Breaking

Friday, September 17, 2021

आज का पंचांग दिनांक 17 सितम्बर 2021(Aaj ka Panchang date 17 September 2021)

                   




आज का पंचांग दिनांक 17 सितम्बर 2021(Aaj ka Panchang date 17 September 2021):-एकादशी तिथि के स्वामी:-एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेवाजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे विश्वदेवाजी की कृपा दृष्टि मनुष्य पर बनी रहे।जिससे मनुष्य के जीवन के सभी निर्माण से सम्बंधित कामों में कामयाबी मिल सके और जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे, बुरे समय से रक्षा हो सके और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।

एकादशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-एकादशी तिथि के दिन मनुष्य को आभूषण, शिल्प, नृत्य, चित्रकारी, गृह, सम्बन्धी काम, शादी, यात्रा, उपनयन, शांति और पौष्टिक काम करना उत्तम रहता है।


द्वादशी तिथि के स्वामी:-द्वादशी तिथि के स्वामी श्रीविष्णुजी भगवान की पूजा-आराधना करके श्रीविष्णुजी को खुश करना चाहिए।जिससे विष्णुजी भगवान की अनुकृपा बनी रहे और उनका आशीर्वाद मिल सके।जिससे मनुष्य के जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिलकर धन-धान्य से भंडार भर सके।

द्वादशी तिथि के दिन करने काम योग्य :-द्वादशी तिथि के दिन में मनुष्य को समस्त चर एवं स्थिर काम, दान, शांति एवं पौष्टिक काम, यात्रा एवं अन्नग्रहण के अलावा दूसरे काम करना ठीक रहता हैं।


विशेष:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग प्रातःकाल 06:28 से प्रातः(कल) 27:35 तक रहेगा।

सर्वाथ सिद्धि योग:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग होने से जिन मांगलिक कामों कोई मुहूर्त नहीं मिलने पर सर्वाथ सिद्धि मुहूर्त में मांगलिक और दूसरे सभी काम करने से काम में सफलता मिलती हैं।

विशेष:-आज के दिन पद्मा जलझूलनी 11 व्रतं हैं। इस दिन देवता की सवारी निकलती है, जिसमें देवताओं को सरोवर में स्नान करवाने के लिए ले जाया जाता है।

विशेष:-आज के दिन फूलडोल पर्व मेला हैं, जो कि बहुत ही प्रसिद्ध हैं इस मेले में दीपदान बहुत ही दियों के साथ हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे तारे टमटमाते हुए प्रतीत होता हैं।




         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------17 सितम्बर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------भाद्रपद

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------भाद्रपद।

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------वर्षा ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल-----------------उत्तर गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।



       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----एकादशी तिथि प्रातःकाल 08:07:12 तक रहेगी,  

उसके बाद द्वादशी तिथि प्रातः(कल) 30:53:51 तक रहेगी।

वार-------------शुक्रवार

नक्षत्र--श्रवण नक्षत्र प्रातः(कल) 27:34:48 तक रहेगा।

योग....अतिगंड योग रात्रिकाल 20:19:17 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग..... सुकर्मा योग रात्रिकाल 20:19:17 शुरू होगा।

करण......विष्टि(भद्रा) करण प्रातःकाल 08:07:12  तक रहेगा।

करण........वणिज करण रात्रिकाल 19:28:25 तक रहेगा

उसके बाद में

करण....बालव करण प्रातः(कल) 30:53:51 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------- मकर राशि में रहेगा।

सूर्य की राशि-------सूर्य कन्या राशि में रहेगा। 

सौर प्रविष्टे............01, आश्विन।



सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:08:08।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:23:30।

चन्द्रोदय का समय:-सायंकाल 16:25:18

चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 27:11:34।

दिनमान का समय:-दोपहर 12:14:21।

रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 11:46:08।




आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


पहले     चरण     खी  अक्षर       श्रवण      नक्षत्र  का  समय प्रातःकाल 09:57:55 तक रहेगा।

दूसरे     चरण       खू    अक्षर         श्रवण    नक्षत्र  का   समय दोपहर 15:49:11 तक रहेगा।

तीसरे   चरण      खे    अक्षर      श्रवण     नक्षत्र  का समय रात्रिकाल 21:41:28 तक रहेगा।

चतुर्थ     चरण      खो    अक्षर        श्रवण      नक्षत्र  का  समय प्रातः(कल) 27:34:48 तक रहेगा।



 ।।आंग्ल मतानुसार 17 सितम्बर 2021  ईस्वी सन।


    ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 


राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:44 से 12:15 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:19 से 16:51 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:40 से 09:12 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:35 से 09:24 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:40 से 13:29 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।



        ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:51 से दोपहर 12:40 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।



   ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो जौ का दान करके या चॉकलेट खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है। 


 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:08 से 07:40 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:40 से 09:12 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:12 से 10:44 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:44 से 12:15 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:15 से 13:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-दोपहर 13:47 से 15:19 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 15:19 से 16:51 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-सायंकाल 16:51 से 18:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:23 से 19:51 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:51 से 21:19 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:19 से 22:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:47 से 24:16 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:16 से 25:44 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:44 से 27:12 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:12 से 28:40 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ  रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:40 से 30:09 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


 

।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-कन्या लग्न 0°12' गति 150°12' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र :- उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-श्रवण नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:सिंह राशि मे उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे चरण के टो अक्षर में रहेंगे। 

चन्द्रमा ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-सिंह राशि में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण के पी अक्षर में रहेगा।    

बुध ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के पहले चरण  के पे अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के दूसरे चरण के रे अक्षर में रहेगा। 

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण के ओ अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण के नू अक्षर में रहेगा। 


    ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


17 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 08 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 8, 17 और 26 तारीख।

शुभ-वार:--शनिवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 8, 17, 26, 35, 44, 53, 62, 71, 80, 89 और 98 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-पश्चिम

शुभ-रंग:--काला और नीला।

शुभ-रत्न:-नीलम।

शुभ-धातु:-लोहा।

आराध्य-देव:-शनि देव, हनुमानजी और शिवजी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ शं शनैश्चराय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                  9      4     11 

                 10      8       6

                  5       12     7

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):4, 5, 6 और 8।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):--1, 2, 7 और 9।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।