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Thursday, November 11, 2021

आज का पंचांग दिनांक 11 नवम्बर 2021(Aaj ka panchang date 11 November 2021)





आज का पंचांग दिनांक 11 नवम्बर 2021(Aaj ka panchang date 11 November 2021):-सप्तमी तिथि के स्वामी:-सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्य देवता की पूजा-आराधना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे मनुष्य को सूर्यदेवता का आशीर्वाद मिल सके और मनुष्य को मान-सम्मान की प्राप्ति हो सके।

सप्तमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-सप्तमी तिथि के दिन मनुष्य को यात्रा, स्थापना, वाहन, राजसेवा, विवाह, वास्तु, आभूषण, उपनयन आदि काम करना अच्छा रहता है।

अष्टमी तिथि के स्वामी:-अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे भगवान भोलेनाथ जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।

अष्टमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-अष्टमी तिथि के दिन मनुष्य को खेती, व्यापार, धान्य, पत्थर, लौह, संग्राम, भूषण, शिवजी की स्थापना, जलाशय या कूप खनन आदि का काम करना ठीक रहता है।

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:43 से दोपहर 12:27 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।

विशेष:-आज के दिन पंचक रहेगा।

पंचक मुहूर्त का समय:-प्रातः(काल) 26:51 से 24:00अहोरात्र तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।


विशेष:-आज के दिन गोपाष्टमी पर्व हैं। गोपाष्टमी यह कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी के रूप में मनायी जाती है। ऐसा भी माना जाता है कि गोपाष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के समय से ही मनायी जाती हैं। इस दिन कृष्ण को सबसे पहले गायें चराने भेजा था। इस कारण श्रीकृष्ण का अति प्रिय "गोविन्द" नाम गायों की रक्षा करने के कारण ही पड़ा। कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से लेकर सप्तमी तक इन्द्र के द्वारा प्रकोप से गो-गोप-गोपियों एवं गायों की रक्षा के लिए श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को धारण किये रहे। आठवें दिन इन्द्र की आँख खुली और वे अहंकार रहित होकर भगवान श्रीकृष्ण की शरण में आए। कामधेनु ने भगवान का अभिषेक किया और उसी दिन भगवान का नाम "गोविन्द" पडा। इस उपलक्ष्य में बज्र में उत्सव मनाया जाता है, जो बाद में गोपाष्टमी के नाम से मनाया जाने लगा।

विधि:-इस दिन गाय, गौवत्स या बछड़े तथा गोपालों के पूजन का विधान हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति इस दिन गायों को ग्रास खिलाएं और उनकी सेवा करें तथा सायंकाल में गायों का पंचोपचार से पूजा करें, तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं।

इस दिन महिलाऐं गाय की पूजा करके व्रत खोलती हैं। गाय को लाल-गुलाबी ओढ़ना ओढ़ाती हैं। गाय को लापसी, गुड़ खिलाती हैं। गायों को गो ग्रास देकर उनकी परिक्रमा करती हैं और थोड़ी दूर तक उनके साथ चलती हैं तो सभी प्रकार की अभीष्ट सिद्धि प्राप्त होती हैं।

आधुनिक युग में यदि मनुष्यों गोपाष्टमी पर गौशाला के लिए दान करें और गायों की रक्षा के लिए प्रयत्न करें, तो गोपाष्टमी का कृत्यपूर्ण होता है और उसका पुण्य प्राप्त किया जा सकता है।

विशेष:-आज के दिन चौमासी अष्टाह्निका प्रारम्भ जैन होगा।




         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------11 नवम्बर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------कार्तिक

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------कार्तिक।

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।


       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----सप्तमी तिथि प्रातःकाल 06:48:57 तक रहेगी, 

उसके बाद क्षय अष्ठमी तिथि प्रातःकाल 06:48:57 से शुरू होकर प्रातः(कल) 28:50:42 तक रहेगी।

वार-------------गुरुवार

नक्षत्र--------------श्रवण नक्षत्र दोपहर 14:57:57 तक रहेगा,

उसके बाद

नक्षत्र-----------धनिष्ठा नक्षत्र दोपहर 14:57:57 से शुरू होगा।

योग..वृद्धि योग प्रातः(कल) 28:42:44 तक रहेगा।

करण......वणिज करण प्रातःकाल 06:48:57 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण...........विष्टि(भद्रा) करण रात्रिकाल 18:15:04 तक रहेगा,

उसके बाद में

करण......बव करण रात्रिकाल 18:15:04 से शुरू होकर प्रातः(कल) 29:50:42 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------मकर राशि में चन्द्रमा रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------मकर राशि में चन्द्रमा प्रातः(कल) 26:50:31 तक रहेगा, 

उसके बाद में कुम्भ राशि में चन्द्रमा शुरू होगा।

सूर्य की राशि......तुला राशि में रहेगा।

सौर प्रविष्टे............26, कार्तिक।


   

सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:41:49।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:28:06।

चन्द्रोदय का समय:-दोपहर 13:08:21

चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 24:00:21। 

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:46:16।

रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:14:30


आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


तीसरे चरण खे अक्षर के श्रवण नक्षत्र का समय प्रातःकाल 09:05:09 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण खो अक्षर के श्रवण नक्षत्र का समय दोपहर 14:57:57 तक रहेगा।

पहले चरण गा अक्षर के धनिष्ठा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 20:53:04 तक रहेगा।

दूसरे चरण गी अक्षर के धनिष्ठा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 26:50:31 तक रहेगा।



   ।।आंग्ल मतानुसार 11 नवम्बर 2021  ईस्वी सन।


      ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:43 से दोपहर 12:27 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


     ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:26 से 14:47 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 06:42 से 08:03 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:23 से 10:44 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:17 से 11:00 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:36 से 15:19 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

पंचक मुहूर्त का समय:-प्रातः(काल) 26:51 से 24:00अहोरात्र तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।


    ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-दक्षिण दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या गुड़ या गुड़ के चावल खाकर या दही पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है। 


 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:42 से 08:03 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:03 से 09:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:23 से 10:44 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:44 से 12:05 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:05 से 13:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 13:26 से 14:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 14:47 से 16:07 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-सायंकाल 16:07 से 17:28 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:28 से 19:07 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:07 से 20:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:47 से 22:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:26 से 24:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:05 से 25:45 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:45 से 27:24 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:24 से 29:03 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:03 से 30:43 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

 

      ।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-तुला लग्न 24°42' गति 204°42' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-विशाखा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-श्रवण नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-तुला राशि में विशाखा नक्षत्र के दूसरे चरण के तू अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीसरे चरण के खेअक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के तीसरे चरण के रो अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के तीसरे चरण के रो अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-धनु राशि में मूल नक्षत्र के चौथे चरण के भी अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा। 


  ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


11 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 02 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 2, 11, 20, 29 तारीख शुभ होती है।

शुभ-वार:-सोमवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 2, 11, 20, 29, 38, 47, 56, 74, 83 और 92 वें वर्ष शुभ वर्ष होते हैं।

शुभ-दिशा:-नैर्ऋत्य दिशा शुभ होती है।

शुभ-रंग:-सफेद।

शुभ-रत्न:-मोती रत्न शुभ होता है।

शुभ-धातु:-चाँदी धातु शुभ होती है।

आराध्य-देव:-भगवान शिवजी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ सौंमय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

               7      3       9

               8      6       4

              3      10      5

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 5, 6।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4 व 7 ।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3, 8 व 9।