आज का पंचांग दिनांक 04 नवम्बर 2021(Aaj ka panchang date 04 November 2021):-अमावस्या तिथि के स्वामी:-अमावस्या तिथि के स्वामी पितर होते है। इसलिए आज के दिन पितर पूजा-अर्चना और उनका तर्पण करके खुश करना चाहिए। जिससे मनुष्य के जीवन में सुख और खुशहाली की प्राप्ति हो सके और पितरों का आशीर्वाद मनुष्य के ऊपर बना रहे।
अमावस्या तिथि के दिन में करने योग्य काम:-अमावस्या तिथि के दिन मनुष्य को पितरों को तिल और जव से तर्पण करना चाहिए।
विशेष:-आज के दिन देवपितृकार्ये अमावस्या, दीपावली, श्रीमहालक्ष्मी पूजा एवं दीपोत्सव हैं।
विशेष:-आज के दिन हिन्दुधर्म में दीपावली के पर्व को रोशनी का पर्व माना जाता हैं, जिनमें अंधेरी रात पर रोशनी की जीत का होता हैं। भगवान रामचन्द्रजी के द्वारा चौदह वर्ष के वनवास एवं रावण की लंका पर विजय के बाद जब अयोध्या में आने पर उनके जीत की खुशी एवं भगवान रामजी के अयोध्या में आने की खुशी के उपलक्ष में दीपावली पर्व को मनाया जाता है। इस अवसर पर अयोध्यावासियों ने घरों में दीपक जलाकर रोशनी करके भगवान श्रीरामजी का स्वागत किया था। तब से यह पर्व प्रकाश पर्व के रूप में और दीपावली के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार किसी भी शुभ कार्यों को करते समय मुहूर्त का बहुत महत्व बताया गया है, इसलिए मुहूर्त को ध्यान में रखकर ही दीपावली पर्व के दिन लक्ष्मीजी की पूजा करके दीपावली पर्व मनाने का विधान शास्त्रों में बताया गया हैं, जो कि दिनांक 04 नवम्बर 2021 में दीपावली का पर्व रहेगा। दीपावली पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता हैं।
चार ग्रहों के मिलन से शुभ योग का निर्माण:-दीपावली पर बहुत कठिनता से प्राप्त होने वाले योग का मेल बन रहा हैं, इस वर्ष में चार ग्रहों का मेल एक ही राशि में एक साथ होने से दीपावली मनुष्यों के लिए बहुत ही बढ़िया एवं मंगलकारी रहेगी। माता लक्ष्मीजी एवं भगवान गणेशजी की अनुकृपा मिलेगी और मनुष्यों को फायदा ही फायदा प्राप्त होने की सम्भावना बनती हैं।
लक्ष्मीजी एवं गणेशजी की पूजा विधि:-लक्ष्मी पूजा में सबसे पहले श्रीगणेश जी का षोडशोपचार कर्म से पूजा मुहूर्त के शुभ समय करना चाहिए। पूजा क्रम में लक्ष्मीजी की पूजा मुहूर्त समयान्तराल के बाहर भी की जा सकती हैं। भगवान गणेशजी एवं लक्ष्मीजी की पूजा में कुबेर यंत्र, श्री यंत्र, कनकधारा यंत्र, बीसा यंत्र आदि धनदायक यंत्रों को सम्मिलित करने से लक्ष्मीजी साल भर खुश रहती हैं।विशेष अनुष्ठान तहत दिनांक 04 नवम्बर 2021 के सम्पूर्ण रात्रिकाल में श्रीसूक्त का पाठकर कमलगट्टे, मिश्री एवं घी से हवन भी करना चाहिए।
गोधूलि प्रदोष काल का समय:-श्रीपूजन मुहूर्त दैनिक लग्न विगणना मान्यता अनुसार सायंकाल गोधूलि प्रदोष वेला का समय मानक सायंकाल 17:32:27 से 20:09:27 रात्रिकाल पर्यंत रहेगा। इस समय में भी पूजा की सकती हैं।
वृषभ लग्न में प्राप्त:-दिल्ली शहर के समय के अनुसार दीपावली लक्ष्मीजी पूजन का मुहूर्त समय:- स्थिर संज्ञक वृषभ लग्न रात्रिकाल 18:20:59 बजे से 20:16:20 बजे तक का समय होगा।
समय अवधि:-01 घण्टा 55 मिनिट 21 सेकण्ड तक रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:32 से 19:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा। जो कि दीपावली में लक्ष्मी पूजन करने के उत्तम समय रहेगा।
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:11 से 20:49 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा। जो कि दीपावली में लक्ष्मी पूजन करने के उत्तम समय रहेगा।
सिंह लग्न में प्राप्त:-दिल्ली शहर के समय के अनुसार स्थिर संज्ञक सिंह लग्न मध्यरात्रि 24:51:11 बजे से 27:08:31 बजे तक का समय होगा। इस सिंह लग्न में कनकधारा स्तोत्रं का पठन पाठ विशेष श्रीकार सिद्ध होता हैं। प्रकारांतर से पूजन समय परिहार समाधान सूचक हैं।
लाभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:05 से 25:43 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा। जो कि दीपावली में लक्ष्मी पूजन करने के उत्तम समय रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:21 से 28:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा। जो कि दीपावली में लक्ष्मी पूजन करने के उत्तम समय रहेगा।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:42 से दोपहर 12:27 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------04 नवम्बर 2021।
महीना (अमावस्यांत् )---------आश्विन।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------कार्तिक।
पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5123।
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1943 शक संवत।
ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।
सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।
सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।
संवत्सर--------------------------प्लव ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि--------अमावस्या तिथि प्रातः(कल) 26:43:48 तक रहेगी।
वार-------------गुरुवार।
नक्षत्र------चित्रा नक्षत्र प्रातःकाल 07:41:40 तक रहेगा।
उसके बाद
