झाड़ू कब खरीदे कहां रखें, जानें झाड़ू के नियम और महत्व (When to buy a broom, where to keep it, know the rules and importance of broom):-झाड़ू में धन की देवी महालक्ष्मी का वास:-प्राचीन काल में निवास स्थान की जगह और आस-पास की जगह को स्वच्छ रखने के लिए किसी भी पेड़ की डालियों या घास-फूस को इकठ्ठा करके झाड़ू का रूप दिया जाता था। उस झाड़ू से समस्त तरह के कूड़ा-कचरा आदि को साफ करने के लिए प्रयोग में लिया जाता था। हिन्दुधर्म शास्त्र के अनुसार झाड़ू को एक पवित्र एवं देवी लक्ष्मीजी का स्वरूप बताया गया हैं। क्योंकि लक्ष्मी का निवास उस स्थान पर करती हैं, जहां पर साफ-सफाई होती हैं। उसी तरह झाड़ू भी निवास स्थान एवं आसपास की जगहों की सफाई करने में महत्वपूर्ण योगदान देता हैं। माता शीतला भी एक हाथ में झाड़ू होता है, जिसका अर्थ माता शीतला भी साफ-सफाई के बारे में बताती हैं, की जब मनुष्य के द्वारा साफ-सफाई रखेगे तो उनको किसी भी तरह की व्याधि नहीं होगी। हिन्दुधर्म शास्त्र में झाड़ू में माता लक्ष्मीजी का निवास स्थान माना जाता हैं, जब किसी भी मनुष्य के द्वारा झाड़ू का अपमान करते हैं, तो माता लक्ष्मीजी का अपमान हो जाता है और उस निवास स्थान के मनुष्य को रुपयों-पैसों का नुकसान झेलना पड़ता हैं। मनुष्य को अपने निवास स्थान पर कभी झाड़ू को पैर से नहीं छूना चाहिए। जो मनुष्य पैर से झाड़ू को छूते है, तो उन मनुष्य से माता लक्ष्मीजी नाराज हो जाती हैं और उस मनुष्य के निवास स्थान में गृह-क्लेश होने लगता हैं। धनतेरस के दिन भी झाड़ू खरीदकर लाने की धारणा हैं। दीपावली में लक्ष्मीजी की पूजा करते समय झाड़ू का भी पूजन किया जाता हैं। जब मनुष्य के द्वारा नवीन गृह प्रवेश या दूसरे गृह में प्रवेश करते समय चूल्हा पूजन या गैस चूल्हा, मटका आदि के साथ झाड़ू को भी पूजते हैं।
झाड़ू खरीदना कब शुभ माना जाता है?(When is it considered shubh to buy a broom):-हमारी परंपराएं, हमारी विरासत, घर की दरिद्रता दूर करती हैं।
झाड़ू के प्रकार:-हिन्दुधर्म में झाड़ू को बहुत ही महत्व दिया हैं। झाड़ू को अनेक तरह की वस्तुओं के द्वारा बनाने अनेक प्रकार बताया गए हैं, कि उनमें से दो प्रकार समय के आधार पर निम्नलिखित हैं-
१.पुराने समय में झाड़ू बनाने में:-अनेक तरह की घासों से, पेड़ो की पत्तियां एवं पौधों के पतले तनो को इकट्ठा करके बनाया जाता हैं।
2.आधुनिक युग में झाड़ू बनाने में:-पेड़-पौधों का, फाइबर, प्लास्टिक एवं सिंको का उपयोग होता हैं।
नयी झाड़ू को लाने के वार, तिथि एवं पक्ष:-जब मनुष्य अपने निवास स्थान को साफ रखने के लिए नयी झाड़ू को वार, तिथि एवं पक्ष को ध्यान में रखते हुए लाना चाहिए।
१.नयी झाड़ू को लाने के वार:-मनुष्य को नयी झाड़ू अपने निवास स्थान में लाने के लिए शुभ वार मंगलवार, शनिवार एवं इतवार को माना गया हैं। इन दिनों में झाड़ू को खरीदकर लाने से निवास स्थान में धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं।
२.नयी झाड़ू को लाने की तिथि:-मनुष्य को नयी झाड़ू अपने निवास स्थान में लाने के लिए शुभ तिथि अमावस्या को माना गया हैं।
