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Sunday, October 17, 2021

आज का पंचांग दिनांक 17 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 17 october 2021)

                    




आज का पंचांग दिनांक 17 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 17 october 2021):-द्वादशी तिथि के स्वामी:-द्वादशी तिथि के स्वामी श्रीविष्णुजी भगवान की पूजा-आराधना करके श्रीविष्णुजी को खुश करना चाहिए।जिससे विष्णुजी भगवान की अनुकृपा बनी रहे और उनका आशीर्वाद मिल सके।जिससे मनुष्य के जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिलकर धन-धान्य से भंडार भर सके।


द्वादशी तिथि के दिन करने काम योग्य :-द्वादशी तिथि के दिन में मनुष्य को समस्त चर एवं स्थिर काम, दान, शांति एवं पौष्टिक काम, यात्रा एवं अन्नग्रहण के अलावा दूसरे काम करना ठीक रहता हैं।


त्रयोदशी तिथि के स्वामी:-त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी की पूजा-अर्चना करके कामदेव जी को खुश करना चाहिए,जिससे कामदेव जी खुश होकर मनुष्य के दाम्पत्य जीवन में प्रेम की भावना बढ़ सके और मनुष्य के जीवन में चारों ओर प्रेम ही प्रेम रह सके। जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और मनुष्य को अपने दाम्पत्य जीवन सुख-शांति एवं प्यार की प्राप्ति हो सके।


त्रयोदशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-त्रयोदशी तिथि के दिन में मनुष्य को अग्न्याधान, प्रतिष्ठा, विवाह, उपनयन, समस्त मांगलिक काम, यात्रा आदि काम करना ठीक रहता है।

विशेष:-आज के दिन तुलायांSर्कः दोपहर 13:11 से प्रवेश करेगा।

विशेष:-आज के दिन पंचक मुहूर्त का समय अहोरात्र 24:00 तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।

विशेष:-आज के दिन बंगाल में कार्तिक मास प्रारम्भ होगा।

विशेष:-आज के दिन ज्येष्ठायां शुक्र:सायंकाल 17:24 प्रवेश करेगा।

विशेष:-आज के दिन पद्मनाभ द्वादशी:-यह व्रत आश्विन शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि को किया जाता हैं। इस तिथि को भगवान पद्मनाभ की पूजा की जाती हैं। इस दिन भगवान जाग्रत अवस्था प्राप्त करने के लिए अंगड़ाई भरते है तथा पद्मासीन ब्रह्मा ऊँकार ध्वनि करते हैं। सर्वप्रथम भगवान की प्रतिमा को क्षीर से स्नान करवाकर नैवेद्य चढ़ाकर, धूप, दिप व चन्दन से आरती करें। ऐसा करने से इस व्रत के प्रभाव से मनोवांछित फल मिलता है।


         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------17 अक्टूबर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------आश्विन

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------आश्विन।

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।



       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----द्वादशी तिथि सायंकाल 17:38:35 तक रहेगी, 

उसके बाद त्रयोदशी तिथि सायंकाल 17:38:35 शुरू होगी।

वार-------------रविवार

नक्षत्र-------शतभिषा नक्षत्र प्रातःकाल 09:51:44 तक रहेगा।

उसके बाद

नक्षत्र-------पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र प्रातःकाल 09:51:44 से शुरू होगा।

योग....वृद्धि योग रात्रिकाल 21:37:44 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग.....ध्रुव योग रात्रिकाल 21:37:44 शुरू होगा।

करण.....बालव करण सायंकाल 17:38:35 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण....कौलव करण सायंकाल 17:38:35 शुरू होगा, उसके बाद में

करण......कौलव करण प्रातः(कल) 29:49:22 तक रहेगा होगा।

चन्द्रमा की राशि-------कुम्भ राशि में चन्द्रमा रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------कुम्भ राशि में चन्द्रमा प्रातः(कल) 28:31:51 तक रहेगा, 

उसके बाद में मीन राशि में चन्द्रमा शुरू होगा।

सूर्य की राशि.......सूर्य कन्या राशि में दोपहर 13:11:48 तक रहेगा, 

उसके बाद में

सूर्य की राशि.......सूर्य तुला राशि में दोपहर 13:11:48 से प्रवेश करेगा।

सौर प्रविष्टे............1, कार्तिक।



सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:24:15।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:48:08।

चन्द्रोदय का समय:-सायंकाल 16:19:45

चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 28:04:50। 

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 11:23:53।

रात्रिमान का समय:-दोपहर 12:36:43


 

आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


चतुर्थ चरण सू अक्षर के शतभिषा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 09:51:44 तक रहेगा।

पहले चरण से अक्षर के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का समय सायंकाल 16:03:29 तक रहेगा।

दूसरे चरण सो अक्षर के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का समय रात्रिकाल 22:16:51 तक रहेगा।

तीसरे चरण दा अक्षर के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 28:31:51 तक रहेगा।



 ।।आंग्ल मतानुसार 17 अक्टूबर 2021  ईस्वी सन।


      ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:43 से दोपहर 12:29 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


     ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-सायंकाल 16:23 से 17:48 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:06 से 13:32 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:57 से 16:24 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-सायंकाल 16:17 से 17:03 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

पंचक मुहूर्त का समय:-अहोरात्र 24:00 तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।



   ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो चॉकलेट या दलिया खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।


 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:24 से 07:50 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:59 से 09:15 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:15 से 10:41 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:41 से 12:06 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 12:06 से 13:32 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 13:32 से 14:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-दोपहर 14:58 से 16:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-सायंकाल 16:23 से 17:48 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:48 से 19:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:23 से 20:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:57 से 22:32 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:32 से 24:07 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:07 से 25:41 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:41 से 27:16 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:16 से 28:50 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:50 से 30:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

 

।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-कन्या लग्न 29°43' गति 179°43' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-चित्रा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-शतभिषा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण के पो अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:- कुम्भ राशि में शतभिषा नक्षत्र के चौथे चरण के सू अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण के पो अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के दूसरे चरण के ष अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के चौथे चरण के ने अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा। 


  ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


 17 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 08 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 8, 17 और 26 तारीख।

शुभ-वार:--शनिवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 8, 17, 26, 35, 44, 53, 62, 71, 80 ,89 और 98 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-पश्चिम

शुभ-रंग:--काला और नीला।

शुभ-रत्न:-नीलम।

शुभ-धातु:-लोहा।

आराध्य-देव:-शनि देव, हनुमानजी और शिवजी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ शं शनैश्चराय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                  9      4     11 

                 10      8       6

                  5       12     7

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):4, 5, 6 और 8।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):--1, 2, 7 और 9।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।