आज का पंचांग दिनांक 20 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 20 october 2021):-पूर्णिमा तिथि के स्वामी:-पूर्णिमा तिथि के स्वामी को चंद्रदेवजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करके उनकी कृपा दृष्टि की प्राप्ति करनी चाहिए, जिससे मनुष्य के जीवन सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति हो सके।
पूर्णिमा तिथि के दिन करने योग्य काम:-पूर्णिमा तिथि के दिन मनुष्य को तेल कर्म, स्त्री संगम, दन्तधावन, काष्ठ, उपनयन एवं क्षौर कर्म आदि कामों को छोड़कर दूसरे सभी काम करना ठीक रहता हैं।
प्रतिपदा तिथि के स्वामी:-प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव की पूजा-आराधना करनी चाहिए। जिससे अग्नि देव खुश होकर मनुष्य को जीवन में खुशहाली प्रदान करे।
प्रतिपदा तिथि के दिन करने योग्य काम:-प्रतिपदा तिथि के दिन मनुष्य को चित्रकारी, आसव विधि, खेती के काम, शैय्या एवं आसन से सम्बंधित काम, वृक्ष काटना, गृह, पत्थर आदि से सम्बंधित काम करना बढ़िया रहता है।
विशेष:-आज के दिन पूर्णिमा व्रतं कार्तिक स्नान का पावन दिन हैं। पूर्णिमा व्रतं करके कार्तिक स्नान करने से समस्त बुरे पापों से मुक्ति पावें।
शरद पूर्णिमा:-आश्विन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा शरद् पूर्णिमा कहलाती हैं। इस व्रत में प्रदोष और निशीथ दोनों में होने वाली पूर्णिमा भी जाती हैं। यदि पहले दिन निशीथ-व्यापिनी और दूसरे दिन प्रदोष व्यापिनी न हो तो पहले दिन व्रत करना चाहिए। शरद पूर्णिमा की रात्रि में चन्द्रमा की चांदनी में अमृत निवास रहता हैं। उसकी किरणों से अमृतत्त्व व आरोग्य की प्राप्ति सुलभ होती हैं।
विशेष:-आज के दिन वाल्मीकि ऋषि जयन्ती हैं।
विशेष:-आज के दिन गण्डमूल नक्षत्र रहने से गण्डमूल मुहूर्त रहेगा, जो इस तरह हैं।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-अहोरात्र 24:00 तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।
विशेष:-आज के दिन पंचक मुहूर्त रहेगा।
पंचक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 06:26 से 14:01 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------20 अक्टूबर 2021।
महीना (अमावस्यांत् )---------आश्विन।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------आश्विन।
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5123।
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1943 शक संवत।
ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।
सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।
सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।
संवत्सर--------------------------प्लव ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----पूर्णिमा तिथि रात्रिकाल 20:25:38 तक रहेगी,
उसके बाद प्रतिपदा तिथि रात्रिकाल 20:25:38 शुरू होगी।
वार-------------बुधवार।
नक्षत्र-------रेवती नक्षत्र दोपहर 14:00:46 तक रहेगा।
उसके बाद
नक्षत्र-------अश्विनी नक्षत्र दोपहर दोपहर से शुरू होगा।
योग....हर्षण योग रात्रिकाल 20:37:47 तक रहेगा,
उसके बाद में
योग.....वज्र योग प्रातः(कल) रात्रिकाल 20:37:47 शुरू होगा।
करण.....विष्टि(भद्रा) करण प्रातःकाल 07:40:39 तक रहेगा,
उसके बाद
करण....बव करण रात्रिकाल 20:25:38 शुरू होगा, उसके बाद में
करण......बालव करण प्रातः(कल) 33:17:18 तक रहेगा होगा।
चन्द्रमा की राशि-------मीन राशि में चन्द्रमा रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------मीन राशि में चन्द्रमा प्रातः(कल) दोपहर 14:00:46 तक रहेगा,
उसके बाद में मेष राशि में चन्द्रमा शुरू होगा।
सूर्य की राशि.......सूर्य तुला राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............4, कार्तिक।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:26:07।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:45:08।
चन्द्रोदय का समय:-रात्रिकाल 17:49:47।
चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 30:47:13।
दिनमान का समय:-प्रातःकाल 11:19:01।
रात्रिमान का समय:-दोपहर 12:41:36।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
तीसरे चरण च अक्षर के रेवती नक्षत्र का समय प्रातःकाल 07:30:58 तक रहेगा।
चतुर्थ चरण ची अक्षर के रेवती नक्षत्र का समय दोपहर 14:00:46 तक रहेगा।
पहले चरण चु अक्षर के अश्विनी नक्षत्र का समय रात्रिकाल 20:32:12 तक रहेगा।
दूसरे चरण चे अक्षर के अश्विनी नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 27:05:14 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 20 अक्टूबर 2021 ईस्वी सन।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:43 से दोपहर 12:28 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:06 से 13:31 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:51 से 09:16 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:41 से 12:06 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:43 से 12:28 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-अहोरात्र 24:00 तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या पुष्प का दान करके या दूध पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:26 से 07:51 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:51 से 09:16 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:17 से 10:41 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:41 से 12:06 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-दोपहर 12:06 से 13:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 13:31 से 14:55 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-दोपहर 14:55 से 16:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-सायंकाल 16:20 से 17:45 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:45 से 19:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:20 से 20:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:56 से 22:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:31 से 24:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:06 से 25:41 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:41 से 27:16 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:16 से 28:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:52 से 30:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-तुला लग्न 2°42' गति 182°42' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र:-चित्रा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-रेवती नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-तुला राशि में चित्रा नक्षत्र के तीसरे चरण के रा अक्षर में रहेगा।
चन्द्रमा ग्रह:-मीन राशि में रेवती नक्षत्र के तीसरे चरण के च अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण के पो अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के दूसरे चरण के ष अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के नो अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
20 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 02 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 2, 11, 20, 29 तारीख शुभ होती है।
शुभ-वार:-सोमवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 2, 11, 20, 29, 38, 47, 56, 74, 83 और 92 वें वर्ष शुभ वर्ष होते हैं।
शुभ-दिशा:-नैर्ऋत्य दिशा शुभ होती है।
शुभ-रंग:-सफेद।
शुभ-रत्न:-मोती रत्न शुभ होता है।
शुभ-धातु:-चाँदी धातु शुभ होती है।
आराध्य-देव:-भगवान शिवजी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ सौंमय नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
7 3 9
8 6 4
3 10 5
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 5, 6।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4 व 7 ।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3, 8 व 9।