३.नयी झाड़ू को लाने का पक्ष:-मनुष्य को नयी झाड़ू अपने निवास स्थान में लाने के लिए शुभ पक्ष कृष्णपक्ष को माना गया हैं। शुक्लपक्ष में कभी भी झाड़ू को खरीदकर नहीं लाना चाहिए, अन्यथा मनुष्य को रुपये-पैसों का नुकसान हो सकता हैं और माता लक्ष्मीजी रुष्ट हो जाती हैं।
४.नयी झाड़ू को लाने के धार्मिक पर्व या त्यौहार:-मनुष्य को नयी झाड़ू लाना हो तो धार्मिक पर्व या त्यौहार के अनुसार ला सकते हैं। होलिका दहन, धनतेरस के दिन एवं दीपावली के बाद और सूर्य ग्रहण या चन्द्र ग्रहण के समय में नयी झाड़ू को बाजार से खरीदकर लाना शुभ होता है, इससे माता लक्ष्मी खुश होती हैं और समस्त तरह के सुख एवं समृद्धि प्रदान कर देती हैं।
५.प्रवेश द्वार के पीछे छोटी झाड़ू रखना:-अपने निवास स्थान के प्रवेश द्वार के दरवाजे के पीछे की तरफ एक छोटी झाड़ू को किसी खूंटी पर लगाकर रखना चाहिए, जिससे माता लक्ष्मीजी का आशीर्वाद मिलता रहे।
6.अपने निवास स्थान में ईश्वर की पूजा की जगह पर:-मनुष्य के द्वारा अपने ईश्वर की पूजा करने की जगह की दिशा ईशान कोण में किसी भी तरह की गंदगी, कूड़ा-करकट एवं झाड़ू को नहीं रखना चाहिए। इस तरह से इष्टदेव की पूजा की दिशा में गन्दगी, कूड़ा-करकट एवं झाड़ू रखने पर मनुष्य के निवास स्थान में निवास करने वाले सदस्यों के मन में नकारात्मक ऊर्जा की बढ़ोतरी हो जाती हैं, जिससे सकारात्मक भाव समाप्त हो जाते हैं और निवास स्थान में नुकसान होने लगता हैं।
नयी झाड़ू को एक साथ लाने की संख्या:-मनुष्य को जब भी नयी झाड़ू बाजार से लानी हो तो सम संख्या जैसे-दो आदि को ध्यान में रखते हुए खरीदना चाहिए। मनुष्य को झाड़ू बाजार से एक कि संख्या में नहीं लेना चाहिए।
◆मनुष्य को सम संख्या के अलावा जब बाजार से झाड़ू को खरीदना हो, तो कम से कम दो की संख्या में और ज्यादा से ज्यादा तीन की संख्या में होना चाहिए।
निवास स्थान झाड़ू को रखने की दिशा:-मनुष्य को अपने निवास स्थान में झाड़ू को उत्तर दिशा में रखना चाहिए। यदि निवास स्थान की उत्तर दिशा में नहीं रख पाने पर पश्चिम दिशा में रख सकते हैं।
निवास स्थान पर नयी झाड़ू को लाने के बाद एवं उपयोग में लेने से पूर्व धागा बांधना:-मनुष्य के द्वारा जब निवास स्थान पर नयी झाड़ू को लेकर आने पर उसको उपयोग लेने से पहले उसके हत्था या दस्ता पर किसी भी तरह का स्वच्छ श्वेत या काले रंग या लाल रंग का धागे को लपेटना चाहिए।
पुरानी झाड़ू को बदलने एवं उपयोग में लेने का दिन:-जब झाड़ू बहुत पुराना हो जाता हैं, तब उस झाड़ू को शनिवार के दिन बदलकर नया झाड़ू को उपयोग में लेना चाहिए।
निवास स्थान की सफाई करने में झाड़ू का उपयोग का सबसे बढ़िया समय:-मनुष्य को अपने निवास स्थान में प्रातःकाल जल्दी उठकर साफ-सफाई के उपयोग में झाड़ू लेना का सबसे बढ़िया समय होता हैं, क्योंकि बासी कचरा निकलना से गरीबी दूर हो जाती हैं। उसके बाद ही दूसरा काम करना चाहिए।
झाड़ू जब पुरानी होने पर कब फैंके या कब नहीं फैंके:-मनुष्य को पुरानी झाड़ू को फैंकते समय वार एवं तिथि को ध्यान रखते हुए बाहर फेंकना चाहिए-
