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Saturday, October 30, 2021

आज का पंचांग दिनांक 30 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 30 october 2021)

         




आज का पंचांग दिनांक 30 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 30 october 2021):-नवमी तिथि के स्वामी:-नवमी तिथि के स्वामी दुर्गा माता जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे माता दुर्गा जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे,जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।

नवमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-नवमी तिथि के दिन मनुष्य को अपने दुश्मन का शमन, अर्थवविद्या (जादू-टोना), अस्त्र-शस्त्र, लौह, अग्नि, बन्धन, उच्चाटन, मारण, उग्र काम, घात, शल्यकाम, सांग्रामिक काम, तीर्थ यात्राएं, मेले आदि के कामों को करना ठीक रहता है।


दशमी तिथि के स्वामी:-दशमी तिथि के स्वामी काल देव जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे काल देव जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे, जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे, बुरे समय से रक्षा हो सके और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।

दशमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-दशमी तिथि के दिन मनुष्य को अपने मकान की स्थापना, शादी, यात्रा, उपनयन, शांति और पौष्टिक काम करना उत्तम रहता हैं।

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:42 से दोपहर 12:27 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------30 अक्टूबर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------आश्विन

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------कार्तिक।

पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।



         ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----नवमी तिथि दोपहर 14:42:50 तक रहेगी, 

उसके बाद दशमी तिथि दोपहर 14:42:50 से शुरू होगी।

वार-------------शनिवार

नक्षत्र------आश्लेषा नक्षत्र दोपहर 12:50:40 तक रहेगा।

उसके बाद

नक्षत्र-------मघा नक्षत्र प्रातः(कल) 37:15:22 तक रहेगा।

योग....शुक्ल योग प्रातः(कल) 24:58:14 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग..ब्रह्म योग प्रातः(कल) 24:58:14 से शुरू होगा।

करण.....गर करण दोपहर 14:42:51 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण....वणिज करण दोपहर 14:42:51 शुरू होगा, उसके बाद में

करण......वणिज करण प्रातः(कल)  26:41:04  से शुरू होगा।

चन्द्रमा की राशि-------कर्क राशि में चन्द्रमा रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------कर्क राशि में चन्द्रमा प्रातः(कल) दोपहर 12:50:49 तक रहेगा, 

उसके बाद में सिंह राशि में चन्द्रमा शुरू होगा।

सूर्य की राशि.......सूर्य तुला राशि में रहेगा।

सौर प्रविष्टे............14, कार्तिक।


   

सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:32:59।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:36:13।

चन्द्रोदय का समय:-प्रातः(कल) 25:27:28

चन्द्रास्त का समय:-दोपहर 14:23:01। 

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 11:03:22।

रात्रिमान का समय:-दोपहर 12:57:28


आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


तीसरे चरण डे अक्षर के आश्लेषा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 06:36:49 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण डो अक्षर के आश्लेषा नक्षत्र का समय दोपहर 12:50:49 तक रहेगा।

पहले चरण मा अक्षर के मघा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 19:01:27 तक रहेगा।

दूसरे चरण मी अक्षर के मघा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 25:09:10 तक रहेगा।


    ।।आंग्ल मतानुसार 30 अक्टूबर 2021  ईस्वी सन।


      ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:42 से दोपहर 12:27 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 




      ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:19 से 10:42 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:27 से 14:50 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 06:33 से 07:56 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:01 से 08:46 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गण्डमूल मुहूर्त का समय:-अहोरात्र तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।


      ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।

दिशा शूल:-पूर्व दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल या उड़द का दान करके या अदरक खाकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता हैं। 



       ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:33 से 07:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:56 से 09:19 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:19 से 10:42 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:42 से 12:05 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-दोपहर 12:05 से 13:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 13:27 से 14:50 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 14:50 से 16:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-सायंकाल 16:13 से 17:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:36 से 19:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:13 से 20:51 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:51 से 22:28 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:28 से 24:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:05 से 25:42 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:42 से 27:19 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:19 से 28:56 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:56 से 30:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

 


  ।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-तुला लग्न 12°40' गति 192°40' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-स्वाति नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-आश्लेषा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के दूसरे चरण के रे अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-कर्क राशि में आश्लेषा नक्षत्र के तीसरे चरण के डे अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-तुला राशि में चित्रा नक्षत्र के चतुर्थ चरण के री अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के पहले चरण के पे अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के चतुर्थ चरण के यू अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा। 


  ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


30 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 03 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 3, 12, 21 व 30 तारीख शुभ होती है।

शुभ-वार:-गुरुवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 3, 12, 21, 30, 39, 48, 57, 66, 75, 84 व 93 वें वर्ष ।

शुभ-दिशा:-ईशान कोण की दिशा।

शुभ-रंग:-पिला, सुनहरा।

शुभ-रत्न:-पुखराज।

शुभ-धातु:-सोना।

आराध्य-देव:-विष्णु जी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बृं बृहस्पतये नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

               10      5       12

               11      9         7

                6      13        8

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3 व 9।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5 व 6।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 7 व 8।