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Sunday, December 19, 2021

आज का पंचांग दिनांक 19 दिसम्बर 2021(Aaj ka panchang date 19 December 2021)






आज का पंचांग दिनांक 19 दिसम्बर 2021(Aaj ka panchang date 19 December 2021):-पूर्णिमा तिथि के स्वामी:-पूर्णिमा तिथि के स्वामी को चंद्रदेवजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करके उनकी कृपा दृष्टि की प्राप्ति करनी चाहिए, जिससे मनुष्य के जीवन सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति हो सके।


पूर्णिमा तिथि के दिन करने योग्य काम:-पूर्णिमा तिथि के दिन मनुष्य को तेल कर्म, स्त्री संगम, दन्तधावन, काष्ठ, उपनयन एवं क्षौर कर्म आदि कामों को छोड़कर दूसरे सभी काम करना ठीक रहता हैं।


प्रतिपदा तिथि के स्वामी:-प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव की पूजा-आराधना करनी चाहिए। जिससे अग्नि देव खुश होकर मनुष्य को जीवन में खुशहाली प्रदान करे।


प्रतिपदा तिथि के दिन करने योग्य काम:-प्रतिपदा तिथि के दिन मनुष्य को चित्रकारी, आसव विधि, खेती के काम, शैय्या एवं आसन से सम्बंधित काम, वृक्ष काटना, गृह, पत्थर आदि से सम्बंधित काम करना बढ़िया रहता है। 


अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:58 से दोपहर 12:39 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।

विशेष:-आज के दिन पूर्णिमा पुण्यः हैं। इस दिन स्नान, दान और तपस्या करने से बहुत ही पुण्य मिलता हैं। पूर्णिमा तिथि के दिन दत्तात्रेय जी जन्म लिया था। दत्तात्रेय जी तीनों त्रिदेवों विष्णुजी, ब्रह्माजी एवं शिवजी के मिश्रित स्वरूप के रूप में अवतरित हुए थे। इसी दिन माता पार्वतीजी के दर्शन हुए थे।


विशेष:-आज के दिन वक्री शुक्र सायंकाल 16:06 पर प्रवेश होगा


 


         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------19 दिसम्बर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------मार्गशीर्ष

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------मार्गशीर्ष।

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------हेमंत ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।


         ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----पूर्णिमा तिथि प्रातःकाल 10:04:33 तक रहेगी, 

उसके बाद प्रतिपदा तिथि प्रातःकाल 10:23:52 शुरू होकर प्रातः(कल) 36:36:03 तक रहेगी।

वार-------------रविवार

नक्षत्र--------मृगशिरा नक्षत्र सायंकाल 16:51:13 तक रहेगा,

उसके बाद

नक्षत्र----------आर्द्रा नक्षत्र सायंकाल 16:51:13 से शुरू प्रातः(कल) 37:47:31 तक रहेगी

योग...शुभ योग प्रातःकाल 10:07:17 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग..शुक्ल योग प्रातःकाल 10:07:17 से शुरू होकर प्रातः(कल) 34:56:46 तक रहेगा।

करण.....बव करण प्रातःकाल 10:04:33 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण.........बालव करण रात्रिकाल 23:21:47 तक रहेगा,

उसके बाद में

करण.........कौलव करण रात्रिकाल 23:21:47  से शुरू होकर प्रातः(कल) 36:36:03 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------मिथुन राशि में चन्द्रमा रहेगा।

सूर्य की राशि......धनु राशि में रहेगा।

सौर प्रविष्टे............04, पौष।


   

सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 07:10:00।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:26:35।

चन्द्रोदय का समय:-सायंकाल 17:31:11

चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 31:11:06। 

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:16:34।

रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:43:57


    आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


तीसरे चरण का अक्षर के मृगशिरा नक्षत्र का समय प्रातःकाल  10:06:02 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण की अक्षर के मृगशिरा नक्षत्र का समय सायंकाल 16:51:13 तक रहेगा।

पहले चरण कु अक्षर के आर्द्रा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 23:35:47 तक रहेगा।

दूसरे चरण घ अक्षर के आर्द्रा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 30:19:39 तक रहेगा।


       ।।आंग्ल मतानुसार 19 दिसम्बर 2021  ईस्वी सन।


        ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।      

               

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:58 से दोपहर 12:39 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 



     ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-सायंकाल 16:10 से 17:27 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:18 से 13:35 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:52 से 16:10 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-सायंकाल 16:04 से 16:45 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।


        ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो चॉकलेट या दलिया खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।



           ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


         दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-  


उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:10 से 08:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:27 से 09:44 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:44 से 11:01 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 11:01 से 12:18 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 12:18 से 13:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 13:35 से 14:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-दोपहर 14:52 से 16:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-सायंकाल 16:10 से 17:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


          रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:27 से 19:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:10 से 20:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:53 से 22:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:36 से 24:19 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:19 से 26:02 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:02 से 27:45 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:45 से 29:28 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:28 से 31:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

 


           ।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-धनु लग्न 3°12' गति 243°12' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-मूल नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-मृगशिरा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-धनु राशि में मूल नक्षत्र के पहले चरण के ये अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-मिथुन राशि में मृगशिरा नक्षत्र के तीसरे चरण के का अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के पहले चरण के भू अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-कुम्भ  राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण के गे अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-मकर राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे चरण के भो अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के तीसरे चरण के उ अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के पहले चरण के ना अक्षर में रहेगा। 


       ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


19 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 01 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 1, 10, 19 व 28 तारीख शुभ है।

शुभ-वार:-रविवार, सोमवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 1, 10, 19, 28, 37, 46, 55, 64, 73, 82 और 91 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-पूर्व दिशा।

शुभ-रंग:-पिला, सुनहरा, नारंगी, ताम्रवर्ण।

शुभ-रत्न:-माणिक्य।

शुभ-धातु:-सोना, ताँबा।

आराध्य-देव:-सूर्य देव व शिव भगवान।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ घृणिः सूर्याय नमः ।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

              6        1       8

              7        5       3

              2        9       4

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3, 9।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 6, 7, 8।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5।