१.जब बहुत समय की झाड़ू होने पर बाहर नहीं डालने के वार एवं तिथि:-मनुष्य की जब झाड़ू बहुत समय की हो जाती हैं, यदि उस झाड़ू को बाहर डालना हो तो उनको विशेषकर ध्यान रखना चाहिए कि उस दिन मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार का दिन नहीं होना चाहिए।
२.दीपावली मे लक्ष्मी पूजा में प्रयोग झाड़ू को:-दीपावली में लक्ष्मी पूजा के दिन में भी झाड़ू को उस जगह से नहीं हटाना चाहिए।
३.तिथि के अनुसार झाड़ू को बाहर नहीं डालना:-मनुष्य को बहुत पुरानी झाड़ू को एकादशी तिथि एवं पूर्णिमा तिथि में अपने निवास स्थान से जगह नहीं छुड़ानी चाहिए।
निवास स्थान में झाड़ू रखने से सम्बंधित बातें, नियम एवं सावधानियां:-मनुष्य को अपने निवास स्थान में किस-किस जगह पर झाड़ू को नहीं रखना चाहिए, उन जगहों की जानकारी निम्नलिखित हैं-
1.झाड़ू को पैर न छूना:-मनुष्य को कभी भी झाड़ू को पैर नहीं छूना चाहिए, यदि मनुष्य के द्वारा पैर से स्पर्श हो जाता हैं तो उस मनुष्य को महालक्ष्मी जी के स्वरूप झाड़ू से माफी की अरदास करनी चाहिए।
2.झाड़ू का उपयोग न होने पर सबकी नजर दृष्टि से ओझल रखना:-जब निवास स्थान के समस्त जगहों की सफाई झाड़ू से करने के बाद झाड़ू को अपनी नजर दृष्टि से दूर रखते हुए उसको छुपाकर रखना चाहिए।झाड़ू का उपयोग होने के बाद झाड़ू को सबकी नजरों से बचाकर रखना चाहिए, जिससे उनकी नजर दृष्टि नहीं पड़ सके। यदि मनुष्य झाड़ू को किसी कपड़े या किसी दूसरी वस्तु के द्वारा ढ़क कर रखना चाहिए।
3.सूर्य के अस्त होने पर झाड़ू का उपयोग न करना:-जब सायंकाल सूर्य अस्त होने लगता हैं, तो मनुष्य को कभी भी अपने घर में झाड़ू का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि सायंकाल का समय पूजा-पाठ का होता हैं, उस समय झाड़ू के द्वारा सफाई करने से ईश्वर नाराज होते हैं, निवास स्थान के निवासियों को धन से सम्बंधित नुकसान को भोगना पड़ता हैं।
4.झाड़ू को लेटी हुई अवस्था में रखना:-मनुष्य को अपने निवास स्थान की किसी भी जगह पर झाड़ू को कभी भी खड़ा नहीं रखना चाहिए, क्योंकि झाड़ू को खड़ा रखने से मनुष्य को दूसरों मनुष्य के आगे हाथ फैलाने की नोबत आ जाती हैं और घर के सदस्यों के बीच में मतभेद शुरू हो जस्ते है। जिससे घर का माहौल बिगड़ जाता है और दूसरे मनुष्य इसमें हस्तक्षेप करने लग जाते हैं। इसलिए झाड़ू को लेटी हुई अवस्था में रखना चाहिए।
5.निवास स्थान की छत पर या निवास स्थान से बाहर की तरफ झाड़ू:- को नहीं रखना चाहिए। इस तरह से करने पर निवास स्थान की जगह पर स्तेय या चौर्य होने से सम्बंधित डर मन में बनना शुरू हो जाता हैं। लेकिन रात्रिकाल के समय में छत या बालकनी में रखा जा सकता है।
6.दम्पति के सोने के कमरे झाड़ू को नहीं रखना:-मनुष्य को दम्पति के सोने की जगह पर झाड़ू को नही रखना चाहिए। यदि ऐसा करते है, तो दम्पति के दाम्पत्य जीवन में क्लेश एवं दुःख बढ़ जाता हैं।
