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Tuesday, November 23, 2021

आज का पंचांग दिनांक 23 नवम्बर 2021(Aaj ka panchang date 23 November 2021)





आज का पंचांग दिनांक 23 नवम्बर 2021(Aaj ka panchang date 23 November 2021):-चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणपति जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए। जिससे भगवान गणपति जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।


चतुर्थी तिथि के दिन करने योग्य काम:-चतुर्थी तिथि के दिन मनुष्य को अपने दुश्मन का दमन करना, अर्थवविद्या (जादू-टोना आदि), शस्त्र, अग्नि, बन्धन, उच्चाटन, मारण आदि समस्त कामों को करने में सफलता मिलती हैं।


पंचमी तिथि के स्वामी:-पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए, जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और सांसारिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त हो सके। 

पंचमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-पंचमी तिथि के दिन मनुष्य को यात्रा, उपनयन, विवाह, ग्रहशांति, पौष्टिक कर्म, चर एवं स्थिर समस्त कार्य, मांगलिक कार्य करना आदि कामों को करना ठीक रहता है। 


अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:46 से दोपहर 12:29 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।

विशेष:-आज के दिन मार्गशीर्ष चतुर्थी व्रतं हैं। 

विशेष:-आज के दिन अनुराधायां नक्षत्रं में बुध ग्रह प्रातःकाल 07:07 से प्रवेश करेगा।


विशेष:-आज के दिन चन्द्रोदय का समय 20:25:56 पर रहेगा।


         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------23 नवम्बर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------कार्तिक

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------मार्गशीर्ष।

पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------हेमंत ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।



       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


           ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----चतुर्थी तिथि प्रातः(कल) 24:55:01 तक रहेगी, 

उसके बाद पंचमी तिथि (प्रातःकल) 24:55:01 से शुरू होगी।

वार-------------मंगलवार

नक्षत्र---------आर्द्रा नक्षत्र दोपहर 13:43:09 तक रहेगा,

उसके बाद

नक्षत्र------------पुनर्वसु नक्षत्र दोपहर 13:43:09 से शुरू होगा।

योग..शुभ योग प्रातः(कल) 31:28:16 तक रहेगा।

करण.....बव करण प्रातःकाल 11:42:43 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण......बालव करण  प्रातःकाल 11:42:43 से शुरू होकर प्रातः(कल) 24:55:01 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------मिथुन राशि में चन्द्रमा रहेगा।

सूर्य की राशि......वृश्चिक राशि में रहेगा।

सौर प्रविष्टे............8, मार्गशीर्ष।


   

सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:51:25।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:23:27।

चन्द्रोदय का समय:-रात्रिकाल 20:25:56

चन्द्रास्त का समय:-प्रातःकाल 10:09:31। 

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:32:02।

रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:28:45


आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


तीसरे चरण ङ अक्षर के आर्द्रा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 06:59:07 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण छ अक्षर के आर्द्रा नक्षत्र का समय दोपहर 13:43:09 तक रहेगा।

पहले चरण के अक्षर के पुनर्वसु नक्षत्र का समय रात्रिकाल 20:26:13 तक रहेगा।

दूसरे चरण को अक्षर के पुनर्वसु नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 27:08:09 तक रहेगा।

       

।।आंग्ल मतानुसार 23 नवम्बर 2021  ईस्वी सन।


              ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।         

            

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:46 से दोपहर 12:29 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


     ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:45 से 16:04 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:29 से 10:48 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:07 से 13:26 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:58 से 09:40 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-रात्रिकाल 22:47 से 23:29 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।



  ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो भूमि का दान करके या गुुुड़ खाकर या छाछ पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है। 

    ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:51 से 08:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:10 से 09:29 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:29 से 10:48 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:48 से 12:07 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 12:07 से 13:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 13:26 से 14:45 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 14:45 से 16:04 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-सायंकाल 16:04 से 17:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:23 से 19:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:05 से 20:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:46 से 22:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:27 से 24:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:08 से 25:49 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:49 से 27:30 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:30 से 29:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:11 से 30:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

 


     ।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-वृश्चिक लग्न 6°48' गति 216°48' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-अनुराधा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-आर्द्रा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      

सूर्य ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-मिथुन राशि में आर्द्रा नक्षत्र के तीसरे चरण के ङ अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-तुला राशि में विशाखा नक्षत्र के पहले चरण के ती अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-वृश्चिक राशि में विशाखा नक्षत्र के चौथे चरण के तो अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-कुम्भ  राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के गु अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के तीसरे चरण के फा अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा। 


     ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


23 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 05 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 5, 14 और 23 तारीख।

शुभ-वार:--बुधवार एवं शुक्रवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 5, 14, 23, 32, 41, 50, 59, 68, 77, 86 और 95 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-उत्तर।

शुभ-रंग:--हरा।

शुभ-रत्न:-पन्ना।

शुभ-धातु:-सोना।

आराध्य-देव:-महालक्ष्मी जी और गणेश जी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बुं बुधाय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                  9      4     11 

                 10      8       6

                  5       12     7

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):1, 4, 5 एवं 6।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-2 एवं 7।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3, 8 एवं 9।