आज का पंचांग दिनांक 25 अगस्त 2021(Aaj ka panchang date 25 August 2021):-तृतीया तिथि के स्वामी:- तृतीया तिथि के स्वामी पार्वती माताजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए, जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और सांसारिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त हो सके।
तृतीया तिथि के दिन करने योग्य काम:-तृतीया तिथि के दिन मनुष्य को सीमन्त संस्कार, चौल संस्कार, अन्नप्राशन, उपनयन, गृह प्रवेश, प्रतिष्ठा, संगीत, शिल्पविद्या, समस्त शुभ काम, पशुओं से सम्बंधित काम, जलयान, आभूषण इत्यादि काम करना अच्छा होता है।
चतुर्थी तिथि के स्वामी:-चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणपति जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए। जिससे भगवान गणपति जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।
चतुर्थी तिथि के दिन करने योग्य काम:-चतुर्थी तिथि के दिन मनुष्य को अपने दुश्मन का दमन करना, अर्थवविद्या (जादू-टोना आदि), शस्त्र, अग्नि, बन्धन, उच्चाटन, मारण आदि समस्त कामों को करने में सफलता मिलती हैं।
विशेष:-आज के दिन कज्जली सातुड़ी तीज व्रतं का है, जो कि स्त्रियों के द्वारा अपने पति के लिए किया जाता है।
विशेष:-आज के दिन बहुला चतुर्थी व्रतं चन्द्रोदय रात्रिकाल 21:08 रहेगा। बहुला चतुर्थी व्रतं करने से जीवन के सभी तरह दुःखों का अंत होता हैं।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------25 अगस्त 2021।
महीना (अमावस्यांत् )---------श्रावण।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------भाद्रपद।
पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5123।
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1943 शक संवत।
ऋतु-----------------------------वर्षा ऋतु।
सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।
सूर्य का गोल-----------------उत्तर गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।
संवत्सर--------------------------प्लव ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----तृतीया तिथि सायंकाल 16:18:01 तक रहेगी,
उसके बाद चतुर्थी तिथि रहेगी।
वार-------------बुधवार।
नक्षत्र--उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रात्रिकाल 20:46:53 तक रहेगा,
उसके बाद रेवती नक्षत्र शुरू होगा।
योग......शूल योग प्रातः(कल) 29:22:57 तक रहेगा।
करण.. विष्टि(भद्रा) करण प्रातःकाल 04:06:21 शुरू होकर रहेगा।
करण.....विष्टि(भद्रा) करण सायंकाल 16:18:00 तक रहेगा,
उसके बाद करण...बव करण शुरू होकर प्रातः(कल) 28:40:30 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि--मीन राशि में चन्द्रमा रहेगा।
सूर्य की राशि-------- सिंह राशि मे सूर्य रहेगा।
सौर प्रविष्टे............09, भाद्रपद।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:56:46।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:49:04।
चन्द्रोदय का समय:-रात्रिकाल 20:49:59।
चन्द्रास्त का समय:-प्रातःकाल 08:24:12।
दिनमान का समय:-दोपहर 12:52:18।
रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 11:08:12।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
दूसरे चरण थ अक्षर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय प्रातःकाल 08:11:29 तक रहेगा।
तीसरे चरण झ अक्षर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय दोपहर 14:27:55 तक रहेगा।
चतुर्थ चरण ञ अक्षर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय रात्रिकाल 20:46:53 तक रहेगा।
पहले चरण दे अक्षर रेवती नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 27:08:24 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 25 अगस्त 2021 ईस्वी सन।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:23 से 13:59 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:33 से 09:10 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:46 से 12:23 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:57 से 12:49 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:57 से दोपहर 12:49 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या पुष्प का दान करके या दूध पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:57 से 07:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:33 से 09:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:10 से 10:46 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:46 से 12:23 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-दोपहर 12:23 से 13:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 13:59 से 15:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-दोपहर 15:36 से 17:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-सायंकाल 17:13 से 18:49 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:49 से 20:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:13 से 21:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:36 से 22:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:59 से 24:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:23 से 25:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:47 से 27:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:10 से 28:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:34 से 29:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-सिंह लग्न 7°53' गति 127°53' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र :- सिंह मघा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-सिंह राशि मे मघा नक्षत्र के तीसरे चरण के मू अक्षर में रहेंगे।
चन्द्रमा ग्रह:-मीन राशि में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के दूसरे चरण के थ अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-सिंह राशि में पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के तीसरे चरण के टी अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-सिंह राशि में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के पहले चरण के टे अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के गु अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के दूसरे चरण के ष अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण के ओ अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण के नू अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
25 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 07 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 7, 16 और 25 तारीख।
शुभ-वार:--बुधवार
शुभ-वर्ष:-उम्र के 7, 16, 25, 34, 43, 52, 61, 70, 79, 88 और 97 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-वायव्य(उत्तर-पश्चिम)
शुभ-रंग:--हल्का रंग।
शुभ-रत्न:-लहसुनिया।
शुभ-धातु:-मिश्रित धातु।
आराध्य-देव:-भगवान नृसिंह जी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ कें केतवे नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
14 9 16
15 13 11
10 17 12
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5, 6,7 और 8।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 4 और 9।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।