आज का पंचांग दिनांक 27 अगस्त 2021(Aaj ka panchang date 27 August 2021):-पंचमी तिथि के स्वामी:-पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए, जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और सांसारिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त हो सके।
पंचमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-पंचमी तिथि के दिन मनुष्य को यात्रा, उपनयन, विवाह, ग्रहशांति, पौष्टिक कर्म, चर एवं स्थिर समस्त कार्य, मांगलिक कार्य करना आदि कामों को करना ठीक रहता है।
षष्ठी तिथि के स्वामी:-षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय देवता की पूजा-आराधना करके उनको खुश करना चाहिए। जिससे कार्तिकेय देवता का हाथ मनुष्य के दाम्पत्य जीवन पर बना रहे,जिससे कार्तिकेय देवता की कृपा दृष्टि बनी रहे और मनुष्य के दाम्पत्य जीवन में प्रेम की भावना बनी रहने से मनुष्य के जीवन में खुशहाली से भरी रहे।
षष्ठी तिथि के दिन करने योग्य काम:-षष्ठी तिथि के दिन मनुष्य को पशु से सम्बंधित काम, वास्तु काम, जमीन के काम, मौद्रिक काम, पानी के सम्बंधित काम, व्यापार, भूषण, व्यवहारादि आदि काम करने से फायदा मिलता है।
विशेष:-आज के दिन हल चन्दन षष्ठी व्रतं का दिवस है, चंद्रोदय रात्रिकाल 21:50:11 तक रहेगा।
विशेष:-आज के दिन सर्वा सिद्धि योग अहोरात्र 24:46 तक रहेगा हैं।
सर्वाथ सिद्धि योग:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग होने से जिन मांगलिक कामों कोई मुहूर्त नहीं मिलने पर सर्वाथ सिद्धि मुहूर्त में मांगलिक और दूसरे सभी काम करने से काम में सफलता मिलती हैं।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------27 अगस्त 2021।
महीना (अमावस्यांत् )---------श्रावण।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------भाद्रपद।
पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5123।
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1943 शक संवत।
ऋतु-----------------------------वर्षा ऋतु।
सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।
सूर्य का गोल-----------------उत्तर गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।
संवत्सर--------------------------प्लव ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----पंचमी तिथि रात्रिकाल 18:48:20 तक रहेगी,
उसके बाद षष्ठी तिथि रहेगी।
वार-------------शुक्रवार।
नक्षत्र--अश्विनी नक्षत्र अहोरात्र 24:46:14 तक रहेगा,
उसके बाद भरणी नक्षत्र शुरू होगा।
योग......वृद्धि योग प्रातः(कल) 29:52:13 तक रहेगा।
करण.....तैतिल करण सायंकाल 17:13:21 तक रहेगा,
उसके बाद करण...गर करण शुरू होकर प्रातः(कल) 31:48:43 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि--मेष राशि में चन्द्रमा रहेगा।
सूर्य की राशि-------- सिंह राशि मे सूर्य रहेगा।
सौर प्रविष्टे............11, भाद्रपद।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:57:47।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:46:55।
चन्द्रोदय का समय:-रात्रिकाल 21:50:11।
चन्द्रास्त का समय:-प्रातःकाल 10:14:14।
दिनमान का समय:-दोपहर 12:49:07।
रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 11:11:23।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
दूसरे चरण चे अक्षर अश्विनी नक्षत्र का समय प्रातःकाल 11:32:50 तक रहेगा।
तीसरे चरण चो अक्षर अश्विनी नक्षत्र का समय सायंकाल 18:08:32 तक रहेगा।
चतुर्थ चरण ला अक्षर अश्विनी नक्षत्र का समय अहोरात्र 24:46:14 तक रहेगा।
पहले चरण ली अक्षर भरणी नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 31:25:40 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 27 अगस्त 2021 ईस्वी सन।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:46 से 12:22 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:35 से 17:11 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:34 से 09:10 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:32 से 09:23 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:48 से 13:39 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 05:58 से अहोरात्र 24:46 तक रहेगा, जो की अशुभ मुहूर्त हैं।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:57 से दोपहर 12:48 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो जौ का दान करके या चॉकलेट खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:58 से 07:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:34 से 09:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:10 से 10:46 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:46 से 12:22 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:22 से 13:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-दोपहर 13:59 से 15:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 15:35 से 17:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-सायंकाल 17:11 से 18:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:47 से 20:12 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:11 से 21:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:35 से 22:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:59 से 24:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:23 से 25:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:47 से 27:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:10 से 28:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:34 से 29:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-सिंह लग्न 9°49' गति 129°49' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र :- सिंह मघा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-अश्विनी नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-सिंह राशि मे मघा नक्षत्र के तीसरे चरण के मू अक्षर में रहेंगे।
चन्द्रमा ग्रह:-मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र के दूसरे चरण के अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-सिंह राशि में पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण के टू अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-सिंह राशि में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे चरण के टो अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के गु अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के तीसरे चरण के ण अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण के ओ अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण के नू अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
27 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 09 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 9, 18 और 27 तारीख।
शुभ-वार:--मंगलवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 9, 18, 27, 36, 45, 54, 63, 72, 81, 90 और 99 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-दक्षिण।
शुभ-रंग:--लाल।
शुभ-रत्न:-मूँगा।
शुभ-धातु:-ताँबा।
आराध्य-देव:-कार्तिकेय और हनुमानजी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ अं अंगारकाय नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
8 3 10
9 7 5
4 11 6
मित्र-अंक(मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3,7 और 9।
शत्रु-अंक(मालिक ग्रह के अनुसार):--4 और 5।
सम-अंक(मालिक ग्रह के अनुसार):-6 और 8।