आज का पंचांग दिनांक 27 अप्रैल 2022(Aaj ka panchang Date 27 April 2022):-द्वादशी तिथि के स्वामी श्रीविष्णुजी भगवान की पूजा-आराधना करके श्रीविष्णुजी को खुश करना चाहिए।जिससे विष्णुजी भगवान की अनुकृपा बनी रहे और उनका आशीर्वाद मिल सके।जिससे मनुष्य के जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिलकर धन-धान्य से भंडार भर सके।
द्वादशी तिथि के दिन करने काम योग्य :-द्वादशी तिथि के दिन में मनुष्य को समस्त चर एवं स्थिर काम, दान, शांति एवं पौष्टिक काम, यात्रा एवं अन्नग्रहण के अलावा दूसरे काम करना ठीक रहता हैं।
त्रयोदशी तिथि के स्वामी:-त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेवजी की पूजा-अर्चना करके कामदेवजी को खुश करना चाहिए, जिससे कामदेव जी खुश होकर मनुष्य के दाम्पत्य जीवन में प्रेम की भावना बढ़ सके और मनुष्य के जीवन में चारों ओर प्रेम ही प्रेम रह सके। जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और मनुष्य को अपने दाम्पत्य जीवन सुख-शांति एवं प्यार की प्राप्ति हो सके।
त्रयोदशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-त्रयोदशी तिथि के दिन में मनुष्य को अग्न्याधान, प्रतिष्ठा, विवाह, उपनयन, समस्त मांगलिक काम, यात्रा आदि काम करना ठीक रहता है।
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर प्रातःकाल 11:53 से दोपहर 12:45 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
विशेष:-आज के दिन पंचक रहेगा।
पंचक मुहूर्त का समय:-अहोरात्र तक रहेगा, जो की अशुभ मुहूर्त हैं।
विशेष:-आज के दिन बरूथिनी एकादशी व्रतं हैं।
विशेष:-आज के दिन निम्बार्क श्रीसेन जंयती ७२२ वीं हैं।
विशेष:-आज के दिन भरण्यां रविः प्रातः(कल) 24:30 प्रवेश करेगा।
विशेष:-आज के दिन मीने शुक्रः सायंकाल 18:16 प्रवेश करेगा।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------27 अप्रैल 2022।
महीना (अमावस्यांत् )---------चैत्र।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------वैशाख।
पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5124।
विक्रम संवत्-------------------2079 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2078 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1944 शक संवत।
ऋतु-----------------------------बसंत-ग्रीष्म ऋतु।
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे।
सूर्य का गोल----------------- उत्तर गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------शुभकृत।
संवत्सर--------------------------राक्षस ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----द्वादशी तिथि प्रातः(कल) 24:23:06 तक रहेगी,
उसके बाद त्रयोदशी तिथि प्रातः(कल) 24:23:06 से शुरू होकर प्रातः(कल) 25:37:29 तक रहेगी।
वार-------------बुधवार।
नक्षत्र--------पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र सायंकाल 17:03:58 तक रहेगा,
उसके बाद
नक्षत्र----------उत्तराभाद्रपद नक्षत्र सायंकाल 17:03:58 से शुरू होकर प्रातः(कल) 41:39:00 तक रहेगा।
योग......ऐन्द्र योग सायंकाल 17:34:46 तक रहेगा,
उसके बाद में
योग.........वैधृति योग सायंकाल 17:34:46 से शुरू होकर प्रातः(कल) 40:26:54 तक रहेगा।
करण.....कौलव करण दोपहर 12:31:55 तक रहेगा,
उसके बाद
करण........तैतिल करण प्रातः(कल) 24:23:06 तक रहेगा,
उसके बाद में
करण.......गर करण प्रातः(कल) 24:23:06 से शुरू होकर प्रातः(कल) 36:21:04 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------कुंभ राशि में चन्द्रमा प्रातःकाल 10:59:21 तक रहेगा।
उसके बाद चन्द्रमा की राशि-------मीन राशि में चन्द्रमा प्रातःकाल 10:59:21 से शुरू होगा।
सूर्य की राशि......सूर्य मेष राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............14, वैशाख।
सूर्य का उदय व अस्त, दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:45:21।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:52:32।
चन्द्रोदय का समय:-प्रातः(कल) 28:22:00।
चन्द्रास्त का समय:-दोपहर 15:43:01।
दिनमान का समय:-दोपहर 13:07:11।
रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 10:51:55।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
तीसरे चरण दा अक्षर के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का समय प्रातःकाल 10:59:21 तक रहेगा।
चतुर्थ चरण दी अक्षर के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का समय सायंकाल 17:03:58 तक रहेगा।
पहले चरण दू अक्षर के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय रात्रिकाल 23:10:13 तक रहेगा।
दूसरे चरण थ अक्षर के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 29:18:07 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 27 अप्रैल 2022 ईस्वी सन।।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:53 से दोपहर 12:45 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:19 से 13:57 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:24 व से 09:02 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:41 से 12:19 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:53 से 12:45 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
पंचक मुहूर्त का समय:-अहोरात्र तक रहेगा, जो की अशुभ मुहूर्त हैं।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या पुष्प का दान करके या दूध पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये, उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे, लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे, काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो, सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार, सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:45 से 07:24 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:24 से 09:02 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:02 से 10:41 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:41 से 12:19 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-दोपहर 12:19 से 13:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 13:57 से 15:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-दोपहर 15:36 से 17:14 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-सायंकाल 17:14 से 18:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:53 से 20:14 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:14 से 21:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:36 से 22:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:57 से 24:19 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:19 से 25:40 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:40 से 27:01 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:01 से 28:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:23 से 29:44 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मेष लग्न 12°34' गति 12°34' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र:-अश्विनी नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात, नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र के चौथे चरण के ला अक्षर में रहेगा।
चन्द्रमा ग्रह:-कुंभ राशि में शतभिषा नक्षत्र के तीसरे चरण के सी अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-कुम्भ राशि में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तीसरे चरण के सी अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के दूसरे चरण के ई अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-मीन राशि में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के चौथे चरण के दी अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-कुम्भ राशि में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तीसरे चरण के दा अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में घनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-मेष राशि में कृत्तिका नक्षत्र के पहले चरण के अ अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-तुला राशि में विशाखा नक्षत्र के तीसरे चरण के ते अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
27 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 09 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-वार:--मंगलवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 9, 18, 27, 36, 45, 54, 63, 72, 81, 90 और 99 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-दक्षिण।
शुभ-रंग:--लाल।
शुभ-रत्न:-मूँगा।
शुभ-धातु:-ताँबा।
आराध्य-देव:-कार्तिकेय और हनुमानजी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ अं अंगारकाय नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
8 3 10
9 7 5
4 11 6
मित्र-अंक(मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3,7 और 9।
शत्रु-अंक(मालिक ग्रह के अनुसार):--4 और 5।
सम-अंक(मालिक ग्रह के अनुसार):-6 और 8।