आज का पंचांग दिनांक 15 नवम्बर 2021(Aaj ka panchang date 15 November 2021):-द्वादशी तिथि के स्वामी:-द्वादशी तिथि के स्वामी श्रीविष्णुजी भगवान की पूजा-आराधना करके श्रीविष्णुजी को खुश करना चाहिए।जिससे विष्णुजी भगवान की अनुकृपा बनी रहे और उनका आशीर्वाद मिल सके।जिससे मनुष्य के जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिलकर धन-धान्य से भंडार भर सके।
द्वादशी तिथि के दिन करने काम योग्य :-द्वादशी तिथि के दिन में मनुष्य को समस्त चर एवं स्थिर काम, दान, शांति एवं पौष्टिक काम, यात्रा एवं अन्नग्रहण के अलावा दूसरे काम करना ठीक रहता हैं।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:44 से दोपहर 12:27 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
विशेष:-आज के दिन पंचक रहेगा।
पंचक मुहूर्त का समय:-अहोरात्र 24:00 तक रहेगा, जो की अशुभ मुहूर्त हैं।
विशेष:-आज के दिन गण्डमूल नक्षत्र रहने से गण्डमूल मुहूर्त रहेगा, जो इस तरह हैं।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-रात्रिकाल 18:08 से अहोरात्र 24:00 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
विशेष:-आज के दिन देवप्रबोधिनी एकादशी व्रतं हैं
विशेष:-आज के दिन वैष्णव निम्बार्क हैं।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------15 नवम्बर 2021।
महीना (अमावस्यांत् )---------कार्तिक।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------कार्तिक।
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5123।
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1943 शक संवत।
ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।
सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।
सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।
संवत्सर--------------------------प्लव ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----द्वादशी तिथि अहोरात्र तक रहेगी।
वार-------------सोमवार।
नक्षत्र------------उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रात्रिकाल 18:08:05 तक रहेगा,
उसके बाद
नक्षत्र---------रेवती नक्षत्र रात्रिकाल 18:08:05 से शुरू होगा।
योग..वज्र योग प्रातः(कल) 25:33:25 तक रहेगा।
करण......बव करण रात्रिकाल 19:16:32 तक रहेगा,
उसके बाद
करण......बालव करण रात्रिकाल 19:16:32 से शुरू होकर प्रातः(कल) 32:01:11 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------मीन राशि में चन्द्रमा रहेगा।
सूर्य की राशि......तुला राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............30, कार्तिक।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:44:59।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:26:08।
चन्द्रोदय का समय:-दोपहर 15:23:42।
चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 27:50:14।
दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:41:09।
रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:19:38।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
तीसरे चरण झ अक्षर के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय प्रातःकाल 11:40:51 तक रहेगा।
चतुर्थ चरण ञ अक्षर के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय रात्रिकाल 18:08:05 तक रहेगा।
पहले चरण दे अक्षर के रेवती नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 24:37:03 तक रहेगा।
दूसरे चरण दो अक्षर के रेवती नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 31:07:38 तक रहेगा।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-पूर्व दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो चन्दन लगाकर या चन्दन का दान करके या दूध पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आंग्ल मतानुसार 15 नवम्बर 2021 ईस्वी सन।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:44 से दोपहर 12:27 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:05 से 09:25 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:45 से 12:06 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:26 से 14:46 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:27 से 13:10 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:35 से 15:18 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
पंचक मुहूर्त का समय:-अहोरात्र 24:00 तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-रात्रिकाल 18:08 से अहोरात्र तक रहेगा, जो कि अशुभ समय हैं।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:46 से 08:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:06 से 09:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:25 से 10:45 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:45 से 12:06 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 12:06 से 13:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-दोपहर 13:26 से 14:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 14:46 से 16:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-सायंकाल 16:06 से 17:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:26 से 19:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:06 से 20:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:46 से 22:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:26 से 24:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:06 से 25:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:46 से 27:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:26 से 29:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:06 से 30:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-तुला लग्न 28°44' गति 208°44' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र:-विशाखा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-तुला राशि में विशाखा नक्षत्र के तीसरे चरण के ते अक्षर में रहेगा।
चन्द्रमा ग्रह:-मीन राशि में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के तीसरे चरण के झ अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के तीसरे चरण के रो अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-तुला राशि में विशाखा नक्षत्र के पहले चरण के ती अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के पहले चरण के भू अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
15 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 06 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 6, 15 और 24।
शुभ-वार:--बुधवार और शुक्रवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 6, 15, 24, 33, 42, 51, 60, 69,78, 87 और 96 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-आग्नेय कोण की दिशा।
शुभ-रंग:--सफेद, गुलाबी, आसमानी।
शुभ-रत्न:-हीरा।
शुभ-धातु:-चाँदी।
आराध्य-देव:-कार्तिकेय।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ शुं शुक्राय नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
11 6 13
12 10 8
7 14 9
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 5, 6 और 8।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2और 7।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3 और 9।