आज का पंचांग दिनांक 10 जनवरी 2022(Aaj ka panchang date 10 January 2022):-अष्टमी तिथि के स्वामी:-अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे भगवान भोलेनाथ जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।
अष्टमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-अष्टमी तिथि के दिन मनुष्य को खेती, व्यापार, धान्य, पत्थर, लौह, संग्राम, भूषण, शिवजी की स्थापना, जलाशय या कूप खनन आदि का काम करना ठीक रहता है।
नवमी तिथि के स्वामी:-नवमी तिथि के स्वामी दुर्गा माता जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे माता दुर्गा जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे,जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।
नवमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-नवमी तिथि के दिन मनुष्य को अपने दुश्मन का शमन, अर्थवविद्या (जादू-टोना), अस्त्र-शस्त्र, लौह, अग्नि, बन्धन, उच्चाटन, मारण, उग्र काम, घात, शल्यकाम, सांग्रामिक काम, तीर्थ यात्राएं, मेले आदि के कामों को करना ठीक रहता है।
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:08 से दोपहर 12:50 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
विशेष:-आज के दिन गण्डमूल नक्षत्र रहने से गण्डमूल मुहूर्त रहेगा, जो इस तरह हैं।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-अहोरात्र 24:00 तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।
विशेष:-आज के दिन पंचक रहेगा।
पंचक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:17 से प्रातःकाल 08:48 तक रहेगा, जो कि अशुभ समय हैं।
विशेष:-आज के दिन आचार्य जिनानन्द सागर पुण्य खरगच्छ जैन की हैं।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------10 जनवरी 2022।
महीना (अमावस्यांत् )---------पौष।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------पौष।
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5123।
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2078 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1943 शक संवत।
ऋतु-----------------------------शिशिर ऋतु।
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे।
सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।
संवत्सर--------------------------प्लव ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----अष्ठमी तिथि दोपहर 12:23:49 तक रहेगी,
उसके बाद नवमी तिथि दोपहर 12:23:49 से शुरू होकर प्रातः(कल) 38:21:10 तक रहेगी।
वार-------------सोमवार।
नक्षत्र--------रेवती नक्षत्र प्रातःकाल 08:48:16 तक रहेगा,
उसके बाद
नक्षत्र----------अश्विनी नक्षत्र प्रातःकाल 08:48:16 से शुरू होकर प्रातः(कल) 35:08:34 तक रहेगी।
योग......शिव योग प्रातःकाल 10:34:32 तक रहेगा,
उसके बाद में
योग.........सिद्ध योग प्रातःकाल 10:34:32 से शुरू होकर प्रातः(कल) 34:34:32 तक रहेगा।
करण.....बव करण दोपहर 12:23:49 तक रहेगा,
उसके बाद
करण.........बालव करण प्रातः(कल) 25:17:56 तक रहेगा,
उसके बाद में
करण........कौलव करण प्रातः(कल) 25:17:56 से शुरू होकर प्रातः(कल) 38:21:10 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------मीन राशि में चन्द्रमा प्रातःकाल 08:48:16 तक रहेगा,
उसके बाद में मेष राशि में चन्द्रमा शुरू होगा।
सूर्य की राशि......सूर्य धनु राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............26, पौष।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 07:16:36।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:40:48।
चन्द्रोदय का समय:-दोपहर 13:26:40।
चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 25:27:14।
दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:24:11।
रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:35:48।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
चतुर्थ चरण ची अक्षर के रेवती नक्षत्र का समय प्रातःकाल 08:48:26 तक रहेगा।
पहले चरण चु अक्षर के अश्विनी नक्षत्र का समय दोपहर 15:19:52 तक रहेगा।
दूसरे चरण चे अक्षर के अश्विनी नक्षत्र का समय रात्रिकाल 21:53:54 तक रहेगा।
तीसरे चरण चो अक्षर के अश्विनी नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 28:30:12 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 10 जनवरी 2022 ईस्वी सन।।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल दोपहर 12:08 से दोपहर 12:50 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:35 से 09:53 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:11 से 12:29 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:47 से 15:05 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:50 से 13:31 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:54 से 15:36 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-अहोरात्र तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।
पंचक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:17 से प्रातःकाल 08:48 तक रहेगा, जो कि अशुभ समय हैं।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-पूर्व दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो चन्दन लगाकर या चन्दन का दान करके या दूध पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार, सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:17 से 08:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:35 से 09:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:53 से 11:11 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 11:11 से 12:29 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 12:29 से 13:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-दोपहर 13:47 से 15:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 15:05 से 16:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-सायंकाल 16:23 से 17:41 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:41 से 19:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:23 से 21:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:05 से 22:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:47 से 24:29 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:29 से 26:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:11 से 27:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:53 से 29:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:35 से 31:17 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-धनु लग्न 25°37' गति 265°37' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र:-पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-रेवती नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के चौथे चरण के ढा अक्षर में रहेगा।
चन्द्रमा ग्रह:-मीन राशि में रेवती नक्षत्र के चौथे चरण के ची अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के यी अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-कुम्भ राशि में शतभिषा नक्षत्र के पहले चरण के गो अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के चौथे चरण के ढा अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीसरे चरण के खे अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के तीसरे चरण के उ अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के पहले चरण के ना अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
10 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 01 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 1, 10, 19 व 28 तारीख शुभ है।
शुभ-वार:-रविवार, सोमवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 1, 10, 19, 28, 37, 46, 55, 64, 73, 82 और 91 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-पूर्व दिशा।
शुभ-रंग:-पिला, सुनहरा, नारंगी, ताम्रवर्ण।
शुभ-रत्न:-माणिक्य।
शुभ-धातु:-सोना, ताँबा।
आराध्य-देव:-सूर्य देव व शिव भगवान।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ घृणिः सूर्याय नमः ।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
6 1 8
7 5 3
2 9 4
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3, 9।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 6, 7, 8।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5।