षष्ठी तिथि के दिन करने योग्य काम:-षष्ठी तिथि के दिन मनुष्य को पशु से सम्बंधित काम, वास्तु काम, जमीन के काम, मौद्रिक काम, पानी के सम्बंधित काम, व्यापार, भूषण, व्यवहारादि आदि काम करने से फायदा मिलता है।
विशेष:-आज के दिन गंगासप्तमी होने से गंगा माता की पूजा-अर्चना करने से फायदा मिलता है, जीवन के किये गए पापों की मुक्ति के लिए गंगाजी का पूजा और जल का अर्ध्य देना चाहिए।
विशेष:-आज के दिन सूरदासजी की जयंती है।सूरदासजी ने अपना जीवन कृष्ण भगवान के प्रेम में मग्न होकर अलौकिक गीतों की रचना की थी। कृष्ण भक्त कवियों में श्री सूरदासजी का नाम बड़े ही सम्मान और गौरव से लिया जाता है।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक-------------------18 मई 2021
महीना (अमावस्यांत् )---------वैशाख
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------वैशाख
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष
कलियुगाब्द्--------------------5123
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत
शक संवत्----------------------1943 शक संवत
ऋतु-----------------------------ग्रीष्म ऋतु
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे
सूर्य का गोल------------------उत्तर गोले
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद
संवत्सर--------------------------प्लव
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----षष्ठी तिथि दोपहर 12:32:25 तक रहेगी,
उसके बाद सप्तमी तिथि शुरू होगी।
वार-------------मंगलवार।
नक्षत्र---पुष्य नक्षत्र दोपहर 12:32:25 तक रहेगा,
उसके आश्लेषा नक्षत्र शुरू होगा।
योग....वृद्धि योग प्रातः(कल) 26:14:38 तक रहेगा।
करण...तैतिल करण दोपहर 12:32:25 तक रहेगा,उसके बाद
करण...गर करण अहोरात्र 24:46:29 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि--कर्क राशि में चन्द्रमा पूरे दिन रहेगा।
सूर्य की राशि---------वृषभ राशि में सूर्य रहेगा।।
सौर प्रविष्टे............05,ज्येष्ठ।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:30:01।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 19:05:24।
चन्द्रोदय का समय:-प्रातःकाल 10:33:22।
चन्द्रास्त का समय:-अहोरात्र 24:41:45।
दिनमान का समय:-दोपहर 13:35:22।
रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 10:24:06।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
तीसरे चरण हो अक्षर पुष्य नक्षत्र का समय प्रातःकाल 08:34:22 तक रहेगा।
चौथा चरण ड अक्षर पुष्य नक्षत्र का समय दोपहर 14:54:08 तक रहेगा।
पहला चरण डी अक्षर आश्लेषा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 21:11:22 तक रहेगा।
दूसरे चरण टू अक्षर आश्लेषा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 27:26:00 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 18 मई 2021 ईस्वी सन।।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:42 से 17:23 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:54 से 12:18 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:18 से 13:59 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:13 से 09:07 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-रात्रिकाल 23:15 से 24:10 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:54 से अहोरात्र 24:00 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 11:51 से दोपहर 12:45 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो भूमि का दान करके या गुुुड़ खाकर या छाछ पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ trघंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:30 से 07:12 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:12 से 08:54 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:54 से 10:36 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:36 से 12:18 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 12:18 से 13:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-दोपहर 13:59 से 15:42 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 15:42 से 17:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-सायंकाल 17:23 से 19:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:05 से 20:23 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:23 से 21:41 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:41 से 22:59 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:59 से 24:17 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:17 से 25:35 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:35 से 26:53 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:53 से 28:12 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:12 से 29:30 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-वृषभ लग्न 3°8' गति 33°8' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र :- कृत्तिका नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-पुष्य नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-वृषभ राशि मे कृत्तिका नक्षत्र के दूसरा चरण के ई अक्षर में रहेंगे।
चन्द्रमा ग्रह:-कर्क राशि में पुष्य नक्षत्र के तीसरे चरण के हो अक्षर में रहेंगे।
मंगल ग्रह:-मिथुन राशि में पुनर्वसु नक्षत्र के पहला चरण के के अक्षर में रहेंगे।
बुध ग्रह:-वृषभ राशि में मृगशिरा नक्षत्र के पहला चरण के वे अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण के गे अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण के वी अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीसरे चरण के खे अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण के वी अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के नो अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 9,18 और 27 तारीख।
शुभ-वार:--मंगलवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 9,18,27,36,45,54,63,72,81,90 और 99 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-दक्षिण।
शुभ-रंग:--लाल।
शुभ-रत्न:-मूँगा।
शुभ-धातु:-ताँबा।
आराध्य-देव:-कार्तिकेय और हनुमानजी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ अं अंगारकाय नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
8 3 10
9 7 5
4 11 6
मित्र-अंक(मालिक ग्रह के अनुसार):-1,2,3,7 और 9।
शत्रु-अंक(मालिक ग्रह के अनुसार):--4 और 5।
सम-अंक(मालिक ग्रह के अनुसार):-6 और 8।