आज का पंचांग दिनांक 19 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 19 october 2021):-
चतुर्दशी तिथि के स्वामी:-चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिवजी जी की पूजा-अर्चना करके शिवजी जी को खुश करना चाहिए,जिससे शिवजी जी खुश होकर मनुष्य को आशीर्वाद प्रदान करेंगे, मनुष्य के जीवन आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिल सके,सभी तरह के काम सिद्ध हो सके।
चतुर्दशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-चतुर्दशी तिथि के दिन में मनुष्य को बन्धन, अग्नि, उग्र काम, घात, शल्यकाम, सांग्रामिक काम, शस्त्र-अस्त्र एवं लौह सम्बन्धी कार्य आदि करना अच्छा रहता हैं।
पूर्णिमा तिथि के स्वामी:-पूर्णिमा तिथि के स्वामी को चंद्रदेवजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करके उनकी कृपा दृष्टि की प्राप्ति करनी चाहिए, जिससे मनुष्य के जीवन सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति हो सके।
पूर्णिमा तिथि के दिन करने योग्य काम:-पूर्णिमा तिथि के दिन मनुष्य को तेल कर्म, स्त्री संगम, दन्तधावन, काष्ठ, उपनयन एवं क्षौर कर्म आदि कामों को छोड़कर दूसरे सभी काम करना ठीक रहता हैं।
विशेष:-आज के दिन कोजागरी व्रतं लक्ष्मीन्द्र पूजा का हैं। इस दिन माता लक्ष्मीजी रात्रि में यह देखने के लिए घूमती हैं कि कौन जाग रहा है। जो जाग रहा है, उसे धन देती हैं। लक्ष्मीजी के "कोजागृति" कहने के कारण इस व्रत का नाम कोजागर पड़ा।
विशेष:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग प्रातःकाल 06:42 से दोपहर 12:11 तक रहेगा।
सर्वाथ सिद्धि योग:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग होने से जिन मांगलिक कामों कोई मुहूर्त नहीं मिलने पर सर्वाथ सिद्धि मुहूर्त में मांगलिक और दूसरे सभी काम करने से काम में सफलता मिलती हैं।
विशेष:-आज के दिन गण्डमूल नक्षत्र रहने से गण्डमूल मुहूर्त रहेगा, जो इस तरह हैं।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:11 से अहोरात्र 24:00 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
विशेष:-आज के दिन पंचक रहेगा।
पंचक मुहूर्त का समय:-अहोरात्र 24:00 तक रहेगा, जो की अशुभ मुहूर्त हैं।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------19 अक्टूबर 2021।
महीना (अमावस्यांत् )---------आश्विन।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------आश्विन।
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5123।
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1943 शक संवत।
ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।
सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।
सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।
संवत्सर--------------------------प्लव ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----चतुर्दशी तिथि रात्रिकाल 19:02:31 तक रहेगी,
उसके बाद पूर्णिमा तिथि रात्रिकाल 19:02:31 शुरू होगी।
वार-------------मंगलवार।
नक्षत्र------उत्तराभाद्रपद नक्षत्र दोपहर 12:11:24 तक रहेगा।
उसके बाद
नक्षत्र-------रेवती नक्षत्र दोपहर 12:11:24 से शुरू होगा।
योग....व्याघात योग रात्रिकाल 20:36:52 तक रहेगा,
उसके बाद में
योग.....हर्षण योग रात्रिकाल 20:36:52 शुरू होगा।
करण.....गर करण प्रातःकाल 06:31:16 तक रहेगा,
उसके बाद
करण....वणिज करण रात्रिकाल 19:02:31 तक रहेगा, उसके बाद में
करण......विष्टि(भद्रा) करण प्रातः(कल) 31:40:38 तक रहेगा होगा।
चन्द्रमा की राशि-------मीन राशि में चन्द्रमा रहेगा।
सूर्य की राशि.......सूर्य तुला राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............3, कार्तिक।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:25:29।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:46:07।
चन्द्रोदय का समय:-सायंकाल 17:20:20।
चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 29:55:32।
दिनमान का समय:-प्रातःकाल 11:20:38।
रात्रिमान का समय:-दोपहर 12:39:59।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
चतुर्थ चरण ञ अक्षर के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय दोपहर 12:11:24 तक रहेगा।
पहले चरण दे अक्षर के रेवती नक्षत्र का समय रात्रिकाल 18:36:16 तक रहेगा।
दूसरे चरण दो अक्षर के रेवती नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 25:02:48 तक रहेगा।
तीसरे चरण च अक्षर के रेवती नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 31:30:58 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 19 अक्टूबर 2021 ईस्वी सन।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:43 से दोपहर 12:28 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:56 से 16:21 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:16 से 10:41 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:06 से 13:31 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:42 से 09:27 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-रात्रिकाल 22:50 से 23:35 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल दोपहर 12:11 से अहोरात्र 24:00 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
पंचक मुहूर्त का समय:-अहोरात्र 24:00 तक रहेगा, जो की अशुभ मुहूर्त हैं।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो भूमि का दान करके या गुुुड़ खाकर या छाछ पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:25 से 07:51 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:51 से 09:16 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:16 से 10:41 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:41 से 12:06 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 12:06 से 13:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-दोपहर 13:31 से 14:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 14:56 से 16:21 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-सायंकाल 16:21 से 17:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:46 से 19:21 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:21 से 20:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:56 से 22:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:31 से 24:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:06 से 25:41 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:41 से 27:16 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:16 से 28:51 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:51 से 30:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-तुला लग्न 1°42' गति 181°42' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र:-चित्रा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-तुला राशि में चित्रा नक्षत्र के तीसरे चरण के रा अक्षर में रहेगा।
चन्द्रमा ग्रह:-मीन राशि में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के चौथे चरण के ञ अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण के पो अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के दूसरे चरण के ष अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के नो अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
19 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 01 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 1, 10, 19 व 28 तारीख शुभ है।
शुभ-वार:-रविवार, सोमवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 1, 10, 19, 28, 37, 46, 55, 64, 73, 82 और 91 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-पूर्व दिशा।
शुभ-रंग:-पिला, सुनहरा, नारंगी, ताम्रवर्ण।
शुभ-रत्न:-माणिक्य।
शुभ-धातु:-सोना, ताँबा।
आराध्य-देव:-सूर्य देव व शिव भगवान।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ घृणिः सूर्याय नमः ।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
6 1 8
7 5 3
2 9 4
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3, 9।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 6, 7, 8।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5।