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Tuesday, November 2, 2021

आज का पंचांग दिनांक 02 नवम्बर 2021(Aaj ka panchang date 02 November 2021)

                    




आज का पंचांग दिनांक 02 नवम्बर 2021(Aaj ka panchang date 02 November 2021):-द्वादशी तिथि के स्वामी:-द्वादशी तिथि के स्वामी श्रीविष्णुजी भगवान की पूजा-आराधना करके श्रीविष्णुजी को खुश करना चाहिए।जिससे विष्णुजी भगवान की अनुकृपा बनी रहे और उनका आशीर्वाद मिल सके।जिससे मनुष्य के जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिलकर धन-धान्य से भंडार भर सके।

द्वादशी तिथि के दिन करने काम योग्य :-द्वादशी तिथि के दिन में मनुष्य को समस्त चर एवं स्थिर काम, दान, शांति एवं पौष्टिक काम, यात्रा एवं अन्नग्रहण के अलावा दूसरे काम करना ठीक रहता हैं।

त्रयोदशी तिथि के स्वामी:-त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी की पूजा-अर्चना करके कामदेव जी को खुश करना चाहिए,जिससे कामदेव जी खुश होकर मनुष्य के दाम्पत्य जीवन में प्रेम की भावना बढ़ सके और मनुष्य के जीवन में चारों ओर प्रेम ही प्रेम रह सके। जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और मनुष्य को अपने दाम्पत्य जीवन सुख-शांति एवं प्यार की प्राप्ति हो सके।

त्रयोदशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-त्रयोदशी तिथि के दिन में मनुष्य को अग्न्याधान, प्रतिष्ठा, विवाह, उपनयन, समस्त मांगलिक काम, यात्रा आदि काम करना ठीक रहता है।

विशेष:-आज के दिन धनतेरस या धनत्रयोदशी है। आज के दिन चांदी के बर्तन खरीदने का विधान है। 

यमदीपदानं यमराज जी को खुश करने के लिए करना चाहिए। सायंकाल के समय यमराज के निमित्त दीपदान किया जाता हैं। इस दिन दीपदान से असामयिक मृत्यु का डर खत्म हो जाता हैं।

धनवंतरि जयन्ती:-त्रयोदशी तिथि के दिन आयुर्वेद के जन्मदाता भगवान धनवंतरि देव प्रकट हुए थे। समुद्र मंथन के समय चौदह रत्नों के साथ अमृत कलश को लेकर जन्म लिया था। इसलिए इस दिन भगवान धनवंतरि देव की पूजा करनी चाहिए और उनसे अपने स्वास्थ्य की इच्छा को पूरा करने के लिए अरदास करनी चाहिए।

विशेष:-आज के दिन भौम प्रदोष व्रतं है, मंगलदेव जी को खुश करने एवं मंगलदेव की।अनुकृपा को पाने का व्रतं होता हैं। पवनपुत्र श्रीहनुमानजी की आराधना करने से मंगलदेवजी खुश होते हैं। 

विशेष:-आज तुलायां राशि बुधः में प्रातःकाल 09:51 प्रवेश करेगा। 


खरीदारी का समय:-रात्रिकाल 18:22 बजे से 20:12 मिनट तक रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:20 से 10:42 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:42 से 12:04 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:42 से दोपहर 12:27 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 

अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 12:05 से 13:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 14:49 से 16:12 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:12 से 20:49 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

वृषभ लग्न का समय:-रात्रिकाल 18:16 बजे से 20:13 तक रहेगा।

धनतेरस पूजन का समय:-पूजन का समय रात्रिकाल 17:22 से 18:02 बजे तक रहेगा।

धनवन्तरि पूजन का समय:-  रात्रिकाल 17:33 से 20:12 तक रहेगा।


         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------02 नवम्बर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------आश्विन

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------कार्तिक।

पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।


             

           ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----द्वादशी तिथि प्रातःकाल 11:30:31 तक रहेगी, 

उसके बाद त्रयोदशी तिथि प्रातःकाल 11:30:31 से शुरू होकर प्रातः(कल) 33:01:35 तक रहेगी।

वार-------------मंगलवार

नक्षत्र--------उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र प्रातःकाल 11:43:24 तक  रहेगा।

उसके बाद

नक्षत्र---हस्त नक्षत्र प्रातः(कल) 33:57:13 तक रहेगा।

योग....वैधृति योग रात्रिकाल 18:11:51 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग..विष्कुम्भ योग रात्रिकाल 18:11:51 से शुरू होगा।

करण.....तैतिल करण प्रातःकाल 12:30:31 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण...........गर करण रात्रिकाल 22:20:20 तक रहेगा।

उसके बाद में

करण......वणिज करण रात्रिकाल 22:20:20 से शुरू होकर प्रातः(कल) 33:01:35 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------कन्या राशि में चन्द्रमा रहेगा।

सूर्य की राशि......तुला राशि में रहेगा।

सौर प्रविष्टे............17, कार्तिक।


 

सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:35:00।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:33:53।

चन्द्रोदय का समय:-प्रातः(कल) 28:34:12

चन्द्रास्त का समय:-सायंकाल 16:07:52। 

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:58:53।

रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:01:50


आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-

चतुर्थ चरण पी अक्षर के उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का समय प्रातःकाल 11:43:23 तक रहेगा।

पहले चरण पू अक्षर के हस्त नक्षत्र का समय रात्रिकाल 17:20:05 तक रहेगा।

दूसरे चरण ष अक्षर के हस्त नक्षत्र का समय रात्रिकाल 22:54:31 तक रहेगा।

तीसरे चरण ण अक्षर के हस्त नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 28:26:51 तक रहेगा।


       ।।आंग्ल मतानुसार 02 नवम्बर 2021  ईस्वी सन।


      ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:42 से दोपहर 12:26 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


             ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:49 से 16:12 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:20 से 10:42 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:04 से 13:27 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:47 से 09:31 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-रात्रिकाल 22:46 से 23:30 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।


        ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।

दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो भूमि का दान करके या गुुुड़ खाकर या छाछ पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है। 


         ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:35 से 07:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:57 से 09:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:20 से 10:42 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:42 से 12:04 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 12:05 से 13:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 13:27 से 14:49 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 14:49 से 16:12 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-सायंकाल 16:12 से 17:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:34 से 19:12 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:12 से 20:49 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:49 से 22:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:27 से 24:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:05 से 25:43 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:43 से 27:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:20 से 28:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:58 से 30:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

 

         ।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-तुला लग्न 15°40' गति 195°40' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-स्वाति नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के तीसरे चरण के रो अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-कन्या राशि में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के चौथे चरण के पी अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के पहले चरण के रु अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-तुला राशि में चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण के पो अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-धनु राशि में मूल नक्षत्र के पहले चरण के ये अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा। 


  ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


02 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 02 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 2, 11, 20, 29 तारीख शुभ होती है।

शुभ-वार:-सोमवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 2, 11, 20, 29, 38, 47, 56, 74, 83 और 92 वें वर्ष शुभ वर्ष होते हैं।

शुभ-दिशा:-नैर्ऋत्य दिशा शुभ होती है।

शुभ-रंग:-सफेद।

शुभ-रत्न:-मोती रत्न शुभ होता है।

शुभ-धातु:-चाँदी धातु शुभ होती है।

आराध्य-देव:-भगवान शिवजी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ सौंमय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

               7      3       9

               8      6       4

              3      10      5

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 5, 6।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4 व 7 ।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3, 8 व 9।