आज का पंचांग दिनांक 01 जनवरी 2022 (Aaj ka panchang date 01 January 2022):-त्रयोदशी तिथि के स्वामी:-त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी की पूजा-अर्चना करके कामदेव जी को खुश करना चाहिए,जिससे कामदेव जी खुश होकर मनुष्य के दाम्पत्य जीवन में प्रेम की भावना बढ़ सके और मनुष्य के जीवन में चारों ओर प्रेम ही प्रेम रह सके। जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और मनुष्य को अपने दाम्पत्य जीवन सुख-शांति एवं प्यार की प्राप्ति हो सके।
त्रयोदशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-त्रयोदशी तिथि के दिन में मनुष्य को अग्न्याधान, प्रतिष्ठा, विवाह, उपनयन, समस्त मांगलिक काम, यात्रा आदि काम करना ठीक रहता है।
चतुर्दशी तिथि के स्वामी:-चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिवजी की पूजा-अर्चना करके शिवजी जी को खुश करना चाहिए,जिससे शिवजी जी खुश होकर मनुष्य को आशीर्वाद प्रदान करेंगे, मनुष्य के जीवन आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिल सके,सभी तरह के काम सिद्ध हो सके।
चतुर्दशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-चतुर्दशी तिथि के दिन में मनुष्य को बन्धन, अग्नि, उग्र काम, घात, शल्यकाम, सांग्रामिक काम, शस्त्र-अस्त्र एवं लौह सम्बन्धी कार्य आदि करना अच्छा रहता हैं।
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:04 से दोपहर 12:45 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
विशेष:-आज के दिन गण्डमूल नक्षत्र रहने से गण्डमूल मुहूर्त रहेगा, जो इस तरह हैं।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-अहोरात्र 24:00 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
विशेष:-आज के दिन भरणी सायंकाल 17:29 उ. में प्रवेश करेगा।
विशेष:-आज के दिन मास शिवरात्रि जनवरी मास 1 तारीख 31 सन 2022 में मास शिवरात्रि मास रहेगा। भगवान शिवजी की पूजा-अर्चना करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------01 जनवरी 2022।
महीना (अमावस्यांत् )---------मार्गशीर्ष।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------पौष।
पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5123।
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2078 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1943 शक संवत।
ऋतु-----------------------------शिशिर ऋतु।
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे।
सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।
संवत्सर--------------------------प्लव ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----त्रयोदशी तिथि प्रातःकाल 07:16:42 तक रहेगी,
उसके बाद क्षय चतुर्दशी तिथि प्रातःकाल 07:16:42 से शुरू होकर प्रातः(कल) 27:41:11 तक रहेगी।
वार-------------शनिवार।
नक्षत्र--------ज्येष्ठा नक्षत्र रात्रिकाल 19:16:34 तक रहेगा,
उसके बाद
नक्षत्र----------मूल नक्षत्र रात्रिकाल 19:16:34 से शुरू प्रातः(कल) 38:22:28 तक रहेगी।
योग......गण्ड योग दोपहर 13:53:42 तक रहेगा,
उसके बाद में
योग......गण्ड योग दोपहर 13:53:42 से शुरू होकर प्रातः(कल) 33:40:43 तक रहेगा।
करण.....वणिज करण प्रातःकाल 07:16:42 तक रहेगा,
उसके बाद
करण.........विष्टि(भद्रा) करण सायंकाल 17:29:57 तक रहेगा,
उसके बाद में
करण........शकुनी करण सायंकाल 17:29:57 से शुरू होकर प्रातः(कल) 27:41:11 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------वृश्चिक राशि में चन्द्रमा रात्रिकाल 19:16:34 तक रहेगा,
उसके बाद में धनु राशि में चन्द्रमा शुरू होगा।
सूर्य की राशि......सूर्य धनु राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............17, पौष।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 07:15:19।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:34:05।
चन्द्रोदय का समय:-प्रातः(कल) 30:42:28।
चन्द्रास्त का समय:-सायंकाल 16:06:55।
दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:18:46।
रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:41:28।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
दूसरे चरण या अक्षर के ज्येष्ठा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 08:41:32 तक रहेगा।
तीसरे चरण यी अक्षर के ज्येष्ठा नक्षत्र का समय दोपहर 13:59:22 तक रहेगा।
चौथे चरण यू अक्षर के ज्येष्ठा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 19:16:34 तक रहेगा।
पहले चरण ये अक्षर के मूल नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 24:33:19 तक रहेगा।
दूसरे चरण यो अक्षर के मूल नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 29:49:46 तक रहेगा।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-पूर्व दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल या उड़द का दान करके या अदरक खाकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता हैं।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार, सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
।।आंग्ल मतानुसार 01 जनवरी 2022 ईस्वी सन।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 12:04 से दोपहर 12:45 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:50 से 11:07 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:42 से 14:59 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:15 से 08:39 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:38 से 09:16 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-अहोरात्र तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:15 से 08:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:33 से 09:50 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:50 से 11:07 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 11:07 से 12:25 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-दोपहर 12:25 से 13:40 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 13:40 से 14:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 14:59 से 16:17 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-सायंकाल 16:17 से 17:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:34 से 19:17 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:17 से 20:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:59 से 22:42 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:42 से 24:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:25 से 26:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:08 से 27:50 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:50 से 29:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:33 से 31:16 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-धनु लग्न 16°27' गति 256°27' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र:-पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-ज्येष्ठा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के पहले चरण के भू अक्षर में रहेगा।
चन्द्रमा ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के या अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के नो अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-धनु राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के तीसरे चरण के जा अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:- कुम्भ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण के गे अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-मकर राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के पहले चरण के भे अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीसरे चरण के खे अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के तीसरे चरण के उ अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के पहले चरण के ना अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
01 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 01 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 1, 10, 19 व 28 तारीख शुभ है।
शुभ-वार:-रविवार, सोमवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 1, 10, 19, 28, 37, 46, 55, 64, 73, 82 और 91 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-पूर्व दिशा।
शुभ-रंग:-पिला, सुनहरा, नारंगी, ताम्रवर्ण।
शुभ-रत्न:-माणिक्य।
शुभ-धातु:-सोना, ताँबा।
आराध्य-देव:-सूर्य देव व शिव भगवान।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ घृणिः सूर्याय नमः ।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
6 1 8
7 5 3
2 9 4
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3, 9।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 6, 7, 8।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5।