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Thursday, May 13, 2021

आरती श्री गणेश भगवान की(Aarti shri Ganesh of bhagavaan)

                   


आरती श्री गणेश भगवान की(Aarti shri Ganesh of bhagavaan):-सभी देवी-देवताओं में पहले पूजे जाने वाले श्री गणेशजी है। मनुष्य और देवी-देवताओं के आने वाले विघ्नों का हरण करने वाले श्रीगणेश जी है। भगवान गणेशजी की आरती करने से मनुष्य के जीवन में आने वाले सभी तरह की बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। भगवान गणेशजी बुद्धि के देवता होते है। जिन लोगों में बुद्धि की कमी होती है उनको गणेशजी आरती करनी चाहिए जिससे उनको गणपतिजी की अनुकृपा मिल सके। स्मरण शक्ति को बढ़ाने और वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाओं की मुक्ति के लिए भी आरती करने से फायदा होता है। आरती करने से जीवन के सभी मैल मिट जाते है और जीवन में खुशहाली प्राप्त होती हैं।

 

।।अथ श्री गणेश भगवान जी आरती की।।

जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा।।

जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा।।

धूप चढ़े खील चढ़े और चढ़े मेवा।

लड्डुअन का भोग लगे,सन्त करें सेवा।।

जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा।।

एकदन्त दयावन्त,चार भुजा धारी।

मस्तक सिन्दूर सोहे,मूसे की सवारी।।

जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा।।

अन्धन को आँख देत,कोढ़िन को काया।

बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।।

जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा।।

पान चढ़े,फूल चढ़े और चढ़े मेवा।

सूर श्याम शरण आये सुफल कीजे सेवा।।

जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा।।

दीनन की लाज राखो शम्भु-सुत वारी।

कामना को पूरा करो जग बलिहारी।।

जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा।।

।।इति श्री गणेशजी की आरती।।

।।जय बोलो गणपति बापा की जय हो।।