आज का पंचांग दिनांक 11 सितम्बर 2021(Aaj ka Panchang date 11 September 2021):-पंचमी तिथि के स्वामी:-पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए, जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और सांसारिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त हो सके।
पंचमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-पंचमी तिथि के दिन मनुष्य को यात्रा, उपनयन, विवाह, ग्रहशांति, पौष्टिक कर्म, चर एवं स्थिर समस्त कार्य, मांगलिक कार्य करना आदि कामों को करना ठीक रहता है।
षष्ठी तिथि के स्वामी:-षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय देवता की पूजा-आराधना करके उनको खुश करना चाहिए। जिससे कार्तिकेय देवता का हाथ मनुष्य के दाम्पत्य जीवन पर बना रहे,जिससे कार्तिकेय देवता की कृपा दृष्टि बनी रहे और मनुष्य के दाम्पत्य जीवन में प्रेम की भावना बनी रहने से मनुष्य के जीवन में खुशहाली से भरी रहे।
षष्ठी तिथि के दिन करने योग्य काम:-षष्ठी तिथि के दिन मनुष्य को पशु से सम्बंधित काम, वास्तु काम, जमीन के काम, मौद्रिक काम, पानी के सम्बंधित काम, व्यापार, भूषण, व्यवहारादि आदि काम करने से फायदा मिलता है।
विशेष:-आज के दिन सर्वा सिद्धि योग प्रातःकाल 06:26 से प्रातःकाल 11:22 तक रहेगा।
सर्वाथ सिद्धि योग:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग होने से जिन मांगलिक कामों कोई मुहूर्त नहीं मिलने पर सर्वाथ सिद्धि मुहूर्त में मांगलिक और दूसरे सभी काम करने से काम में सफलता मिलती हैं।
विशेष:-आज के दिन ऋषि पंचमी व्रतं गर्ग अंगिरा ऋषि जयन्ती का हैं।
विशेष:-आज के दिन संवत्सरी पर्व पंचमी पक्षीय हैं।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------11 सितम्बर 2021।
महीना (अमावस्यांत् )---------भाद्रपद।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------भाद्रपद।
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5123।
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1943 शक संवत।
ऋतु-----------------------------वर्षा ऋतु।
सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।
सूर्य का गोल-----------------उत्तर गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।
संवत्सर--------------------------प्लव ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----पंचमी तिथि रात्रिकाल 19:36:40 तक रहेगी,
उसके बाद षष्ठी तिथि रात्रिकाल 19:36:40 से शुरू होगी।
वार-------------शनिवार।
नक्षत्र--स्वाति नक्षत्र प्रातःकाल 11:21:35 तक रहेगा,
उसके बाद में विशाखा नक्षत्र प्रातःकाल 11:21:35 से शुरू होगा।
योग....ऐन्द्र योग दोपहर 14:39:47 तक रहेगा,
उसके बाद में
योग.....वैधृति योग दोपहर 14:39:47 से शुरू होगा।
करण.....बव करण प्रातःकाल 08:46:47 तक रहेगा।
करण..बालव करण रात्रिकाल 19:36:40 शुरू होकर रहेगा।
उसके बाद में
करण.....कौलव करण प्रातः(कल) 30:27:44 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि------------तुला राशि में चन्द्रमा प्रातः(कल) 28:11:50 तक रहेगा,
उसके बाद में वृश्चिक राशि में चन्द्रमा रहेगा।
सूर्य की राशि-------- सिंह राशि मे सूर्य रहेगा।
सौर प्रविष्टे............26, भाद्रपद।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:05:13।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:29:41।
चन्द्रोदय का समय:-प्रातःकाल 10:17:32।
चन्द्रास्त का समय:-रात्रिकाल 21:32:35।
दिनमान का समय:-दोपहर 12:24:28।
रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 11:36:01।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
चतुर्थ चरण ता अक्षर स्वाति नक्षत्र का समय प्रातःकाल 11:21:35 तक रहेगा।
पहले चरण ती अक्षर विशाखा नक्षत्र का समय सायंकाल 16:58:05 तक रहेगा।
दूसरे चरण तू अक्षर विशाखा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 22:34:49 तक रहेगा।
तीसरे चरण ते अक्षर विशाखा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 28:11:50 तक रहेगा।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:53 से दोपहर 12:42 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-पूर्व दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल या उड़द का दान करके या अदरक खाकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता हैं।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:05 से 07:38 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:38 से 09:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:11 से 10:44 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:44 से 12:17 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-दोपहर 12:17 से 13:51 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 13:51 से 15:24 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 15:24 से 16:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-सायंकाल 16:57 से 18:30 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:30 से 19:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:57 से 21:24 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:24 से 22:51 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:51 से 24:18 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:18 से 25:45 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:45 से 27:12 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:12 से 28:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:39 से 30:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-सिंह लग्न 24°21' गति 144°21' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र :- पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-स्वाति नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-सिंह राशि मे पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण के टू अक्षर में रहेंगे।
चन्द्रमा ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ता अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-सिंह राशि में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे चरण के टो अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ठ अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के गु अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-तुला राशि में चित्रा नक्षत्र के चतुर्थ चरण के री अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण के ओ अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण के नू अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
11 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 02 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 2, 11, 20, 29 तारीख शुभ होती है।
शुभ-वार:-सोमवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 2, 11, 20, 29, 38, 47, 56, 74, 83 और 92 वें वर्ष शुभ वर्ष होते हैं।
शुभ-दिशा:-नैर्ऋत्य दिशा शुभ होती है।
शुभ-रंग:-सफेद।
शुभ-रत्न:-मोती रत्न शुभ होता है।
शुभ-धातु:-चाँदी धातु शुभ होती है।
आराध्य-देव:-भगवान शिवजी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ सौंमय नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
7 3 9
8 6 4
3 10 5
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 5, 6।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4 व 7 ।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3, 8 व 9।