7.अपने निवास स्थान में ईश्वर की पूजा की जगह पर:-मनुष्य के द्वारा अपने ईश्वर की पूजा करने की जगह की दिशा ईशान कोण में किसी भी तरह की गंदगी, कूड़ा-करकट एवं झाड़ू को नहीं रखना चाहिए। इस तरह से इष्टदेव की पूजा की दिशा में गन्दगी, कूड़ा-करकट एवं झाड़ू रखने पर मनुष्य के निवास स्थान में निवास करने वाले सदस्यों के मन में नकारात्मक ऊर्जा की बढ़ोतरी हो जाती हैं, जिससे सकारात्मक भाव समाप्त हो जाते हैं और निवास स्थान में नुकसान होने लगता हैं।
8.संख्या के आधार पर झाड़ू:-संख्या के आधार पर निवास स्थान में दो झाड़ू को एक साथ नहीं रखना चाहिए।
9.भोजन कक्ष एवं डायनिंग कमरे में नहीं रखना:-मनुष्य को अपने भोजन कक्ष एवं डायनिंग कमरे में भी झाड़ू को नहीं रखना चाहिए।
10.झाड़ू को नियमित रूप से साफ रखना चाहिए।
11.पानी से भीगा हुआ झाड़ू को किसी ऐसे स्थान पर रखना चाहिए, जिससे वह सुख जावे।
12.जब झाड़ू बहुत पुरानी हो जाती हैं, तब उस झाड़ू का उपयोग नहीं करना चाहिए और अपने निवास स्थान में नहीं रखना चाहिए।
13.जब झाड़ू पुरानी हो जाती हैं, तो उसे कभी भी नहीं जलाना चाहिए। इस तरह से करने पर माता लक्ष्मीजी की अनुकृपा कम हो जाती हैं।
14.झाड़ू के सिंके बिखरने लगते हैं, तो उनको इकट्ठा करना चाहिए। उन सींकों को इधर-उधर बिखेरना नहीं चाहिए। यदि ऐसा करने पर मनुष्य के जीवनकाल में परिवार के सदस्यों में मतभेद होकर एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं।
15.निवास स्थान की छत पर या निवास स्थान से बाहर की तरफ झाड़ू को नहीं रखना चाहिए। इस तरह से करने पर निवास स्थान की जगह पर स्तेय या चौर्य होने से सम्बंधित डर मन में बनना शुरू हो जाता हैं।
16.मनुष्य को अपने सोने के बिस्तर या पलंग के नीचे भी झाड़ू को नहीं रखना चाहिए।
17.निवास स्थान के मुख्य दरवाजे के पीछे झाड़ू को नहीं रखना:-मनुष्य मुख्य दरवाजे के पीछे भी या नजदीक भी नहीं रखना चाहिए। इससे निवास करने वाले मनुष्य में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मनुष्य अपने सफल होने वाले कार्य में असफलता मिलती हैं।
18.यदि रात्रिकाल हो तो झाड़ू को मुख्य दरवाजे के नजदीक रख सकते हैं।
19.झाड़ू अखण्डित एवं साफ:-झाड़ू एकदम अखण्डित एवं साफ होनी चाहिए, उसके सिंके बिखरे हुए नहीं होने चाहिए।
20.झाड़ू पूर्ण सिंको से युक्त:-होनी चाहिए, किसी भी तरह टूटी-फूटी, सिंके इधर-उधर निकले एवं पूरी विकसित रूप में नहीं होने पर मनुष्य को रुपये-पैसों के लिए दूसरे मनुष्य के आगे हाथ फैलाने पढ़ते है और गरीबी बढ़ती जाती हैं।
झाड़ू को किस समय पर नहीं लगाना:-मनुष्य को कुछ विशेष समय पर झाड़ू नहीं लगाना चाहिए-
१.निवास स्थान के सदस्यों के बाहर जाने के बाद झाड़ू नहीं लगाए:-जब निवास स्थान सदस्य जब बाहर निकलते है, तो मनुष्य को तुरंत उनके जाने के पीछे कभी झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। यदि झाड़ू लगाने की जरूरत हो तो दो या तीन घण्टे के बाद झाड़ू को लगाना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से मनुष्य के अशुभ समाचार की सम्भावना बनती हैं।
