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Wednesday, August 25, 2021

आज का पंचांग दिनांक 12 सितम्बर 2021(Aaj ka Panchang date 12 September 2021)

                    



आज का पंचांग दिनांक 12 सितम्बर 2021(Aaj ka Panchang date 12 September 2021):-षष्ठी तिथि के स्वामी:-षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय देवता की पूजा-आराधना करके उनको खुश करना चाहिए। जिससे कार्तिकेय देवता का हाथ मनुष्य के दाम्पत्य जीवन पर बना रहे,जिससे कार्तिकेय देवता की कृपा दृष्टि बनी रहे और मनुष्य के दाम्पत्य जीवन में प्रेम की भावना बनी रहने से मनुष्य के जीवन में खुशहाली से भरी रहे।

षष्ठी तिथि के दिन करने योग्य काम:-षष्ठी तिथि के दिन मनुष्य को पशु से सम्बंधित काम, वास्तु काम, जमीन के काम, मौद्रिक काम, पानी के सम्बंधित काम, व्यापार,  भूषण, व्यवहारादि आदि काम करने से फायदा मिलता है।

सप्तमी तिथि के स्वामी:-सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्य देवता की पूजा-आराधना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे मनुष्य को सूर्यदेवता का आशीर्वाद मिल सके और मनुष्य को मान-सम्मान की प्राप्ति हो सके।

सप्तमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-सप्तमी तिथि के दिन मनुष्य को यात्रा, स्थापना, वाहन, राजसेवा, विवाह, वास्तु, आभूषण, उपनयन आदि काम करना अच्छा रहता है।

 


विशेष:-आज के दिन श्रीबलदेव षष्ठी का दिवस हैं। भगवान श्रीकृष्णजी के बड़े भाई बलरामजी का दिन होने से उनकी पूजा करनी चाहिए।


विशेष:-आज के दिन सूर्यषष्ठी होने से सूर्य षष्ठी के दिन सूर्यनारायण देवजी का व्रतं करना चाहिए। उनको सूर्य अर्ध्य देना चाहिए।


विशेष:-श्रीमहालक्ष्मी व्रतं प्रारम्भ होता हैं। इसलिए माता लक्ष्मीजी की पूजा अर्चना करनी चाहिए उनको अपनी पूजा से खुश करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। जिससे जीवन काल में किसी तरह के धन सम्पदा के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़े।




         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------12 सितम्बर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------भाद्रपद

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------भाद्रपद।

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------वर्षा ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल-----------------उत्तर गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।



       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----षष्ठी तिथि सायंकाल 17:20:12 तक रहेगी,  

उसके बाद सप्तमी तिथि सायंकाल 17:20:12 से शुरू होगी।  

वार-------------रविवार

नक्षत्र--विशाखा नक्षत्र प्रातःकाल 09:49:10 तक रहेगा, 

उसके बाद में अनुराधा नक्षत्र प्रातःकाल 09:49:10 से शुरू होगा

योग....वैधृति योग प्रातःकाल 11:41:42 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग..... विष्कुम्भ योग प्रातःकाल 11:41:42 से शुरू होगा।

करण.....कौलव करण प्रातःकाल 06:27:44  तक रहेगा।

करण..तैतिल करण सायंकाल 17:20:12 शुरू होकर रहेगा

उसके बाद में

करण.....गर करण प्रातः(कल) 28:14:20 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि------------वृश्चिक राशि में चन्द्रमा रहेगा।

सूर्य की राशि-------- सिंह राशि मे सूर्य रहेगा। 

सौर प्रविष्टे............27, भाद्रपद।




सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:05:42।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:28:29।

चन्द्रोदय का समय:-प्रातःकाल 11:24:31।

चन्द्रास्त का समय:-रात्रिकाल 22:16:23।

दिनमान का समय:-दोपहर 12:22:47।

रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 11:37:41।




आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


चतुर्थ     चरण        तो     अक्षर        विशाखा       नक्षत्र  का  समय प्रातःकाल 09:49:19 तक रहेगा।

पहले      चरण      ना    अक्षर       अनुराधा      नक्षत्र  का  समय दोपहर 15:26:53 तक रहेगा।

दूसरे      चरण       नी      अक्षर         अनुराधा    नक्षत्र  का   समय रात्रिकाल 21:05:00 तक रहेगा।

तीसरे    चरण        नू       अक्षर     अनुराधा     नक्षत्र  का समय प्रातः(कल) 26:43:33 तक रहेगा।



 ।।आंग्ल मतानुसार 12 सितम्बर 2021  ईस्वी सन।


    ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 


राहुकाल मुहूर्त का समय:-सायंकाल 16:56 से 18:28 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:17 से 13:50 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:23 से 16:56 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-सायंकाल 16:49 से 17:39 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।




        ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:52 से दोपहर 12:42 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।



   ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो चॉकलेट या दलिया खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।


 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:06 से 07:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:39 से 09:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:11 से 10:44 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:44 से 12:17 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 12:17 से 13:50 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 13:50 से 15:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-दोपहर 15:23 से 16:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-सायंकाल 16:56 से 18:28 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:28 से 19:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:56 से 21:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:23 से 22:50 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:50 से 24:17 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:17 से 25:45 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:45 से 27:12 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:12 से 28:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ  रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:39 से 30:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


 

।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-सिंह लग्न 25°20' गति 145°20' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र :- पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-विशाखा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-सिंह राशि मे पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण के टू अक्षर में रहेंगे। 

चन्द्रमा ग्रह:-वृश्चिक राशि में विशाखा नक्षत्र के चतुर्थ चरण के तो अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-सिंह राशि में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के तीसरे चरण के पा अक्षर में रहेगा।  

बुध ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के चतुर्थ चरण  के ठ अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के गु अक्षर में रहेगा। 

शुक्र-ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के पहले चरण के रु अक्षर में रहेगा। 

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण के ओ अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण के नू अक्षर में रहेगा। 


    ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


12 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 03 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 3, 12, 21 व 30 तारीख शुभ होती है।

शुभ-वार:-गुरुवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 3, 12, 21, 30, 39, 48, 57, 66, 75, 84 व 93 वें वर्ष ।

शुभ-दिशा:-ईशान कोण की दिशा।

शुभ-रंग:-पिला, सुनहरा।

शुभ-रत्न:-पुखराज।

शुभ-धातु:-सोना।

आराध्य-देव:-विष्णु जी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बृं बृहस्पतये नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

               10      5       12

               11      9         7

                6      13        8

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3 व 9।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5 व 6।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 7 व 8।