आज का पंचांग दिनांक 01 जुलाई 2021 (Aaj ka panchang date 01 July 2021):-सप्तमी तिथि के स्वामी:-सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्य देवता की पूजा-आराधना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे मनुष्य को सूर्यदेवता का आशीर्वाद मिल सके और मनुष्य को मान-सम्मान की प्राप्ति हो सके।
सप्तमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-सप्तमी तिथि के दिन मनुष्य को यात्रा, स्थापना, वाहन, राजसेवा, विवाह, वास्तु, आभूषण, उपनयन आदि काम करना अच्छा रहता है।
अष्टमी तिथि के स्वामी:-अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे भगवान भोलेनाथ जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।
अष्टमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-अष्टमी तिथि के दिन मनुष्य को खेती, व्यापार, धान्य, पत्थर, लौह, संग्राम, भूषण, शिवजी की स्थापना, जलाशय या कूप खनन आदि का काम करना ठीक रहता है।
सर्वाथ सिद्धि योग:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग होने से जिन मांगलिक कामों कोई मुहूर्त नहीं मिलने पर सर्वाथ सिद्धि मुहूर्त में मांगलिक और दूसरे सभी काम करने से काम में सफलता मिलती हैं।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------01 जुलाई 2021
महीना (अमावस्यांत् )---------ज्येष्ठ
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------आषाढ़
पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष
कलियुगाब्द्--------------------5123
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत
शक संवत्----------------------1943 शक संवत
ऋतु-----------------------------वर्षा ऋतु
सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे
सूर्य का गोल------------------उत्तर गोले
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद
संवत्सर--------------------------प्लव
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----सप्तमी तिथि दोपहर 14:01:03 तक रहेगी,
उसके बाद अष्ठमी तिथि शुरू होगी।
वार-------------गुरुवार।
नक्षत्र---उत्तराभाद्रपद नक्षत्र प्रातः(कल) 27:48:04 तक रहेगा, उसके बाद रेवती नक्षत्र शुरू होगा।
योग....सौभाग्य योग प्रातःकाल 10:44:32 तक रहेगा, उसके बाद शोभन योग शुरू होगा।
करण...बव करण दोपहर 14:01:03 तक रहेगा। उसके बाद
करण...बालव करण शुरू होकर प्रातः(कल) 26:39:32 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि--मीन राशि में चन्द्रमा रहेगा।
सूर्य की राशि---------मिथुन राशि में सूर्य रहेगा।।
सौर प्रविष्टे............17, आषाढ़।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:28:12।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 19:21:45।
चन्द्रोदय का समय:-अहोरात्र 24:22:51।
चन्द्रास्त का समय:-प्रातःकाल 11:52:52।
दिनमान का समय:-दोपहर 13:53:32।
रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 10:06:49।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
पहले चरण दू अक्षर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय प्रातःकाल 08:24:19 तक रहेगा।
दूसरे चरण थ अक्षर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय दोपहर 14:49:37 तक रहेगा।
तीसरे चरण झ अक्षर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय रात्रिकाल 21:17:34 तक रहेगा।
चौथे चरण ञ अक्षर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 27:48:04 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 01 जुलाई 2021 ईस्वी सन।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:09 से 15:53 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 05:28 से 07:12 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:57 से 10:41 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:06 से 11:02 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:39 से 16:35 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-प्रातः(कल) 27:48 से अहोरात्र 24:00 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
पंचक मुहूर्त का समय:-अहोरात्रि 24:00 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 11:57 से दोपहर 12:53 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-दक्षिण दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या गुड़ या गुड़ के चावल खाकर या दही पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:28 से 07:12 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:12 से 08:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:57 से 10:41 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:41 से 12:25 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:25 से 14:09 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 14:09 से 15:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-दोपहर 15:53 से 17:38 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-सायंकाल 17:38 से 19:22 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:22 से 20:38 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:38 से 21:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:53 से 23:09 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 23:09 से 24:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:25 से 25:41 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:41 से 26:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:57 से 28:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:13 से 29:29 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मिथुन लग्न 15°14' गति 75°14' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र :- आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-मिथुन राशि मे आर्द्रा नक्षत्र के तीसरे चरण के ङ अक्षर में रहेंगे।
चन्द्रमा ग्रह:-मीन राशि में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के पहके चरण के दू अक्षर में रहेंगे।
मंगल ग्रह:-कर्क राशि में आश्लेषा नक्षत्र के चतुर्थ चरण के डी अक्षर में रहेंगे।
बुध ग्रह:वृषभ राशि में मृगशिरा नक्षत्र के पहले चरण के के अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:कुंभ राशि में शतभिषा नक्षत्र के पहले चरण के गो अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-कर्क राशि में पुष्य नक्षत्र के तीसरे चरण के हो अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीसरे चरण के खे अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के दूसरे चरण के वा अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के चौथे चरण के ने अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
01 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 01 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 1, 10, 19 व 28 तारीख शुभ है।
शुभ-वार:-रविवार, सोमवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 1, 10, 19, 28, 37, 46, 55, 64, 73, 82 और 91 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-पूर्व दिशा।
शुभ-रंग:-पिला, सुनहरा, नारंगी, ताम्रवर्ण।
शुभ-रत्न:-माणिक्य।
शुभ-धातु:-सोना, ताँबा।
आराध्य-देव:-सूर्य देव व शिव भगवान।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ घृणिः सूर्याय नमः ।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
6 1 8
7 5 3
2 9 4
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3, 9।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 6, 7, 8।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5।