2.मनुष्य के द्वारा अपने विशेष कार्य के लिए अपने निवास स्थान से बाहर जाने पर:-जब मनुष्य के द्वारा अपने निवास स्थान से अपने विशेष कार्य जैसे-धार्मिक कार्य, रोजगार आदि के लिए जाने के पीछे से झाड़ू को नहीं निकलना चाहिए। जब मनुष्य के निकलने के बाद जब पीछे से झाड़ू निकाला जाता है, तो उस मनुष्य का कार्य सफल नहीं हो पाता है और निराशा के भाव उत्पन्न होते हैं।
३.निवास स्थान में पूजा-पाठ या हवन आदि होने पर:-जब आवास में मनुष्य के द्वारा पूजा-पाठ या हवन आदि धार्मिक कार्य में बैठे रहने पर भी पूजा के दौरान भी झाड़ू नहीं निकलना चाहिए।
4.पूजा-पाठ एवं हवन की जगह की सफाई:-जब मनुष्य के आवास में पूजा-पाठ एवं हवन आदि धार्मिक कार्य के दौरान जो सामग्री या वस्तुएं जमीन पर गिर जाती है और पूजा आदि पूर्ण होने पर उस स्थान की सफाई में झाड़ू का उपयोग नहीं करते हुए किसी स्वच्छ वस्त्र के द्वारा सफाई करनी चाहिए।
5.रात्रिकाल में झाड़ू नहीं लगाना:-चाहिए। मनुष्य को परिस्थिति वश यदि झाड़ू रात्रिकाल में लगाना पड़े तो झाड़ू के द्वारा जो कूड़ा-कचरा को एकत्रित करके रखना चाहिए। उस कूड़ा-कचरे को रात्रिकाल में बाहर नहीं डालना चाहिए।
झाड़ू से क्या नहीं करना:-हिन्दुधर्म के अनुसार झाड़ू से सफाई करनी चाहिए, सफाई के अलावा निम्न कार्यों को करते समय उपयोग में नहीं लेना चाहिए-
१.जीव-जंतुओं एवं जानवरों के ऊपर प्रहार करने के उपयोग में नहीं लेना:-मनुष्य को झाड़ू के द्वारा किसी भी तरह के जीव-जंतुओं एवं जानवरों पर प्रहार करने के लिए उपयोग में नहीं लेना चाहिए।
2.लकड़ी के डंडे की तरह प्रहार में उपयोग नहीं करना:-मनुष्य को झाड़ू के द्वारा कूड़ा-कचरा एवं गन्दगी की सफाई करने में लेना चाहिए। झाड़ू लकड़े के डंडे की तरह किसी पर प्रहार करने में उपयोग में नहीं लेना चाहिए।
3.भोजन के अंशो को झाड़ू से साफ नहीं करना:-मनुष्य को भोजन करते समय भोजन के नीचे गिरे हुए अंशों को झाड़ू के द्वारा नहीं साफ करना चाहिए, क्योंकि मनुष्य के द्वारा ऐसा करने माता लक्ष्मीजी के साथ अन्नपूर्णा माता भी नाराज हो जाती हैं, जिससे अन्न के लिए मनुष्य को तरसना पड़ सकता हैं।
झाड़ू का महत्व:-हिन्दुधर्म, ज्योतिष शास्त्र एवं वास्तु शास्त्र के अनुसार झाड़ू का महत्व निम्नलिखित प्रकार से बताया है-
१.वास्तु शास्त्र के मतानुसार:-वास्तु शास्त्र के मतानुसार झाड़ू के द्वारा निवास स्थान की सफाई करने पर उस स्थान में रहने वाले मनुष्य को समस्त तरह के सुख एवं ऐश्वर्य से सम्पन्नता प्रदान करता हैं और समस्त तरह के मानसिक व शारीरिक विकारों को दूर करके नकारात्मक भावों की जगह पर सकारात्मकता को उत्पन्न करती हैं। जिससे मनुष्य का परिवार उन्नति करता हैं।
२.समस्त तरह की व्याधियों से मुक्ति दिलाने में सहायक:-मनुष्य के द्वारा अपने निवास स्थान की नियमित रूप से झाड़ू से सफाई करते रहने पर समस्त की व्याधियों को उत्पन्न करने वाले जीव-जंतुओं से राहत मिलती हैं, जिससे मनुष्य को किसी तरह की व्याधि नहीं हो पाती हैं।
३.गरीबी को दूर करने में सहायक:-मनुष्य अपने निवास स्थान की साफ-सफाई को करते समय बुहारी का प्रयोग करते है, जिससे निवास स्थान की गंदगी, कूड़ा-कचरा आदि की सफाई हो जाती हैं। कूड़ा-कचरा को गरीबी की निशानी माना जाता है। जिस निवास स्थान में गन्दगी रहती हैं उस निवास स्थान पर माता लक्ष्मीजी की बहिन अलक्ष्मी निवास करने लगती हैं।
