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Thursday, December 2, 2021

आज का पंचांग दिनांक 02 दिसम्बर 2021(Aaj ka panchang date 02 December 2021)





आज का पंचांग दिनांक 02 दिसम्बर 2021(Aaj ka panchang date 02 December 2021):-त्रयोदशी तिथि के स्वामी:-त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी की पूजा-अर्चना करके कामदेव जी को खुश करना चाहिए,जिससे कामदेव जी खुश होकर मनुष्य के दाम्पत्य जीवन में प्रेम की भावना बढ़ सके और मनुष्य के जीवन में चारों ओर प्रेम ही प्रेम रह सके। जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और मनुष्य को अपने दाम्पत्य जीवन सुख-शांति एवं प्यार की प्राप्ति हो सके।


त्रयोदशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-त्रयोदशी तिथि के दिन में मनुष्य को अग्न्याधान, प्रतिष्ठा, विवाह, उपनयन, समस्त मांगलिक काम, यात्रा आदि काम करना ठीक रहता है।


चतुर्दशी तिथि के स्वामी:-चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिवजी जी की पूजा-अर्चना करके शिवजी जी को खुश करना चाहिए,जिससे शिवजी जी खुश होकर मनुष्य को आशीर्वाद प्रदान करेंगे, मनुष्य के जीवन आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिल सके,सभी तरह के काम सिद्ध हो सके।

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:50 से दोपहर 12:31 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।

विशेष:-आज के दिन प्रदोषव्रतं मास शिवरात्रि हैं। भगवान भोलेनाथ जी की पूजा करके उनको खुश करें। उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।

विशेष:-आज के दिन भरणी नक्षत्र रात्रिकाल 20:26उ से प्रातः(कल) 30:40 तक रहेगा।

विशेष:-आज के दिन ज्येष्ठायां रवि प्रातः(कल) 24:43 तक रहेगा।



         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------02 दिसम्बर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------कार्तिक

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------मार्गशीर्ष।

पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------हेमंत ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।


        ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----त्रयोदशी तिथि रात्रिकाल 20:26:13 तक रहेगी, 

उसके बाद चतुर्दशी तिथि रात्रिकाल 20:26:13 से शुरू होगी।

वार-------------गुरुवार

नक्षत्र--------स्वाति नक्षत्र सायंकाल 16:26:44 तक रहेगा,

उसके बाद

नक्षत्र------------विशाखा नक्षत्र सायंकाल 16:26:44 से शुरू होगा।

योग...शोभन योग सायंकाल 16:58:25 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग..अतिगंड योग सायंकाल 16:58:25 से शुरू होकर प्रातः(कल) 36:54:42 तक रहेगा।

करण.....गर करण प्रातःकाल 10:03:59 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण.........वणिज करण रात्रिकाल 20:26:13 तक रहेगा,

उसके बाद में

करण......विष्टि (भद्रा) करण रात्रिकाल 20:26:13   से शुरू होकर प्रातः(कल) 30:42:57 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------तुला राशि में चन्द्रमा रहेगा।

सूर्य की राशि......वृश्चिक राशि में रहेगा।

सौर प्रविष्टे............17, मार्गशीर्ष।


   

सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:58:32।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:22:30।

चन्द्रोदय का समय:-प्रातः(कल) 29:33:18

चन्द्रास्त का समय:-दोपहर 15:50:12। 

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:23:57।

रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:36:47



आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


तीसरे चरण रो अक्षर के स्वाति नक्षत्र का समय प्रातःकाल 11:04:10 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण ता अक्षर के स्वाति नक्षत्र का समय सायंकाल 16:26:44 तक रहेगा।

पहले चरण ती अक्षर के विशाखा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 21:47:49 तक रहेगा।

दूसरे चरण तू अक्षर के विशाखा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 27:07:34 तक रहेगा।


।।आंग्ल मतानुसार 02 दिसम्बर 2021  ईस्वी सन।


      ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।  

                   

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:50 से दोपहर 12:31 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


       ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:29 से 14:47 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 06:59 से 08:17 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:35 से 10:53 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:27 से 11:08 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:36 से 15:18 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।


       ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-दक्षिण दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या गुड़ या गुड़ के चावल खाकर या दही पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है। 



 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:59 से 08:17 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:17 से 09:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:35 से 10:53 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:53 से 12:11 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:11 से 13:29 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 13:29 से 14:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 14:47 से 16:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-सायंकाल 16:05 से 17:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:23 से 19:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:05 से 20:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:47 से 22:29 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:29 से 24:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:11 से 25:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:53 से 27:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:35 से 29:17 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:17 से 30:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।



     ।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-वृश्चिक लग्न 15°55' गति 225°55' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-अनुराधा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-स्वाति नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के चौथे चरण के ने अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के तीसरे चरण के रो अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-तुला राशि में विशाखा नक्षत्र के तीसरे चरण के ते अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के नो अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-कुम्भ  राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के गु अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-धनु राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के पहले चरण के भे अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा। 


  ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


02 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 02 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 2, 11, 20, 29 तारीख शुभ होती है।

शुभ-वार:-सोमवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 2, 11, 20, 29, 38, 47, 56, 74, 83 और 92 वें वर्ष शुभ वर्ष होते हैं।

शुभ-दिशा:-नैर्ऋत्य दिशा शुभ होती है।

शुभ-रंग:-सफेद।

शुभ-रत्न:-मोती रत्न शुभ होता है।

शुभ-धातु:-चाँदी धातु शुभ होती है।

आराध्य-देव:-भगवान शिवजी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ सौंमय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

               7      3       9

               8      6       4

              3      10      5

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 5, 6।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4 व 7 ।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3, 8 व 9।