आज का पंचांग दिनांक 14 मई 2021 (Today's almanac dated 14 may 2021):-आज के दिन तृतीया तिथि होने से तृतीया तिथि के स्वामी पार्वती माता जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए, जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और सांसारिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त हो सके।
तृतीया तिथि के दिन करने योग्य काम:-तृतीया तिथि के दिन मनुष्य को सीमन्त संस्कार, चौल संस्कार, अन्नप्राशन, उपनयन, गृह प्रवेश, प्रतिष्ठा, संगीत, शिल्पविद्या, समस्त शुभ काम, पशुओं से सम्बंधित काम, जलयान, आभूषण इत्यादि काम करना अच्छा होता है।
विशेष:-आज के दिन अक्षयतृतीया आखातीज है।वैशाख शुक्ल तृतीया(आखातीज):-वैशाख शुक्ल की तृतीया को अक्षय तृतीया या आखा तीज भी कहते है। यह अक्षय तृतीया तिथि ईश्वर तिथि हैं। यह अक्षय तिथि परशुरामजी का जन्म दिन होने के कारण इसे "परशुराम तिथि" भी कहते हैं। त्रेतायुग का आरम्भ इसी आखातीज से हुआ है, जिससे इस तिथि को युग के आरम्भ की तिथि "युगादि तिथि" भी कहते हैं। द्वापर युग का प्रारम्भ माना जाता है।
बीकानेर राज्य की स्थापना की गई।
विशेष:-श्री परशुरामजी की जयंती का भी दिन है।
परशुराम जयन्ती(वैशाख शुक्ल तृतीया):-भगवान परशुराम स्वयं भगवान के अंशावतार है। रात्रि के प्रथम प्रहर के उच्च के छः ग्रहों से युक्त मिथुन राशि पर राहु के स्थित रहते माता रेणुका के गर्भ से भगवान परशुराम का प्रादुर्भाव हुआ।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक-------------------14 मई 2021
महीना (अमावस्यांत् )---------वैशाख
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------वैशाख
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष
कलियुगाब्द्--------------------5123
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत
शक संवत्----------------------1943 शक संवत
ऋतु-----------------------------ग्रीष्म ऋतु
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे
सूर्य का गोल------------------उत्तर गोले
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद
संवत्सर--------------------------प्लव
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----द्वितीया तिथि प्रातःकाल 05:38:06 तक रहेगी,
उसके बाद तृतीया तिथि शुरू होगी।
वार-------------शुक्रवार।
नक्षत्र---रोहिणी नक्षत्र प्रातःकाल 05:43:52 तक रहेगा,
उसके मृगशिरा नक्षत्र शुरू होगा।
योग....सुकर्मा योग अहोरात्र 25:44:23 तक रहेगा।
करण...कौलव करण प्रातः(कल) 05:38:06 तक रहेगा,उसके बाद
करण...तैतिल करण रात्रिकाल 18:50:33 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि--वृषभ राशि में चन्द्रमा रात्रिकाल 19:12:42 तक रहेगा,उसके बाद मिथुन राशि में चन्द्रमा शुरू होकर रहेगा।
सूर्य की राशि--मेष राशि में रात्रिकाल 23:23:35 तक रहेगा,उसक बाद
सूर्य की राशि---------वृषभ राशि में सूर्य रहेगा।।
सौर प्रविष्टे............01,ज्येष्ठ।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:32:15।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 19:03:00।
चन्द्रोदय का समय:-प्रातःकाल 07:06:04।
चन्द्रास्त का समय:-रात्रिकाल 21:27:56।
दिनमान का समय:-दोपहर 13:30:44।
रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 10:28:39।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
चौथा चरण वु अक्षर रोहिणी नक्षत्र का समय प्रातःकाल 05:43:52 तक रहेगा।
पहला चरण वे अक्षर मृगशिरा नक्षत्र का समय दोपहर 12:28:42 तक रहेगा।
दूसरे चरण वो अक्षर मृगशिरा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 19:12:42 तक रहेगा।
तीसरे चरण का अक्षर मृगशिरा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 25:55:47 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 14 मई 2021 ईस्वी सन।।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:36 से 12:18 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:40 से 17:22 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:14 से 08:55 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:14 से 09:08 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:45 से 13:39 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 11:51 से दोपहर 12:45 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो जौ का दान करके या चॉकलेट खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ trघंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:33 से 07:14 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:14 से 08:55 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:55 से 10:36 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:36 से 12:18 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:18 से 13:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-दोपहर 13:59 से 15:40 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 15:40 से 17:22 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-सायंकाल 17:22 से 19:03 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:03 से 20:22 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:22 से 21:40 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:40 से 22:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:59 से 24:17 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:17 से 25:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:36 से 26:54 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:54 से 28:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:13 से 29:32 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मेष लग्न 29°17' गति 29°17' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र :- कृत्तिका नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-रोहिणी नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-मेष राशि मे कृत्तिका नक्षत्र के पहला चरण के अ अक्षर में रहेंगे।
चन्द्रमा ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के चतुर्थ चरण के वु अक्षर में रहेंगे।
मंगल ग्रह:-मिथुन राशि में आर्द्रा नक्षत्र के चतुर्थ चरण के छ अक्षर में रहेंगे।
बुध ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के चतुर्थ चरण के वु अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण के गे अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के पहला चरण के ओ अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीसरे चरण के खे अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण के वी अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के नो अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
14 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 05 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 5, 14 और 23 तारीख।
शुभ-वार:--बुधवार एवं शुक्रवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 5, 14, 23, 32, 41, 50, 59, 68, 77, 86 और 95 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-उत्तर।
शुभ-रंग:--हरा।
शुभ-रत्न:-पन्ना।
शुभ-धातु:-सोना।
आराध्य-देव:-महालक्ष्मी जी और गणेश जी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बुं बुधाय नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
9 4 11
10 8 6
5 12 7
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):1,4,5 एवं 6।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-2 एवं 7।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3,8 एवं 9।