४.निवास स्थान की स्वच्छता:-मनुष्य को नियमित रूप से अपने निवास स्थान की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। जब स्वच्छता निवास स्थान पर रहेगी तो माता लक्ष्मीजी अपनी अनुकृपा करके उस मनुष्य को रुपये-पैसों, सुख-समृद्धि एवं समस्त तरह से चिन्ताओ से मुक्त कर देती हैं। जो मनुष्य अपने निवास स्थान की स्वच्छता नहीं रखते हैं, उनके निवास स्थान में माता लक्ष्मीजी अपनी कुदृष्टि से उस मनुष्य के समस्त तरह के रास्तों को बंद कर देती हैं।
५.मनुष्य को अपने जीवन में सुख-सुविधा एवं ऐश्वर्य बना रहने के लिए:-मनुष्य को झाड़ू का कभी भी अपने पैर से नहीं छूना चाहिए और कभी भी झाड़ू को लांघ कर नहीं जाना चाहिए। अन्यथा माता लक्ष्मीजी की अनुकृपा नहीं मिलने सुख-सुविधा एवं ऐश्वर्य आदि समस्त नष्ट हो जाते हैं।
झाड़ू से जुड़ी प्राचीन मान्यताएं:-झाड़ू के विषय में प्राचीन कुछ मान्यताएं है, जो इस तरह हैं-
१.झाड़ू का छाने-छुपकर दान करना:-मनुष्य को अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी भी पवित्र स्थान की साफ-सफाई के निमित तीन संख्या में झाड़ू को छाने-चुपके रख कर आना चाहिए, ऐसा करने से मनुष्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होता हैं एवं इज्जत की बढ़ोतरी होती हैं।
२.छोटे बच्चे के द्वारा झाड़ू लगाने का मतलब:-जब मनुष्य के घर पर छोटे बच्चे के द्वारा झाड़ू को पकड़ कर लगाने का प्रक्रम करने पर उस मनुष्य के घर में कोई अतिथि आने के संकेत मिलते हैं।
३.मनुष्य को अपने स्वप्न में किसी के द्वारा झाड़ू भेंट का फल:-जब मनुष्य को स्वप्न में किसी के द्वारा भेंट के स्वरूप झाड़ू मिलें तो उस मनुष्य को कहीं से भी धन मिलने के शुभ समाचार प्राप्त होते है और ऐशो-आराम की इशारा होता हैं।
४.जब मनुष्य के द्वारा स्वप्न में खुद कचरा झाड़ू से:- निकलता हुआ आये तो मनुष्य के निवास स्थान पर चोरी की पूर्ण सम्भावना बन जाती हैं।
५.किराए के आवास एवं नवीन आवास में प्रवेश होने से पहले नयी झाड़ू को ले जाना:-जब मनुष्य किराया का आवास लेता है और नए आवास में प्रवेश करने से पूर्व उन मनुष्य को नई झाड़ू को अपने साथ ले जाना चाहिए।
6.जब आवास को बदलना हो तो:-जब मनुष्य के द्वारा अपना आवास बदलते समय उनको विशेष रूप से अपने पुराने आवास में अपनी पुरानी झाड़ू को भी साथ में लेना चाहिए। यदि मनुष्य ऐसा नहीं करते हैं, तो माता लक्ष्मीजी नाराज होकर उस पुराने आवास में ही रह जाती हैं, जिससे मनुष्य को माता लक्ष्मीजी की अनुकृपा नहीं मिल पाती है और मनुष्य को सुख-सम्प्रदा की कमी का सामना करना पड़ सकता हैं।
७.स्वप्न में झाड़ू का दश्यमान होने का मतलब:-जब मनुष्य को स्वप्न में झाड़ू दिखाई देता हैं, तो उस मनुष्य को किसी भी तरह से घाटा होने की सम्भावना बनती हैं।
८.वास्तु शास्त्र के अनुसार:-मनुष्य को अपने पूजाघर की साफ-सफाई करने के लिए एक स्वच्छ वस्त्र को अलग लेकर रखना चाहिए।