नक्षत्र---स्वाति नक्षत्र प्रातः(कल) 29:06:30 तक रहेगा।
योग....प्रीति योग प्रातःकाल 11:08:49 तक रहेगा,
उसके बाद में
योग..आयुष्मान योग प्रातःकाल 11:08:49 से शुरू होकर प्रातः(कल) 31:11:15 तक रहेगा।
करण.......चतुष्पद करण सायंकाल 16:25:16 तक रहेगा,
उसके बाद
करण...........नाग करण सायंकाल 16:25:16 शुरू होकर प्रातः(कल) 26:43:48 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------तुला राशि में चन्द्रमा रहेगा।
सूर्य की राशि......तुला राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............19, कार्तिक।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:36:28।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:32:27।
चन्द्रोदय का समय:-प्रातः(कल) 30:49:33।
चन्द्रास्त का समय:-सायंकाल 17:20:15।
दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:55:58।
रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:04:46।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
चतुर्थ चरण री अक्षर के चित्रा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 07:41:40 तक रहेगा।
पहले चरण रु अक्षर के स्वाति नक्षत्र का समय दोपहर 13:04:20 तक रहेगा।
दूसरे चरण रे अक्षर के स्वाति नक्षत्र का समय रात्रिकाल 18:25:54 तक रहेगा।
तीसरे चरण रुओ अक्षर के स्वाति नक्षत्र का समय रात्रिकाल 23:46:35 तक रहेगा।
चतुर्थ चरण ता अक्षर के स्वाति नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 29:06:30 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 04 नवम्बर 2021 ईस्वी सन।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:43 से दोपहर 12:26 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:26 से 14:48 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 06:36 से 07:58 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:20 से 10:42 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:15 से 10:59 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:38 से 15:21 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दिशा शूल:-दक्षिण दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या गुड़ या गुड़ के चावल खाकर या दही पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:36 से 07:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:58 से 09:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:20 से 10:42 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:42 से 12:04 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:05 से 13:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 13:26 से 14:48 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-दोपहर 14:48 से 16:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-सायंकाल 16:10 से 17:32 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:32 से 19:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:11 से 20:49 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:49 से 22:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:27 से 24:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:05 से 25:43 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:43 से 27:21 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:21 से 28:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:59 से 30:37 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-तुला लग्न 17°40' गति 197°40' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र:-स्वाति नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-चित्रा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ता अक्षर में रहेगा।
चन्द्रमा ग्रह:-तुला राशि में चित्रा नक्षत्र के चौथे चरण के री अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के पहले चरण के रु अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के तीसरे चरण के रा अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-धनु राशि में मूल नक्षत्र के दूसरे चरण के यो अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
04 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 04 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 4, 13, 22 और 31 तारीख।
शुभ-वार:-शनिवार, रविवार व सोमवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 4, 13, 22, 31, 40, 49, 58, 67, 76, 85 एवं 94 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-आग्नेय(दक्षिण-पूर्व)।
शुभ-रंग:-नीला, खाकी, मटमैला(सलेटी)।
शुभ-रत्न:-गोमेद।
शुभ-धातु:-मिश्रित धातु।
आराध्य-देव:-गणेश जी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ रां रांहवे नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
13 8 15
14 12 10
9 16 12
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 5, 6 एवं 8 ।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 7 एवं 9।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।