खे अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण के वी अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के नो अक्षर में रहेगा। 


    ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


20 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 02 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 2,11,20,29 तारीख शुभ होती है।

शुभ-वार:-सोमवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 2,11,20,29,38,47,5674,83 और 92 वें वर्ष शुभ वर्ष होते हैं।

शुभ-दिशा:-नैर्ऋत्य दिशा शुभ होती है।

शुभ-रंग:-सफेद।

शुभ-रत्न:-मोती रत्न शुभ होता है।

शुभ-धातु:-चाँदी धातु शुभ होती है।

आराध्य-देव:-भगवान शिवजी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ सौंमय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

               7      3       9

               8      6       4

              3      10      5

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1,2,5,6।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4,व 7 ।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3,8 व 9।